गोरखपुर: गुजरात के गांधीनगर में बनाई जा रही देश की पहली स्मार्ट सिटी जिसका नाम 'गिफ्ट सिटी' है उसमें गोरखपुर के मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (MMMTU) का भी अहम रोल है. गिफ्ट सिटी में निर्बाध रूप से बिजली की आपूर्ति देने के लिए जिन संस्थाओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है. उसमें गोरखपुर का यह तकनीकी विश्वविद्यालय भी शामिल है. इसके साथ आईआईटी गांधीनगर और जापान की एक कंपनी को संयुक्त रूप से यह जिम्मेदारी दी गई है.
प्रोजेक्ट को समय से पूरा करने के लिए इन तीनों संस्थाओं के विशेषज्ञों की एक मीटिंग मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आयोजित हुई. इस मीटिंग में पीएम मोदी के इस अहम प्रोजेक्ट को समय से पूरा करने का खाका तैयार किया गया.
क्या है गिफ्ट सिटी
गिफ्ट सिटी(gift city) का पूरा नाम है गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंसियल टेक सिटी. यह पीएम मोदी का दिया हुआ नाम है. इस सिटी में दुनिया की वह सारी सुविधाएं लोगों को प्रदान की जाएंगी जो फाइनेंसियल कारोबार से लेकर रोजमर्रा की जिंदगी में जरूरी होती हैं. यही वजह है कि इसकी सबसे बड़ी जरूरत यहां बिजली आपूर्ति है. इसमें कोई बाधा न आए इसको लेकर यह तीनों संस्थाएं मिलकर काम कर रही हैं.
जापान की कंपनी सोनी जहां इसमें प्रयोग होने वाली बैटरी और इलेक्ट्रिफिकेशन के बाकी इंफ्रा पर काम कर रही है. वहीं मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और आईआईटी गांधीनगर अपनी तकनीक विकसित करके सोनी कंपनी के उपकरणों के साथ तालमेल बनाकर इस प्रोजेक्ट को एक विशेष प्रोजेक्ट बनाने जा रही है.
जब पीएम मोदी सिंगापुर समेत तमाम फाइनेंसियल रूप से मजबूत देशों की यात्रा पर थे तो वहां भारतीयों को काम करते देखकर उन्होंने भारत में भी ऐसी ही व्यवस्था बनाने पर जोर दिया. जहां कारोबार से लेकर तकनीक का अद्भुत प्रयोग होता हो. गुजरात की जनता को उन्होंने ऐसी व्यवस्था देने के लिए जो सुविधा उपलब्ध कराया उसे उन्होंने गिफ्ट कहकर दिया. आज वही गिफ्ट शब्द गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंसियल टेक सिटी के नाम से एक विशेष शहर का स्वरूप लेने वाला है.
-अरविंद राजपूत, प्रोजेक्ट हेड