देवरिया: जिले में एक शहीद की मुर्ती अपना चेहरा 17 साल से दिखाने को बेताव है, लेकिन देवरिया जिला प्रशासन के पास इतनी फुर्सत नहीं है कि वे शहीद की मूर्ति का अनावरण कर सके. कोई भी जब इस शहीद की ढकी मुर्ति को देखता है तो उसका सिर शर्म से झुक जाता है, लेकिन देवरिया जिला प्रशासन को कोई शर्म नहीं आ रही है.
शहीद की शहादत पर ग्रामीणों ने लगाई मूर्ति
जिला मुख्यालय से तकरीबन 50 किलोमीटर दूर लार थाना क्षेत्र के धवरिया गांव के रहने वाले शहीद संजय चौहान सेना के राजपुत रेजिमेन्ट में साल 2002 में भर्ती हुए थे और 13 अप्रैल 2004 को जम्मू कश्मीर के बारामुला सेक्टर में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे. जिसके बाद परिजनों ने शहीद संजय चौहान की शहादत पर उनके गांव के मुख्य रोड पर उनकी प्रतिमा मूर्ति बनवा कर स्थापित किया.
17 साल बाद भी नहीं मिला सम्मान
शहीद की चिता ठंडे हुए 17 साल का समय हो गया है, लेकिन आज तक शहीद की मूर्ति का अनावरण नहीं हो सका है. मूर्ति जिस कपड़े से ढकी गई है. वह भी फट चुकी है, लेकिन प्रशासन कोई सुध नहीं ले रहा. शहीद की मूर्ति धूल फांक रही है. इन्हीं रास्ते से जिला प्रशासन के कई अफसर रोजाना आते-जाते हैं, लेकिन उनके पास इतना समय नहीं है कि वे मूर्ति को रस्सियों के बंधन से मुक्त कर सके. हालांकि इस मूर्ति की अनावरण के लिए स्थानीय युवकों ने कई बार शहीद के परिवार जनों के साथ धराना दिया, लेकिन देवरिया जिला प्रशासन इस शहीद की मुर्ती का चेहरा लोगों के सामने 17 साल बाद भी नहीं दिखा सका है.
शहीद की मां चंपा देवी ने बताया कि उनके बेटे की शहादत को 17 साल हो गए हैं, लेकिन अब तक उनके बेटे की मूर्ति का अनावरण नहीं किया गया है. जिससे वे बेहद नाराज हैं. उन्होंने कहा कि वे चाहती हैं कि जल्द ही उनके बेटे की मूर्ति का अनावरण हो, जिससे कि वे अपने बेटे के मूर्ति की पूजा कर सके.
ग्रामीण प्रियेश नाथ तिवारी ने बताया कि 2004 में आतंकियों से लोहा लेते संजय चौहान बारामूला में शहीद हो गए थे. उनकी याद में गांव के बाहर मूर्ति बनवाई गई थी, लेकिन प्रशासन की लापरवाही के चलते अब तक मूर्ति का अनावरण नहीं हो सका है. उन्होंने बताया कि वे सरकार से मांग करते हैं कि जल्द ही मूर्ति का अनावरण किया जाए. जिससे शहीद को उचित सम्मान मिल सके.
स्थानीय युवक विशाल का कहना है कि मूर्ति के अनावरण के लिए सामाजिक संस्था और युवा वर्ग द्वारा कई बार मुख्यमंत्री और जिले के जिलाधिकारी को पत्र लिखा गया, लेकिन आज तक मूर्ति का अनावरण नहीं किया गया है.
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