गोरखपुर: बौद्धकालीन और ऐतिहासिक महत्व की धरोहरों को संजोने वाले गोरखपुर के बौद्ध संग्रहालय में मौजूद कलाकृतियों को जानने के लिए अब किसी गाइड की जरूरत नहीं पड़ेगी. संग्रहालय के परिसर में प्रवेश करने पर इसके लिए अपने एंड्रॉयड फोन में यहां के प्रबंधन द्वारा तैयार किए गए डिजिटल पर्सनल गाइड अर्थात (डीपीजी) नाम के एप को डाउनलोड करना होगा. एक बार डाउनलोड होने के बाद यह एप बिना नेट के काम करेगा. मोबाइल में इस एप को ओपन करने के बाद संगीत की धुनों के साथ म्यूजियम में रखी हर एक कलाकृतियों के बारे में विस्तार से जानकारी मिलेगी. एप को डाउन लोड करने के बाद सैलानी जहां बौद्ध संग्रहालय के खूबसूरत परिसर में आराम से भ्रमण कर सकेंगे, वहीं दूसरी ओर उनका पर्सनल गाइड उन्हें यहां रखी ऐतिहासिक धरोहरों के बारे में जानकारी देता रहेगा.
लखनऊ के बाद गोरखपुर में लागू होगा यह ऐप
बौद्ध संग्रहालय की गैलरी में बौद्धकालीन प्रतिमाएं और कलाकृतियां सुरक्षित हैं. संग्रहालय परिसर में कोई गाइड नहीं होने की वजह से यहां प्रबंधन को इस एप के रूप में एक नए डिजिटल अविष्कार करने का अवसर दिया. संग्रहालय के उपनिदेशक डॉ. मनोज कुमार गौतम ने इस एप का प्रजेंटेशन देते हुए हुए कहा कि, आधुनिक तकनीक के साथ इतिहास की जानकारी को आसानी से लोगों तक पहुंचाने में यह बड़ा माध्यम बन रहा है और पर्यटन और संस्कृत निदेशालय भी इसकी सराहना की है. वहीं संग्रहालय में आने वाले पर्यटक भी इस एप को एक अच्छा प्रयास बता रहे हैं.
प्रदेश के पांच संग्रहालयों में किया जाएगा लांच
संग्रहालय की 5 गैलरियों में करीब 400 ऑब्जेक्ट हैं, जिसमें कलाकृतियां, पत्थर और सिक्के शामिल हैं. फिलहाल इस एप में 75 ऑब्जेक्ट्स की जानकारी दर्ज की गई है. बहुत जल्द संग्रहालय प्रशासन सभी ऑब्जेक्ट्स को इसमें शामिल कर लेगा. इस एप की सफलता के बाद इसे पूरे प्रदेश के पांच संग्रहालयों में लांच किया जाएगा. किसी भी पर्यटक को परिसर में पहुंचने के साथ अपने मोबाइल फोन में इस एप को डाउनलोड करने के लिए मोबाइल नंबर एप में रजिस्टर करना होगा. मौजूदा समय में यह एप परिसर में ही काम करेगा. आने वाले समय में कुछ चार्ज देकर किसी भी स्थान से इसे देखा जा सकेगा.