ETV Bharat / state

घटिया निर्माण में फंसे तो बचना मुश्किल, अब MMMTU के छात्र करेंगे सड़कों की गुणवत्ता की जांच - quality of roads in gorakhpur

पूर्वांचल में सड़कों की गुणवत्ता की जांच मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय के ऊपर आती है. इसकी जांच विश्वविद्यालय में कार्यरत सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर के नेतृत्व में गठित एक कमेटी करती है, लेकिन अब विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर जे पी पांडेय ने गुणवत्ता जांच के लिए सिविल इंजीनियरिंग अंतिम वर्ष के छात्रों की एक कमेटी गठित करने का निर्णय लिया है.

सड़क निर्माण.
सड़क निर्माण.
author img

By

Published : Jun 11, 2021, 7:14 AM IST

गोरखपुर: पूर्वांचल में सड़कों की गुणवत्ता की जांच हो या फिर सरकारी भवन और पुल-पुलिया की, इसकी जिम्मेदारी मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय के ऊपर आती है. जिसकी जांच विश्वविद्यालय में कार्यरत सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर के नेतृत्व में गठित एक कमेटी करती है, लेकिन अब ऐसा नहीं होने वाला है. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर जे पी पांडेय ने गुणवत्ता जांच के लिए सिविल इंजीनियरिंग अंतिम वर्ष के छात्रों की एक कमेटी गठित करने का निर्णय किया है. जिसमें एक प्रोफेसर भी शामिल होंगे. जो मौके पर जाकर सड़क और भवन की गुणवत्ता की जांच करेंगे.

ऐसे में शायद अब उन लोगों के लिए बचना मुश्किल होगा जो कभी जुगाड़ आदि के सहारे बच निकलते थे. क्योंकि छात्रों को मिली इस जिम्मेदारी में उन्हें विश्वविद्यालय से सिर्फ अनुभव प्रमाण पत्र ही नहीं बल्कि पारिश्रमिक भी मिलेगा. जिसे 'लर्न एंड अर्न' योजना नाम दिया गया है.

कुलपति ने अन्य संस्थाओं को भी गुणवत्ता जांच कराने के लिए आमंत्रित किया
इस योजना के तहत चयनित किए गए छात्र पहले चरण में शहर के 7 सड़कों का मुआयना करेंगे और उसकी गुणवत्ता की जांच करेंगे. इसकी शिकायत विश्वविद्यालय को प्राप्त हुई है. कुलपति प्रोफेसर पांडेय ने बताया है कि जिला प्रशासन के इस ऑफर को लर्न एंड अर्न योजना से जोड़ा गया है. इसका कोऑर्डिनेटर सिविल इंजीनियर के अध्यक्ष प्रो. श्रीराम चौरसिया को बनाया गया है. यही नहीं इस कमेटी का कार्य और भी विस्तार ले. इसके लिए विश्वविद्यालय ऐसे कंपनियों और संस्थाओं से करार करेगा. जिन्हें तकनीकी जांच की जरूरत होगी. बदले में कंपनी या संस्था को निश्चित रकम एमएमएमयूटी को देना होगा. इस संबंध में नियमावली भी तैयार की जा रही है.

जांच के लिए कमेटी में चयनित किए गए छात्रों को प्रति घंटे 100 रुपये के हिसाब से पारिश्रमिक भी मिलेगा. अनुमान लगाया जा रहा है कि प्रत्येक छात्र के लिए यह अधिकतम 2500 का लाभ होगा. पैसा तो भले कम होगा, लेकिन इससे छात्रों को विशेष अनुभव भी हासिल होगा. फिलहाल एमएमएमयूटी की यह टीम शहर में एक और 6 ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों की जांच करने जा रही हैं. इसमें शाहपुर के पत्रकारपुरम, मोतीराम अड्डा, झंगहा इलाके की सड़कें शामिल हैं. इन सड़कों की कुल कीमत लगभग 15 करोड़ है. प्रशासन को इन सड़कों की गुणवत्ता में कमी की शिकायत मिली थी. यही वजह है कि तकनीकी रूप से सक्षम और गुणवत्ता की जांच बरसों से करती चली आ रही विश्वसनीय संस्था मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय को यह कार्य मिला तो कुलपति ने इसे पूर्णता प्रदान करने के साथ एक नई पहल को अंजाम दिया, जिससे छात्रों का हौसला बढ़ेगा. उन्हें भविष्य की योजनाओं में ऐसे प्रोजेक्ट पर काम करना अच्छा भी लगेगा.

