गोरखपुरः जनपद के विभिन्न स्थानों पर सातवें मुहर्रम का जुलूस अपनी आन बान शानो शौकत से निकाला. मोहर्रम खुशियों का त्योहार नहीं बल्कि मातम और आंसू बहाने का महीना है. शिया समुदाय के लोग 10 मुहर्रम के दिन काले कपड़े पहनकर हुसैन और उनके परिवार की शहादत को याद करते हैं. अकीदतमंदों ने या हुसैन या हुसैन आदि नारों की सदाएं बुलंद की.
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बता दें, मुहर्रम का महीना इस्लामी साल का पहला महीना होता है. इसे हिजरी भी कहा जाता है. हिजरी को इस्लाम के चार पवित्र महीनों में से एक माना जाता है. इस बार मुहर्रम का महीना 11 सितंबर से 9 अक्टूबर तक चलेगा. इस दौरान शिया समुदाय के लोग हुसैन की शहादत को याद करते हुए सड़कों पर जुलूस निकालते हैं और मातम मनाते हैं. वहीं, सुन्नी समुदाय के लोग मुहर्रम के महीने में 10 दिन तक रोजे रखते हैं.
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चांद के ऐतबार से आज सातवीं मुहर्रम का जुलूस सोहदा-ए-कर्बला की याद को ताजा करने के लिए निकाला गया. जनपद के नगर पंचायत पिपराइच, ग्राम पंचायत बैलों, समस्तपुर मुडिला, करमहां बुजुर्ग आदि सैकडों गांवों से होते हुए यह जुलूस गुजरा. नगर पंचायत पिपराइच में थाना प्रभारी सुनील कुमार सिंह भी अपने दलबल के साथ मुस्तैद रहे. इसके अलावा क्षेत्राधिकारी सुमित शुक्ला पुलिस बल के साथ गुलरिहा थाना क्षेत्र के संवेदनशील गांव के प्रमुख चौक चौराहा का भ्रमण किया.