गोरखपुर: व्यापार जब दुनिया में एक ब्रांड बन जाये और इससे होने वाली कमाई का कुछ हिस्सा जनसेवा के काम आ जाये तो ऐसे व्यापार से जुड़े लोग सम्मान के पात्र हो जाते हैं. गोरखपुर के ऐसे ही एक स्वर्ण कारोबारी को व्यापार और जनसेवा में अद्भुत कार्य करने के लिए इंग्लैंड की संस्था वर्ल्ड कंसल्टेंसी एंड रिसर्च सेंटर (डब्ल्यूसीआरसी) ने लंदन में सम्मानित किया. यह सम्मान 'एशप्रा' समूह के निदेशक अतुल सराफ और अनूप सराफ को मिला. इसमें दुनिया के 50 चुनिंदा व्यापारियों को शामिल किया गया था.
'एशप्रा' समूह मौजूदा समय में पूर्वी उत्तर प्रदेश समेत मुंबई में हीरे के कारोबार और डिजाइन को लेकर खासा पहचान बना चुकी है. इसकी मातृ संस्था हरिप्रसाद गोपीकृष्ण रही है. साल 1940 से सोने-चांदी का कारोबार गोरखपुर में करती आ रही है. यह संस्था हीरे के कारोबार में 1989 में उतरी थी. 2003 में उत्तर प्रदेश में इस कारोबार की पहली ऐसी संस्था बनी.
व्यापार संग की जनसेवा से लंदन में पाया सम्मान-
- यह संस्था कट, क्लियरटी और विश्वास के साथ लोगों के बीच एक ब्रांड बन गई.
- इसी बीच इस संस्था ने अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा जनसेवा पर भी खर्च करना शुरू किया.
- शहर के विभिन्न चौराहों को संवारने के साथ गरीब बच्चों की पढ़ाई में आर्थिक मदद की.
- इसके साथ ही स्कूलों की खस्ताहाल दशा को सुधारने में अपना योगदान दिया.
- इस समूह को सामाजिक सरोकारों एवं व्यवसायिक प्रतिबद्धता में मानदंड स्थापित करने के लिए लंदन की संस्था ने सम्मानित किया.
- सम्मान पाकर घर लौटे तो इस समूह के निदेशकों को गोरखपुर के लोगों ने भी हाथों हाथ लिया.
- इस दौरान अतुल सराफ और अनूप ने कहा कि पूरी दुनिया में गोरखपुर के लोगों के विश्वास को सम्मान मिला है.
- इसको वह आगे भी कायम रखने की कोशिश करेंगे.
बोर्ड ने अपनी पिछली बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई है कि जो व्यापारी प्रदेश में सर्वाधिक टैक्स देगा और अपने व्यापार क्षेत्र में अच्छा काम करेगा, उसे भामाशाह पुरस्कार से नवाजा जाएगा. ऐसा प्रस्ताव उत्तर प्रदेश सरकार को भेज दिया गया है. गोरखपुर के इन स्वर्ण कारोबारियों की जमकर तारीफ की और ऐसे लोग ही समाज को दिशा दिखाते हैं और गरीबों की मदद का रास्ता खोलते हैं.
-पुष्प दंत जैन, उपाध्यक्ष, व्यापारी कल्याण बोर्ड