गोरखपुर: शहर के मोहद्दीपुर चौक से सोनौली को सीधे जाने वाले मार्ग का चौड़ीकरण करने का खाका 26 मार्च 2017 में तैयार किया गया था. यह खाका योगी आदित्यनाथ ने सीएम बनने के बाद गोरखपुर में पहली बैठक के दौरान तैयार किया था.
17.50 किलोमीटर लंबी सड़क
योगी सरकार के अति महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक परियोजना यह भी है, जिसमें 17.50 किलोमीटर लंबी फोरलेन बनाने का कार्य किया जाना था. वहीं इस परियोजना पर काम 24 मई 2020 से शुरू हुआ. सड़क के चौड़ीकरण के लिए सरकार की तरफ से 288 करोड़ रुपयें से ज्यादा का खर्च अनुमानित किया गया है. वहीं यह भी कहा जा रहा है प्रोजेक्ट में देरी इसके बजट को बढ़ा भी सकता है.
भारत को नेपाल से जोड़ेगी यह सड़क
इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए बहुत तेजी के साथ अवैध और वैध निर्माण को ध्वस्त किया जा रहा है. इसमें गोरखनाथ मंदिर की बाउंड्री से सटी 50 साल पुरानी सैकड़ों दुकानें भी शामिल हैं. वहीं जिले की कई छोटे- बड़े व्यवसायिक प्रतिष्ठान और घरों को भी तोड़ा जा रहा, जिसकी संख्या भी 200 से ऊपर है. वहीं कई प्रमुख मंदिरों के मेन गेट भी तोड़े जा रहे हैं. इस सड़क का चौड़ीकरण होना बेहद जरूरी था क्योंकि यह सड़क सीधे भारत को नेपाल से जोड़ेगी.
70 करोड़ का दिया जाएगा मुआवजा
सरकार ने इस सड़क के चौड़ीकरण के समय दुकानदारों और स्थानियों के नुकसान के लिए मुआवजे का भी आदेश दिया है. सरकार की तरफ से 70 करोड़ रुपये के मुआवजे की बात कही गई है, जिसमें से अब तक 40 करोड़ का मुआवजा दिया जा चुका है. इस सड़क के चौड़ीकरण में जहां सरकार कई प्रयास कर रही वहीं यहां के लोग भी शासन और प्रशासन का साथ दे रहे हैं.
स्थानीय भी सरकार के साथ
चौड़ीकरण के दौरान जिन लोगों का घर तोड़ा गया है वे खुद इस काम से खुश नजर आ रहे हैं. उनका कहना है कि सुंदर भविष्य के लिए कभी-कभी वर्तमान में भी छेड़छाड़ करनी पड़ती है. इसके कारण वे योगी जी के इस प्रोजेक्ट के साथ हैं. उनका कहना है कि योगी जी ने उन्हें आश्वस्त किया है कि सड़क के चौड़ीकरण के बाद सभी लोग अपनी-अपनी जगहों पर स्थापित होंगे. वहीं हर नुकसान की भरपाई मुआवजे से होगी. हालांकि लोगों को अभी मुआवजे की पूरी रकम नहीं मिली है. कुछ कि बैंक में ही पेंडिंग है. फिर भी शासन का निर्देश है और आश्वासन मजबूत है तो लोग अपने हाथों से यह अपने घरों पर हथौड़ा चला रहे हैं.
2 साल में पूरा किया जाना था कार्य
17.50 किलोमीटर के इस प्रोजेक्ट में बाधा बन रहे बिजली के खंभों, तारों और ट्रांसफार्मर को हटाकर भूमिगत केबल डालने के लिए 78.54 करोड़ रुपये का बजट आवंटित है. यह कार्य अब तक पूर्ण हो जाना चाहिए था, लेकिन अतिक्रमण इसमें बड़ी बाधा बना हुआ था. इसके पूर्ण होने में 2 साल का समय पहले तय किया गया था, लेकिन अब इसे डेढ़ वर्षो में ही पूर्ण करना है.
60 फीट चौड़ी बनेगी फोरलेन
इस सड़क के निर्माण में 1150 पेड़ बाधक बन रहे हैं, जिन्हें काटने और हटाने के लिए वन विभाग को 70 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं. करीब 60 फीट चौड़ी इस फोरलेन की सड़क में बीच में 1 मीटर का डिवाइडर बनेगा. इसके दोनों तरफ 7-7 मीटर की चौड़ी सड़क बनाई जाएगी. इसमें एक रेल ओवरब्रिज भी बनाया जाएगा जो मनीराम क्रॉसिंग पर प्रोजेक्ट में शामिल है. एनएचएआई के परियोजना प्रबंधक एमके अग्रवाल इस विषय पर आंकड़े तो प्रस्तुत करते हैं, लेकिन कैमरे पर आकर कुछ भी नहीं बोलते. फोरलेन सड़क का यह निर्माण 'इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन' के फार्मूले के आधार पर होगा.