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सुबह-सुबह साइकिल से दौड़ लगाने को मजबूर हैं गोरखपुर के नगर आयुक्त, जाने वजह - नगर आयुक्त गोरखपुर

गोरखपुर के नगर आयुक्त आजकल सुबह-सुबह अपनी साइकिल से सड़कों पर निकल लेते हैं. इस दौरान वह लोगों और सफाई कर्मियों से बात कर जल निकासी और स्वच्छता संबंधी समस्याओं की जानकारी लेते हैं.

साइकिल से दौड़ लगाते गोरखपुर के नगर आयुक्त
साइकिल से दौड़ लगाते गोरखपुर के नगर आयुक्त
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Published : May 19, 2023, 9:11 PM IST

साइकिल से दौड़ लगाते गोरखपुर के नगर आयुक्त

गोरखपुर: सीएम सिटी गोरखपुर में नगरीय व्यवस्था और समस्या की बात करें, तो जल निकासी और स्वच्छता यहां की प्रमुख समस्याओं में शामिल है. जिसके निजात को लेकर जहां विपक्षी सरकार पर हमला बोलते हैं, वही सीएम योगी आदित्यनाथ मंच से इस समस्या को दूर करने का दावा करते हैं. एक बार फिर बारिश का सीजन शुरू होने वाला है. नगर निगम चुनाव संपन्न होने के बाद नए महापौर और कार्यकारिणी के ऊपर भी, स्वच्छता और जल निकासी को दुरुस्त रखने का बड़ा चैलेंज होगा. यह जनता से उनका चुनावी वादा था. लेकिन उसके पहले निगम प्रशासन की कार्यशैली पर कोई सवाल न उठे.

गोरखपुर के नगर आयुक्त सफाई कर्मियों से बात करते हुए
गोरखपुर के नगर आयुक्त सफाई कर्मियों से बात करते हुए

शहर स्वच्छता में प्रदेश में टॉप पर हो. जल निकासी में कहां-कहां किस तरह की समस्या आ सकती है, उसकी जानकारी लेने के लिए खुद युवा नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल आजकल सुबह-सुबह साइकिल पर सवार होकर, विभिन्न मोहल्लों के लिए निकल पड़ते हैं. इस दौरान वह सिर्फ कमियों को ही नहीं ढूंढते. सफाई कार्य में जो उनके महिला- पुरुष कर्मचारी लगे होते हैं, उनका भी उत्साह बढ़ाते हैं. उनसे काम के संबंध में जानकारी लेते हैं. इसी के साथ समस्याओं को लेकर मोहल्ले के लोगों से भी बातचीत कर स्वच्छता और जल निकासी के संबंध में उनकी राय लेते हैं.

गोरखपुर के नगर आयुक्त सफाई कर्मियों से बात करते हुए
गोरखपुर के नगर आयुक्त सफाई कर्मियों से बात करते हुए
पिछले एक सप्ताह से नगर आयुक्त के सुबह-सुबह साइकिल से निकलने, कार्यों के निरीक्षण करने का क्रम जारी है. जिसका असर तत्काल और भविष्य में भी देखने को मिल सकता है. लेकिन एक चीज यह भी तय है कि जब वरिष्ठ अधिकारी सुबह-सुबह ही इन समस्याओं को दुरुस्त करने के लिए निकल रहा हो तो, उसके मातहतों की जो जिम्मेदारी है उससे पूरी करने के लिए और बढ़ जाती है. इसलिए सफाई निरीक्षक से लेकर प्रत्येक वार्ड के सुपरवाइजर भी नगर आयुक्त के इस कदम से सतर्क होकर, भाग दौड़ शुरू कर दिए हैं.
गोरखपुर के नगर आयुक्त सफाई कर्मियों से बात करते हुए
गोरखपुर के नगर आयुक्त सफाई कर्मियों से बात करते हुए

नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल अपने साइकिल भ्रमण के संबंध में कहते है कि इससे तीन प्रकार का लाभ कम से कम उन्हें प्राप्त हो रहा है. उनकी मॉर्निंग वॉक हो रही है और सेहत अच्छी रहेगी. साथ ही इस शहर की सेहत भी सुधारने की जो उनके ऊपर जिम्मेदारी है वह भी ईमानदारी के साथ निभाई जा सकेगी. इस तरह के भ्रमण से अगर राजकोष के कुछ ईंधन रूपी तेल को बचाया जा सकेगा, तो वह भी बड़ी उपलब्धि होगी. जल निकासी से ही, गोरखपुर नगर की व्यवस्था की पोल खुलती है. साथ ही अब स्वच्छता भी बड़ी चुनौती है। यह चुनावी वादे का बड़ा हिस्सा रही है. ऐसे में इस व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए खुद जोड़ना पड़ेगा और लोगों को जागरूक भी करना पड़ेगा.

