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गणेश चतुर्थी पर हुआ गोरखपुर एम्स में एमबीबीएस की पढ़ाई का 'श्रीगणेश'

जिलें में निर्माणाधीन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए 50 छात्रों का दाखिला हुआ. इस मौके पर संस्थान के अध्यक्ष पद्मभूषण डॉक्टर अमरीश मित्तल मौजूद रहे.

गोरखपुर में एम्स का उद्घाटन.
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Published : Sep 2, 2019, 8:24 PM IST

गोरखपुरः गणेश चतुर्थी के पावन पर्व पर सोमवार को गोरखपुर के निर्माणाधीन एम्स में एमबीबीएस के विद्यार्थियों की पढ़ाई का श्रीगणेश हो गया. पहले चरण में कुल 50 बच्चों ने एमबीबीएस में दाखिला लिया है. जो देश के अलग-अलग राज्यों के रहने वाले हैं. इन विद्यार्थियों को कुशल मार्गदर्शन देने और उन्हें मेडिकल साइंस की चुनौतियों के साथ अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाने के लिए एक कार्यक्रम भी आयोजित हुआ. जिसके मुख्य अतिथि संस्थान के अध्यक्ष पद्मभूषण डॉक्टर अमरीश मित्तल रहे.

एम्स में एमबीबीेएस की पढ़ाई की हुई शुरूआत.
निर्माणाधीन है संस्थान
  • जिले के कूड़ाघाट क्षेत्र में एयर फोर्स स्टेशन से पहले एम्स का निर्माण चल रहा है.
  • यह करीब 112 एकड़ क्षेत्रफल में बनाया जा रहा है.
  • इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था.
  • पहले चरण में 50 बच्चों ने एमबीबीएस में दाखिला लिया.
  • प्रवेश प्रक्रिया में देश के अलग-अलग राज्यों के छात्रों ने हिस्सा लिया.

जिलावासियों के मन में आस
वास्तव में गोरखपुर क्षेत्र में एम्स जैसे संस्थान की बेहद जरूरत थी. जिसकी मांग दशकों से हो रही थी. क्योंकि इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारी से हजारों बच्चों को गंवाने के वाले इस क्षेत्र में इस संस्थान के बनने से बीमारी के उन्मूलन की उम्मीद है. हालांकि इस बीमारी में पहले की अपेक्षा काफी गिरावट आई है, लेकिन एम्स पूर्वी उत्तर प्रदेश समेत पश्चिमी बिहार और नेपाल के तराई वाले हिस्से में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य के लिए बड़ा केंद्र साबित होगा.

गोरखपुरः गणेश चतुर्थी के पावन पर्व पर सोमवार को गोरखपुर के निर्माणाधीन एम्स में एमबीबीएस के विद्यार्थियों की पढ़ाई का श्रीगणेश हो गया. पहले चरण में कुल 50 बच्चों ने एमबीबीएस में दाखिला लिया है. जो देश के अलग-अलग राज्यों के रहने वाले हैं. इन विद्यार्थियों को कुशल मार्गदर्शन देने और उन्हें मेडिकल साइंस की चुनौतियों के साथ अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाने के लिए एक कार्यक्रम भी आयोजित हुआ. जिसके मुख्य अतिथि संस्थान के अध्यक्ष पद्मभूषण डॉक्टर अमरीश मित्तल रहे.

एम्स में एमबीबीेएस की पढ़ाई की हुई शुरूआत.
निर्माणाधीन है संस्थान
  • जिले के कूड़ाघाट क्षेत्र में एयर फोर्स स्टेशन से पहले एम्स का निर्माण चल रहा है.
  • यह करीब 112 एकड़ क्षेत्रफल में बनाया जा रहा है.
  • इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था.
  • पहले चरण में 50 बच्चों ने एमबीबीएस में दाखिला लिया.
  • प्रवेश प्रक्रिया में देश के अलग-अलग राज्यों के छात्रों ने हिस्सा लिया.

जिलावासियों के मन में आस
वास्तव में गोरखपुर क्षेत्र में एम्स जैसे संस्थान की बेहद जरूरत थी. जिसकी मांग दशकों से हो रही थी. क्योंकि इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारी से हजारों बच्चों को गंवाने के वाले इस क्षेत्र में इस संस्थान के बनने से बीमारी के उन्मूलन की उम्मीद है. हालांकि इस बीमारी में पहले की अपेक्षा काफी गिरावट आई है, लेकिन एम्स पूर्वी उत्तर प्रदेश समेत पश्चिमी बिहार और नेपाल के तराई वाले हिस्से में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य के लिए बड़ा केंद्र साबित होगा.

