गोरखपुर: शहर में अधूरे पड़े निर्माण कार्य को मानसून सत्र से पहले पूरा करने के लक्ष्य को लेकर लोक निर्माण विभाग और नगर निगम विभाग पूरी तैयारी के साथ जुट गया है. गोरखपुर में हजारों करोड़ की निर्माण से जुड़ी परियोजनाएं पिछले साल से चल रही हैं. इसमें सड़क से लेकर नाला और सीवर पाइप लाइन का काम तेजी से हो रहा था, लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से मार्च से लागू हुए लॉकडाउन में निर्माण कार्य रुक गया था. मानसून सत्र से पहले इनका निर्माण होना भी बेहद जरूरी था, क्योंकि अधूरा निर्माण बारिश के दिनों में दुर्घटना का बड़ा कारण भी बन सकता था. यही वजह है कि लॉकडाउन-3 में निर्माण कार्यों की इजाजत मिलते ही ऐसे कार्यस्थलों पर काम में तेजी आ गई है.
निर्माण कार्य में आई तेजी
गोरखपुर से महाराजगंज को मेडिकल कॉलेज से होते हुए जोड़ने वाली निर्माणाधीन फोरलेन सड़क पर करीब 434 करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं. इस बजट से असुरन चौक से मेडिकल कॉलेज तक मॉडल सड़क का निर्माण कराया जा रहा है. इसमें चौड़ीकरण में बाधा बन रहे मकान और दुकान को तोड़ने के बाद मुआवजा भी दिया गया है. इस बजट के अधीन ही सड़क के दोनों तरफ नाले का भी निर्माण हो रहा है.
धन के अभाव में निर्माण कार्य रुका था, लेकिन रिवाइज बजट और लॉकडाउन में मिली ढील के बाद अब इस कार्य में तेजी देखी जा रही है. गोरखपुर से देवरिया के लिए निर्माणाधीन फोरलेन सड़क का काम भी पूरी तेजी में दिखाई दे रहा है. फरवरी माह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके शेष बजट को रिवाइज एस्टीमेट के साथ जारी कर दिया था, जो करीब 280 करोड़ का है. इसमें छोटे-बड़े कुल 6 पुल बनाए जा रहे हैं.
गोरखपुर शहर के अंदर नगर निगम के 70 वार्डों में भी मानसून सत्र से पहले नई और टूटी-फूटी सड़कों के निर्माण पर पूरा जोर दिया जा रहा है. टेंडर निकाले जा चुके हैं और 20 मई तक यह प्रक्रिया पूर्ण करने के साथ सड़कों, नालियों का कार्य तेजी के साथ कराया जाएगा. लॉकडाउन की वजह से करीब डेढ़ महीने से निर्माण की सारी प्रक्रिया रुकी पड़ी है.
31 मार्च तक खर्च हो जाने वाले बजट भी रुके पड़े हैं. लिहाजा सरकार की अनुमति के अनुकूल इन कार्यों को पूर्ण कराने के लिए टेंडर की प्रक्रिया को पूरा करते हुए उसकी रूपरेखा तैयार कर ली गई है. उम्मीद है कि 14 जून से पहले शहर में कार्य तेज गति से होगा, जिससे निर्माण भी पूरा होगा और लोगों को जलभराव, दुर्घटना से भी निजात मिल सकेगी.