गोरखपुर: भाजपा सांसद डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने विपक्षी दलों के बने गठबंधन I.N.D.I.A को इंडिया कहने से इनकार किया. उन्होंने कहा है कि यह भेड़ के खाल में भेड़ियों का संगठन है. इससे देश का भला नहीं होने वाला और ना ही यह केंद्र सरकार के काम और नीतियों के खिलाफ जनता को बहला-फुसला पाएंगे. उन्होंने कहा कि आगामी चुनाव में यह गठबंधन इतनी बड़ी पराजय झेलेगा कि इसे दशकों लग जाएंगे खड़े होने में.
राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद डॉ. अग्रवाल गुरुवार को कई दिनों से धरने पर बैठे पेंशनर संगठन के लोगों की समस्याओं को सुनने के लिए उनके बीच पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों पर करारा प्रहार किया. वहीं, घोसी विधान सभा उपचुनाव के सवाल पर कहा कि इस चुनाव की घोषणा के साथ ही बीजेपी की बड़ी जीत होनी तय हो गई थी. अब तक के जीत के सारे रिकॉर्ड 8 सिंतबर को चुनाव का परिणाम आने के बाद टूट जाएंगे और I.N.D.I.A नाम के राजनीतिक दलों के संगठन का भी भ्रम टूट जाएगा.
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि मोदी सरकार देश के गरीबों, कमजोरों, असहाय, विधवा, बुजुर्ग और वरिष्ठ नागरिकों के लिए ही कम कर रही है. ऐसे में बीजेपी और मोदी को हराने का ख्वाब देखना इंडिया नाम के तथाकथित संगठन वाले नेता छोड़ दें. इसके नाम पर देश में विरोध पैदा करने का जो उन्होंने कुचक रचा है वह सफल नहीं होगा. इंडिया भारत है और भारत रहेगा. हम गीत गाते हैं भारत भाग्य विधाता. संविधान में यह उल्लेख है कि इंडिया दैट इज भारत. ऐसे में तथा कथित संगठन बनाकर इंडिया और भारत का विवाद पैदा करने वाले नेताओं को मुंह की खानी पड़ेगी. भारत का बहुत ही गौरवशाली इतिहास रहा है. दुनिया में जब गडेरियों की संस्कृति थी. तो, लोग पेड़ और जानवर की छाल पहनकर जीवन यापन करते थे. तब भी भारत एक अलग पहचान और सम्मान के साथ दुनिया में जाना पहचाना जाता था. इसलिए कुछ राजनीतिक दल और नेता अपनी स्थित को बचाए रखने के लिए ऐसे मुद्दों को हवा दे रहे हैं, लेकिन वह सफल नहीं होंगे.
डॉ. राधा मोहन दास ने इस दौरान खुद को राष्ट्रीय नेता होने का दंभ भी दिखाया. जब एक मीडिया कर्मी ने उनसे सवाल किया कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी के कुछ विधायकों पर अशोभनीय टिप्पणी किए हैं. तो उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रीय नेता हैं, उनसे राष्ट्रीय नेताओं के बारे में सवाल किया जाए. जिनका वह जवाब देना बेहतर समझेंगे. पेंशनरों के जिस कार्यक्रम में सांसद राधा मोहन पहुंचे हुए थे. उनके लिए भी, सांसद ने अपने केंद्रीय नेतृत्व और सरकार से चर्चा करने की बात कही. डॉ. ने कहा कि देश के सेवारत कर्मचारी हों या पेंशन भोगी सभी देश के प्रमुख अंग हैं. उनकी जो समस्याएं और मांगे हैं. उनके समुचित समाधान का जो रास्ता होगा, उसे निश्चित रूप से निकलने का प्रयास किया जाएगा.
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