Intro:गोरखपुर। गणेश चतुर्थी के पावन पर्व पर सोमवार को गोरखपुर के निर्माणाधीन एम्स में एमबीबीएस के विद्यार्थियों की पढ़ाई का श्री गणेश हो गया। इसके साथ ही गोरखपुर एम्स देश में स्थापित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में अपना अहम मुकाम हासिल करने में सफल हुआ। पहले चरण में कुल 50 बच्चों ने एमबीबीएस में दाखिला लिया है जो देश के कोने-कोने के रहने वाले हैं। इन विद्यार्थियों को कुशल मार्गदर्शन देने और उन्हें मेडिकल साइंस की चुनौतियों के साथ अपने पढ़ाई को आगे बढ़ाने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसके मुख्य अतिथि संस्थान के अध्यक्ष पद्मभूषण डॉक्टर अमरीश मित्तल रहे। जिन्होंने इस दौरान कहा कि गोरखपुर एम्स के विद्यार्थियों के सामने पढ़ाई के साथ शोध का भी अच्छा विकल्प मौजूद है। यह क्षेत्र कई तरह की गंभीर बीमारियों से जकड़ा हुआ है।

नोट-कम्प्लीट पैकेज, वॉइस ओवर अटैच है



Body:गोरखपुर के कूड़ाघाट क्षेत्र में एयर फोर्स स्टेशन से पहले एम्स का निर्माण चल रहा है। यह करीब 112 एकड़ क्षेत्रफल में बनाया जा रहा है जिसमें (ओपीडी) मतलब मरीज देखे जाने की सुविधा लोकसभा चुनाव से ठीक पहले शुरू हो गई थी और इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। लेकिन इसकी महत्ता को परिलक्षित करने के लिए सबसे ज्यादा यह जरूरी था कि इसमें फैकेल्टी का निर्माण हो और एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू हो जाए। आखिरकार एम्स के खाते में यह उपलब्धि भी दर्ज हो गई। वह भी ऐसे दिन जब पूरे देश में गणेश चतुर्थी त्यौहार को लेकर गणेश उत्सव की धूम है तो यहां शैक्षिक अलग जगाने की शुरुआत हो गई। जिस पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए एम्स के निदेशक डॉक्टर संजीव मिश्रा ने कहा कि जिस तरह से बच्चा जन्म लेता है और धीरे-धीरे बड़ा होता है वैसे ही गोरखपुर एम्स भी सफलताओं की सीढ़ी चढ़ता जाएगा। तो गोरखपुर एम्स में पढ़ाई की ललक के वजह से कई छात्रों ने राजस्थान वाराणसी जैसे शहर को भी छोड़ दिया है।

बाइट--डॉ संजीव मिश्रा, निदेशक, गोरखपुर एम्स
बाइट-अनुज पराशर, mbbs का छात्र


Conclusion:वास्तव में गोरखपुर क्षेत्र में एम्स जैसे संस्थान की बेहद जरूरत थी। जिसकी मांग दशकों से हो रही थी। जैसे-जैसे इसमें एक एक गतिविधियां बढ़ रही हैं यह संस्थान गोरखपुर वासियों के मन को स्वास्थ्य की दृष्टि से काफी मजबूती देता जा रहा है। क्योंकि इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारी से हजारों बच्चों को गवाने के वाले इस क्षेत्र में इस संस्थान के बनने से बीमारी के उन्मूलन की उम्मीद थी। हालांकि इस बीमारी में पहले की अपेक्षा काफी गिरावट आई है लेकिन एम्स पूर्वी उत्तर प्रदेश समेत पश्चिमी बिहार और नेपाल के तराई वाले हिस्से के लोगों का स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में बड़ा केंद्र होगा। यहां से निकलने वाले डॉक्टर गोरखपुर ही नहीं देश और दुनिया को भी अपनी सेवा देने में सफल होंगे।

क्लोजिंग पीटीसी
मुकेश पाण्डेय
Etv भारत, गोरखपुर
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