गोरखपुर : मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ के दूसरी बार शपथ लेने के बाद गोरखपुरवासियों में विकास को लेकर कई तरह की उम्मीद पल रहीं हैं. आम नागरिक हो या उद्योग जगत से जुड़ा हुआ बड़ा उद्योगपति, सभी को उम्मीद है कि आने वाले 5 सालों में गोरखपुर विकास की नई ऊंचाइयों को छूएगा. गोरखपुर देश के अग्रणी शहरों में शामिल होगा. योगी ने बीते 5 सालों के कार्यकाल में गोरखपुर के अंदर करीब 15 हजार करोड़ की परियोजनाओं को धरातल पर उतारा है. अधिकांश के कार्य पूरे हो चुके हैं. बचे हुए चंद महीनों में ये पूरे भी हो जाएंगे.
गोरखपुर में योगी 2.0 से अब लोगों को कई उम्मीदें हैं. गैस पाइप लाइन हो या औद्योगिक क्षेत्र में कई तरह के पार्क, शहर को जल निकासी से मुक्ति देने की बड़ी योजनाएं हों या 5 सालों में मेट्रो जैसे प्रोजेक्ट को जमीन पर उतारने जैसा योगी का जनता से किया गया वायदा, इन सभी के पूरे होने की आम जनमानस आस लगाए बैठा है.
योगी सरकार पार्ट वन में गोरखपुर को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स), खाद कारखाना, वाटर स्पोर्ट्स कांप्लेक्स, चिड़ियाघर, रामगढ़ झील परियोजना, तरकुलानी रेगुलेटर और कालेसर से लेकर जंगल कौड़िया फोरलेन का निर्माण पूरा हो चुका है. वर्ष 2017 से पहले शुरू हुई गोरखपुर-महाराजगंज, गोरखपुर-देवरिया-सलेमपुर फोरलेन का कार्य भी अब पूरा हो चुका है. मोहद्दीपुर से जंगल कौड़िया फोरलेन और असुरन से महाराजगंज फोरलेन का काम बहुत जल्द पूरा हो जाएगा. पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) को लोगों के घरों की रसोई तक पहुंचाने का काम भी चल रहा है. साथ ही आयुष विश्वविद्यालय का काम भी तेज हुआ है.
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पार्ट टू सरकार से उद्योगों की स्थापना में तेजी और रोजगार सृजन की लोग आस लगाकर बैठे हैं. औद्योगिक क्षेत्र गोरखपुर इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (गीडा) के आधीन टेक्टाइल्स, गारमेंट और फूड प्रोसेसिंग के अलावा रेडीमेड गारमेंट पार्क और आईटी और प्लस्टिक पार्क स्थापित किए जाएंगे. जिलाधिकारी गोरखपुर ने ईटीवी भारत को बताया कि एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ औद्योगिक गलियारा विकसित करने का प्रस्ताव शासन के पास प्रस्तुत किया जा चुका है. जल निकासी और सीवर सिस्टम पर मुख्यमंत्री खुद गंभीर हैं. पूरी उम्मीद है कि गोरखपुर को विकास के मामले आगे बढ़ता देखा जाएगा.
गोरखपुर के उद्योगपतियों और चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष साफ तौर पर कहते हैं कि पिछले 5 सालों में गोरखपुर के अंदर योगी आदित्यनाथ की सरकार ने औद्योगिक माहौल के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर को डेवलप करने में बड़ी भूमिका निभाई है. औद्योगिक क्षेत्र में सड़क, बिजली और सुरक्षा पर पूरा जोर दिया गया है. ऐसे में उम्मीद है कि आने वाले 5 सालों में गोरखपुर औद्योगिक क्षेत्र (गीडा) की तर्ज पर विकसित नजर आएगा. जो प्रस्ताव तैयार हुए हैं, उसके मुताबिक लिंक एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ उद्योगों की स्थापना से रोजगार बढ़ेंगे.
उन्होंने बताया कि 550 करोड़ की लागत से सरिया फैक्ट्री भी गीडा में स्थापित हो रही है. वहीं, 150 करोड़ की लागत से स्थापित हो रही सीमेंट फैक्ट्री बहुत जल्द अपना उत्पादन शुरू करने जा रही है. गोरखपुर-सोनौली मार्ग पर करीब दो हजार एकड़ में स्पेशल इकोनामिक जोन विकसित करने की योजना है जिससे सब्जी और फल पैदा करने वाले इस क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा.
जंगल कौड़िया से जगदीशपुर तक फोरलेन प्रस्तावित है. लखनऊ-गोरखपुर फोरलेन को सिक्स लेन में तब्दील करने की कवायद शुरू हो चुकी है. सबसे बड़ी बात है कि गोरखपुर से सोनौली तक सिक्स लेन सड़क के लिए 2550 करोड़ का बजट केंद्र सरकार ने मंजूर भी कर दिया है. इसके अलावा कई योजनाएं पाइप लाइन में हैं जिनके योगी सरकार पार्ट टू में धरातल पर उतरने की उम्मीद जताई जा रही है.
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