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गोरखपुर में भी मेदान्ता अस्पताल की पड़ेगी नींव, डॉ. नरेश त्रेहान ने ये कहा

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Published : Apr 8, 2023, 7:18 PM IST

मेदांता ग्रुप ऑफ़ हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉक्टर नरेश त्रेहान ने गोरखपुर में अस्पताल की शाखा खोलने के संकेत दिए हैं. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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गोरखपुर: विश्वस्तरीय और जीवन रक्षक इलाज देने के लिए विख्यात मेदांता हॉस्पिटल की एक शाखा, भविष्य में गोरखपुर में भी स्थापित होगी. ऐसा संकेत मेदांता ग्रुप ऑफ़ हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉक्टर नरेश त्रेहान ने दिया है. डॉक्टर त्रेहान शनिवार को गोरखपुर में थे और मीडिया से मुखातिब थे.

यह बोले डॉ. नरेश त्रेहान.

उन्होंने कहा कि गोरखपुर समेत पूरे पूर्वांचल, नेपाल और बिहार के कुछ हिस्से के स्वास्थ्य की जरूरतों को समझते हुए मेदांता अस्पताल की स्थापना को लेकर यहां की भौगोलिक परिस्थितियों को समझने के उद्देश्य से वह दो दिनों से गोरखपुर में हैं. डॉक्टरों के विशेष दल के साथ उनकी बातचीत हुई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मेदांता की नीव गोरखपुर में रखने की इच्छा जताई है इसलिए सभी परिस्थितियों का आंकलन करने के बाद इसकी संभावना पर काम किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि गुड़गांव के बाद लखनऊ, नोएडा, पटना में मेदांता का सफर अच्छा रहा है. उनकी कोशिश है कि मेदांता लोगों को जिस तरह की स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए जाना जाता है, वैसे ही सुविधा के लिए उसकी स्थापना गोरखपुर में हो सके.

उन्होंने कहा कि आज समय की जरूरत है कि लोगों को सस्ता और बेहतर इलाज मिले. सरकार भी इसके लिए प्रयास कर रही है. बड़े अस्पताल सरकारों के साथ मिलकर इसमें कदम उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत सरकार की आयुष्मान कार्ड योजना से कमजोर वर्ग के लोगों को स्वास्थ्य के क्षेत्र में लाभ मिल रहा है लेकिन ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि भविष्य में मध्यमवर्गीय लोगों तक भी ऐसी सुविधा पहुंच सकती है जिससे उन्हें गंभीर रोगों के इलाज में मदद मिलेगी.

मेदांता अस्पताल में महंगे इलाज के सवाल पर डॉ त्रेहान ने कहा कि मेदांता की बड़ी बिल्डिंग देखकर लोगों के मन में ऐसा ख्याल नहीं आना चाहिए. हम बेहतर और सुरक्षित जीवन देने के स्तर पर इलाज करते हैं. ऐसे गंभीर मरीजों को तत्काल स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने का दमखम रखते हैं, जिनका जान बचाया जाना बहुत कम समय में जरूरी होता है. चाहे वह हार्ट अटैक के पेसेंट हों, ब्रेन स्ट्रोक के हो या फिर अन्य समस्याओं के.

उन्होंने कहा कि सस्ता इलाज देने के मामलों में देश के चार बड़े अस्पताल उनसे नीचे हैं. शायद उनके यहां अमेरिका से भी सस्ता और बेहतर इलाज होता है. उन्होंने कहा कि हार्ट का जो ऑपरेशन मेदांता में दो से ढाई लाख रुपए में हो जाएगा उसके लिए अमेरिका में 70 से 80 हजार डॉलर देना पड़ता है. डॉ त्रेहान ने कहा कि सस्ते इलाज में लगने वाले उपकरण के बाद अगर जीवन चला जाए तो दुखदाई होता है इसलिए मेदांता क्वालिटी युक्त उपकरणों का ऑपरेशन और इलाज में उपयोग करता है.

उन्होंने कहा कि देश में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में सुधार की अभी बहुत आवश्यकता है. साथ ही लोगों को खुद इसके लिए जागरूक रहना होगा. अपने खानपान की शैली के साथ दिनचर्या और योगाभ्यास पर जोर देना होगा. अनुवांशिकी बीमारी के साथ पारिवारिक पृष्ठभूमि से जुड़ी हुई बीमारी से ग्रसित लोगों को समय-समय पर अपनी जांच कराते रहना चाहिए जिससे उन्हें बेहतर इलाज समय से मिल सकेगा और उनका जीवन भी बचाया जा सके.

मौजूदा समय में कोविड-19 के आ रहे मामले को लेकर डॉक्टर त्रेहान ने कहा कि लोगों को जागरूक और सतर्क रहने की आवश्यकता है. उम्मीद की जाती है कि यह वायरस समय के साथ कमजोर हुआ है और लोगों के लिए जानलेवा नहीं बनेगा लेकिन अगर किसी में भी सर्दी, जुखाम, बुखार, खांसी के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो, वह खुद के लिए, अपने परिवार के लिए और समाज की भलाई के लिए अपने आपको आज आइसोलेट कर ले यही बेहतर होगा.