इसे भी पढे़ं- बच्चों में वायरल बुखार के लिए तैयार दवा किट 15 जून से वितरित हो: योगी आदित्यनाथ

गोरखपुर: पूर्वांचल में सड़कों की गुणवत्ता की जांच हो या फिर सरकारी भवन और पुल-पुलिया की, इसकी जिम्मेदारी मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय के ऊपर आती है. जिसकी जांच विश्वविद्यालय में कार्यरत सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर के नेतृत्व में गठित एक कमेटी करती है, लेकिन अब ऐसा नहीं होने वाला है. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर जे पी पांडेय ने गुणवत्ता जांच के लिए सिविल इंजीनियरिंग अंतिम वर्ष के छात्रों की एक कमेटी गठित करने का निर्णय किया है. जिसमें एक प्रोफेसर भी शामिल होंगे. जो मौके पर जाकर सड़क और भवन की गुणवत्ता की जांच करेंगे.

ऐसे में शायद अब उन लोगों के लिए बचना मुश्किल होगा जो कभी जुगाड़ आदि के सहारे बच निकलते थे. क्योंकि छात्रों को मिली इस जिम्मेदारी में उन्हें विश्वविद्यालय से सिर्फ अनुभव प्रमाण पत्र ही नहीं बल्कि पारिश्रमिक भी मिलेगा. जिसे 'लर्न एंड अर्न' योजना नाम दिया गया है.

कुलपति ने अन्य संस्थाओं को भी गुणवत्ता जांच कराने के लिए आमंत्रित किया
इस योजना के तहत चयनित किए गए छात्र पहले चरण में शहर के 7 सड़कों का मुआयना करेंगे और उसकी गुणवत्ता की जांच करेंगे. इसकी शिकायत विश्वविद्यालय को प्राप्त हुई है. कुलपति प्रोफेसर पांडेय ने बताया है कि जिला प्रशासन के इस ऑफर को लर्न एंड अर्न योजना से जोड़ा गया है. इसका कोऑर्डिनेटर सिविल इंजीनियर के अध्यक्ष प्रो. श्रीराम चौरसिया को बनाया गया है. यही नहीं इस कमेटी का कार्य और भी विस्तार ले. इसके लिए विश्वविद्यालय ऐसे कंपनियों और संस्थाओं से करार करेगा. जिन्हें तकनीकी जांच की जरूरत होगी. बदले में कंपनी या संस्था को निश्चित रकम एमएमएमयूटी को देना होगा. इस संबंध में नियमावली भी तैयार की जा रही है.

जांच के लिए कमेटी में चयनित किए गए छात्रों को प्रति घंटे 100 रुपये के हिसाब से पारिश्रमिक भी मिलेगा. अनुमान लगाया जा रहा है कि प्रत्येक छात्र के लिए यह अधिकतम 2500 का लाभ होगा. पैसा तो भले कम होगा, लेकिन इससे छात्रों को विशेष अनुभव भी हासिल होगा. फिलहाल एमएमएमयूटी की यह टीम शहर में एक और 6 ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों की जांच करने जा रही हैं. इसमें शाहपुर के पत्रकारपुरम, मोतीराम अड्डा, झंगहा इलाके की सड़कें शामिल हैं. इन सड़कों की कुल कीमत लगभग 15 करोड़ है. प्रशासन को इन सड़कों की गुणवत्ता में कमी की शिकायत मिली थी. यही वजह है कि तकनीकी रूप से सक्षम और गुणवत्ता की जांच बरसों से करती चली आ रही विश्वसनीय संस्था मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय को यह कार्य मिला तो कुलपति ने इसे पूर्णता प्रदान करने के साथ एक नई पहल को अंजाम दिया, जिससे छात्रों का हौसला बढ़ेगा. उन्हें भविष्य की योजनाओं में ऐसे प्रोजेक्ट पर काम करना अच्छा भी लगेगा.

इसे भी पढे़ं- बच्चों में वायरल बुखार के लिए तैयार दवा किट 15 जून से वितरित हो: योगी आदित्यनाथ

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.