नगर आयुक्त अपने इस अभियान में सूरजकुंड में सफाई व्यवस्था और निर्माणाधीन बसियाडीह नाले का निरीक्षण किया गया. निरीक्षण के दौरान ज़ोनल सेनेटरी अधिकारी अखिलेश श्रीवास्तव, सहायक अभियंता शैलेष कुमार, अवर अभियंता राजकुमार भी उपस्थित थे. तिवारी हाता से बॉबीना होटल तक मेन रोड पर कई जगह गंदगी का ढेर पड़ा मिला. जिसके बाद वहां 04 डस्टबिन रखे गए हैं. सरस्वती विद्या मंदिर, आर्यनगर के ठीक सामने सड़क पर कूड़ा मिला. डस्टबिन के बाहर कूड़ा पड़ा हुआ मिला.

यहां दोनों तरफ की नालियां भी कई जगह कूड़े/प्लास्टिक से भरी हुई पाई गई. सूरजकुंड में संत निरंकारी भवन के पहले गुरुनानक क्लॉथ हाउस के सामने सड़क पर बहुत ज्यादा मलबा पड़ा हुआ है. सूरजकुंड पोखरे के पश्चिम तरफ की खाली जमीन में बहुत ज्यादा कूड़ा पड़ा हुआ है. जिसके लिए आयुक्त ने सफाई के लिए ज़ोनल सेनेटरी अधिकारी को निर्देशित किया गया. इसके साथ ही सड़क का पानी नाले में जाने के लिए कई जगह होल बनाया गया है, किन्तु कई जगह होल ऊपर नीचे हो गए हैं, सहायक अभियंता को निर्देशित किया गया कि सड़क के लेवल में ही होल बनवाये, जिससे बरसात के समय सड़क का सारा पानी नाले में चला जाए.

यह भी पढ़ें: गोरखपुर में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी बोले, एक नौकरी पूरे परिवार का बनती है सहारा

साइकिल से दौड़ लगाते गोरखपुर के नगर आयुक्त

गोरखपुर: सीएम सिटी गोरखपुर में नगरीय व्यवस्था और समस्या की बात करें, तो जल निकासी और स्वच्छता यहां की प्रमुख समस्याओं में शामिल है. जिसके निजात को लेकर जहां विपक्षी सरकार पर हमला बोलते हैं, वही सीएम योगी आदित्यनाथ मंच से इस समस्या को दूर करने का दावा करते हैं. एक बार फिर बारिश का सीजन शुरू होने वाला है. नगर निगम चुनाव संपन्न होने के बाद नए महापौर और कार्यकारिणी के ऊपर भी, स्वच्छता और जल निकासी को दुरुस्त रखने का बड़ा चैलेंज होगा. यह जनता से उनका चुनावी वादा था. लेकिन उसके पहले निगम प्रशासन की कार्यशैली पर कोई सवाल न उठे.

गोरखपुर के नगर आयुक्त सफाई कर्मियों से बात करते हुए
गोरखपुर के नगर आयुक्त सफाई कर्मियों से बात करते हुए

शहर स्वच्छता में प्रदेश में टॉप पर हो. जल निकासी में कहां-कहां किस तरह की समस्या आ सकती है, उसकी जानकारी लेने के लिए खुद युवा नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल आजकल सुबह-सुबह साइकिल पर सवार होकर, विभिन्न मोहल्लों के लिए निकल पड़ते हैं. इस दौरान वह सिर्फ कमियों को ही नहीं ढूंढते. सफाई कार्य में जो उनके महिला- पुरुष कर्मचारी लगे होते हैं, उनका भी उत्साह बढ़ाते हैं. उनसे काम के संबंध में जानकारी लेते हैं. इसी के साथ समस्याओं को लेकर मोहल्ले के लोगों से भी बातचीत कर स्वच्छता और जल निकासी के संबंध में उनकी राय लेते हैं.