ये भी पढ़ेंः सीएम योगी बोले, जनता को आतंकित करने वालों की गीली हो रही पैंट

गोरखपुर: विश्वस्तरीय और जीवन रक्षक इलाज देने के लिए विख्यात मेदांता हॉस्पिटल की एक शाखा, भविष्य में गोरखपुर में भी स्थापित होगी. ऐसा संकेत मेदांता ग्रुप ऑफ़ हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉक्टर नरेश त्रेहान ने दिया है. डॉक्टर त्रेहान शनिवार को गोरखपुर में थे और मीडिया से मुखातिब थे.

यह बोले डॉ. नरेश त्रेहान.

उन्होंने कहा कि गोरखपुर समेत पूरे पूर्वांचल, नेपाल और बिहार के कुछ हिस्से के स्वास्थ्य की जरूरतों को समझते हुए मेदांता अस्पताल की स्थापना को लेकर यहां की भौगोलिक परिस्थितियों को समझने के उद्देश्य से वह दो दिनों से गोरखपुर में हैं. डॉक्टरों के विशेष दल के साथ उनकी बातचीत हुई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मेदांता की नीव गोरखपुर में रखने की इच्छा जताई है इसलिए सभी परिस्थितियों का आंकलन करने के बाद इसकी संभावना पर काम किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि गुड़गांव के बाद लखनऊ, नोएडा, पटना में मेदांता का सफर अच्छा रहा है. उनकी कोशिश है कि मेदांता लोगों को जिस तरह की स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए जाना जाता है, वैसे ही सुविधा के लिए उसकी स्थापना गोरखपुर में हो सके.

उन्होंने कहा कि आज समय की जरूरत है कि लोगों को सस्ता और बेहतर इलाज मिले. सरकार भी इसके लिए प्रयास कर रही है. बड़े अस्पताल सरकारों के साथ मिलकर इसमें कदम उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत सरकार की आयुष्मान कार्ड योजना से कमजोर वर्ग के लोगों को स्वास्थ्य के क्षेत्र में लाभ मिल रहा है लेकिन ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि भविष्य में मध्यमवर्गीय लोगों तक भी ऐसी सुविधा पहुंच सकती है जिससे उन्हें गंभीर रोगों के इलाज में मदद मिलेगी.

मेदांता अस्पताल में महंगे इलाज के सवाल पर डॉ त्रेहान ने कहा कि मेदांता की बड़ी बिल्डिंग देखकर लोगों के मन में ऐसा ख्याल नहीं आना चाहिए. हम बेहतर और सुरक्षित जीवन देने के स्तर पर इलाज करते हैं. ऐसे गंभीर मरीजों को तत्काल स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने का दमखम रखते हैं, जिनका जान बचाया जाना बहुत कम समय में जरूरी होता है. चाहे वह हार्ट अटैक के पेसेंट हों, ब्रेन स्ट्रोक के हो या फिर अन्य समस्याओं के.

उन्होंने कहा कि सस्ता इलाज देने के मामलों में देश के चार बड़े अस्पताल उनसे नीचे हैं. शायद उनके यहां अमेरिका से भी सस्ता और बेहतर इलाज होता है. उन्होंने कहा कि हार्ट का जो ऑपरेशन मेदांता में दो से ढाई लाख रुपए में हो जाएगा उसके लिए अमेरिका में 70 से 80 हजार डॉलर देना पड़ता है. डॉ त्रेहान ने कहा कि सस्ते इलाज में लगने वाले उपकरण के बाद अगर जीवन चला जाए तो दुखदाई होता है इसलिए मेदांता क्वालिटी युक्त उपकरणों का ऑपरेशन और इलाज में उपयोग करता है.

उन्होंने कहा कि देश में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में सुधार की अभी बहुत आवश्यकता है. साथ ही लोगों को खुद इसके लिए जागरूक रहना होगा. अपने खानपान की शैली के साथ दिनचर्या और योगाभ्यास पर जोर देना होगा. अनुवांशिकी बीमारी के साथ पारिवारिक पृष्ठभूमि से जुड़ी हुई बीमारी से ग्रसित लोगों को समय-समय पर अपनी जांच कराते रहना चाहिए जिससे उन्हें बेहतर इलाज समय से मिल सकेगा और उनका जीवन भी बचाया जा सके.

मौजूदा समय में कोविड-19 के आ रहे मामले को लेकर डॉक्टर त्रेहान ने कहा कि लोगों को जागरूक और सतर्क रहने की आवश्यकता है. उम्मीद की जाती है कि यह वायरस समय के साथ कमजोर हुआ है और लोगों के लिए जानलेवा नहीं बनेगा लेकिन अगर किसी में भी सर्दी, जुखाम, बुखार, खांसी के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो, वह खुद के लिए, अपने परिवार के लिए और समाज की भलाई के लिए अपने आपको आज आइसोलेट कर ले यही बेहतर होगा.

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