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जनांदोलन के शताब्दी वर्ष पर शहीद अब्दुल्ला के परिजनों को आमंत्रण नहीं - शताब्दी वर्ष पर कार्यक्रम

चौरीचौरा कांड के शताब्दी वर्ष में प्रदेश सरकार शताब्दी महोत्सव मनाकर पूरे देश में एक संदेश देने की कोशिश में है. इसके लिए सभी तैयारियां भी पूरी कर ली गई है. लेकिन जनांदोलन के नायक शहीद अब्दुल्ला के वंशजों को अभी इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रण नहीं दिया गया है.

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गोरखपुर में शताब्दी वर्ष
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Published : Jan 31, 2021, 1:52 PM IST

गोरखपुरः चौरीचौरा जनांदोलन 4 फरवरी 1922 क्रांतिकारियों की याद में यूपी सरकार शताब्दी वर्ष मानने जा रही है. जिसमे जन आंदोलन से जुड़े हुए शहीदों के परिवार के लोगो को सम्मानित और सभी बुनियादी सुविधाओं को देने का दावा भी किया गया है. वहीं दूसरी तरफ चौरीचौरा जनांदोलन के नायक शहीद अब्दुल्ला के वंशजों (आश्रितों) को अभी तक चार फरवरी से होने वाले कार्यक्रम के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है.

शताब्दी वर्ष की तैयारी पूरी

शहीद अब्दुल्ला के परिजनों को आमंत्रम नहीं
4 फरवरी 1922 का जनांदोलन भारतीय स्वाधीनता आंदोलन में अन्य घटनाओं की तरह अलग महत्व रखता है. आगामी 4 फरवरी से यूपी सरकार चौरीचौरा के शहीद स्मारक से शताब्दी वर्ष की शुरूआत कर साल भर अलग-अलग कार्यक्रमों के माध्यम से जन आंदोलन को जन जन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. सीएम योगी ने इस कार्यक्रम की रूप रेखा के बारे में जानकारी के लिए स्वयं शहीद स्मारक का निरीक्षण किया. लेकिन बिडम्बना की बात ये है कि चौरीचौरा जनांदोलन के नायक शहीद अब्दुल्ला के वंशजो (आश्रितों ) को इस कार्यक्रम के लिए अभी तक आमंत्रण नहीं मिला है. ईटीवी भारत पर शहीद अब्दुल्ला के चौथी पीढ़ी के एक आश्रित ने बताया कि उनके घर अभी तक न तो कोई अधिकारी आए, न ही उनको इस बड़े कार्यक्रम के लिए बुलाया गया है. उन्होंने अपने घर तक आने वाली सड़क को बनवाने की गुहार लगाई है.

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शहीद अब्दुल्ला के परिजन
परिवारवालों के पहल पर बदला गया नामइस मामले में चौरीचौरा तहसील क्षेत्र के राजधानी गांव के रहने वाले राम उग्रह यादव ने बताया कि चौरी चौरा के नायक शहीद अब्दुल्ला के नाम पर उनके विद्यालय में कई कार्यक्रमों का सालों से आयोजन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि उनके परिवार के लोगों की पहल पर चुड़िहार टोले और सड़क का नाम बदलकर शहीद अब्दुल्ला टोला रखा गया है.

गोरखपुरः चौरीचौरा जनांदोलन 4 फरवरी 1922 क्रांतिकारियों की याद में यूपी सरकार शताब्दी वर्ष मानने जा रही है. जिसमे जन आंदोलन से जुड़े हुए शहीदों के परिवार के लोगो को सम्मानित और सभी बुनियादी सुविधाओं को देने का दावा भी किया गया है. वहीं दूसरी तरफ चौरीचौरा जनांदोलन के नायक शहीद अब्दुल्ला के वंशजों (आश्रितों) को अभी तक चार फरवरी से होने वाले कार्यक्रम के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है.

शताब्दी वर्ष की तैयारी पूरी

शहीद अब्दुल्ला के परिजनों को आमंत्रम नहीं
4 फरवरी 1922 का जनांदोलन भारतीय स्वाधीनता आंदोलन में अन्य घटनाओं की तरह अलग महत्व रखता है. आगामी 4 फरवरी से यूपी सरकार चौरीचौरा के शहीद स्मारक से शताब्दी वर्ष की शुरूआत कर साल भर अलग-अलग कार्यक्रमों के माध्यम से जन आंदोलन को जन जन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. सीएम योगी ने इस कार्यक्रम की रूप रेखा के बारे में जानकारी के लिए स्वयं शहीद स्मारक का निरीक्षण किया. लेकिन बिडम्बना की बात ये है कि चौरीचौरा जनांदोलन के नायक शहीद अब्दुल्ला के वंशजो (आश्रितों ) को इस कार्यक्रम के लिए अभी तक आमंत्रण नहीं मिला है. ईटीवी भारत पर शहीद अब्दुल्ला के चौथी पीढ़ी के एक आश्रित ने बताया कि उनके घर अभी तक न तो कोई अधिकारी आए, न ही उनको इस बड़े कार्यक्रम के लिए बुलाया गया है. उन्होंने अपने घर तक आने वाली सड़क को बनवाने की गुहार लगाई है.

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शहीद अब्दुल्ला के परिजन
परिवारवालों के पहल पर बदला गया नामइस मामले में चौरीचौरा तहसील क्षेत्र के राजधानी गांव के रहने वाले राम उग्रह यादव ने बताया कि चौरी चौरा के नायक शहीद अब्दुल्ला के नाम पर उनके विद्यालय में कई कार्यक्रमों का सालों से आयोजन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि उनके परिवार के लोगों की पहल पर चुड़िहार टोले और सड़क का नाम बदलकर शहीद अब्दुल्ला टोला रखा गया है.
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