गोरखपुर के नगर आयुक्त सफाई कर्मियों से बात करते हुए
गोरखपुर के नगर आयुक्त सफाई कर्मियों से बात करते हुए
पिछले एक सप्ताह से नगर आयुक्त के सुबह-सुबह साइकिल से निकलने, कार्यों के निरीक्षण करने का क्रम जारी है. जिसका असर तत्काल और भविष्य में भी देखने को मिल सकता है. लेकिन एक चीज यह भी तय है कि जब वरिष्ठ अधिकारी सुबह-सुबह ही इन समस्याओं को दुरुस्त करने के लिए निकल रहा हो तो, उसके मातहतों की जो जिम्मेदारी है उससे पूरी करने के लिए और बढ़ जाती है. इसलिए सफाई निरीक्षक से लेकर प्रत्येक वार्ड के सुपरवाइजर भी नगर आयुक्त के इस कदम से सतर्क होकर, भाग दौड़ शुरू कर दिए हैं.
गोरखपुर के नगर आयुक्त सफाई कर्मियों से बात करते हुए
गोरखपुर के नगर आयुक्त सफाई कर्मियों से बात करते हुए

नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल अपने साइकिल भ्रमण के संबंध में कहते है कि इससे तीन प्रकार का लाभ कम से कम उन्हें प्राप्त हो रहा है. उनकी मॉर्निंग वॉक हो रही है और सेहत अच्छी रहेगी. साथ ही इस शहर की सेहत भी सुधारने की जो उनके ऊपर जिम्मेदारी है वह भी ईमानदारी के साथ निभाई जा सकेगी. इस तरह के भ्रमण से अगर राजकोष के कुछ ईंधन रूपी तेल को बचाया जा सकेगा, तो वह भी बड़ी उपलब्धि होगी. जल निकासी से ही, गोरखपुर नगर की व्यवस्था की पोल खुलती है. साथ ही अब स्वच्छता भी बड़ी चुनौती है। यह चुनावी वादे का बड़ा हिस्सा रही है. ऐसे में इस व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए खुद जोड़ना पड़ेगा और लोगों को जागरूक भी करना पड़ेगा.

नगर आयुक्त अपने इस अभियान में सूरजकुंड में सफाई व्यवस्था और निर्माणाधीन बसियाडीह नाले का निरीक्षण किया गया. निरीक्षण के दौरान ज़ोनल सेनेटरी अधिकारी अखिलेश श्रीवास्तव, सहायक अभियंता शैलेष कुमार, अवर अभियंता राजकुमार भी उपस्थित थे. तिवारी हाता से बॉबीना होटल तक मेन रोड पर कई जगह गंदगी का ढेर पड़ा मिला. जिसके बाद वहां 04 डस्टबिन रखे गए हैं. सरस्वती विद्या मंदिर, आर्यनगर के ठीक सामने सड़क पर कूड़ा मिला. डस्टबिन के बाहर कूड़ा पड़ा हुआ मिला.

यहां दोनों तरफ की नालियां भी कई जगह कूड़े/प्लास्टिक से भरी हुई पाई गई. सूरजकुंड में संत निरंकारी भवन के पहले गुरुनानक क्लॉथ हाउस के सामने सड़क पर बहुत ज्यादा मलबा पड़ा हुआ है. सूरजकुंड पोखरे के पश्चिम तरफ की खाली जमीन में बहुत ज्यादा कूड़ा पड़ा हुआ है. जिसके लिए आयुक्त ने सफाई के लिए ज़ोनल सेनेटरी अधिकारी को निर्देशित किया गया. इसके साथ ही सड़क का पानी नाले में जाने के लिए कई जगह होल बनाया गया है, किन्तु कई जगह होल ऊपर नीचे हो गए हैं, सहायक अभियंता को निर्देशित किया गया कि सड़क के लेवल में ही होल बनवाये, जिससे बरसात के समय सड़क का सारा पानी नाले में चला जाए.

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