गोरखपुरः मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2023) के पर्व पर बाबा गोरखनाथ (Baba Gorakhnath) को 3100 किलो के खिचड़ी महाप्रसाद (Khichdi Mahaprasad) का भोग लगाने की तैयारी है. महाप्रसाद के भोग और वितरण का आयोजन 14 जनवरी को होगा. विशेष प्रकार के बर्तन में बनने वाले महाप्रसाद को भोग लगाने के बाद गोरखनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं के बीच वितरित किया जाएगा. इस तरह का यह देश का सबसे बड़ा आयोजन माना जा रहा है.
गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Temple) में अनादि काल से गुरु गोरखनाथ बाबा को मकर संक्रांति के पर्व पर खिचड़ी का प्रसाद चढ़ाया जाता है. इसे चढ़ाने के लिए दूरदराज से लोग गोरखनाथ मंदिर पहुंचते हैं. इस बार 14 तारीख को "प्रयास एक परिवर्तन परिवार" द्वारा आमजन के सहयोग से 3100 किलो खिचड़ी का महाप्रसाद बनाने की तैयारी शुरू हो गई है. गुरु गोरखनाथ बाबा को भोग लगाने के बाद श्रद्धालुओं को महाप्रसाद का वितरण किया जाएगा.
विशेष प्रकार के बर्तन में बनता है महाप्रसाद
प्रयास एक परिवर्तन परिवार के मुखिया प्रवीन कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि आमजन के सहयोग से इस तरह के कार्यक्रम पहले भी किए जाते रहे हैं. लेकिन, इस बार मकर संक्रांति के पर्व पर बाबा गोरखनाथ को 3100 किलो खिचड़ी का महाप्रसाद भोग लगाया जाएगा. इसे बनाने के लिए एक विशेष प्रकार का बर्तन तैयार कराया गया है, जिसकी क्षमता 5 हजार 400 किलो की होगी. इस बर्तन को बनाने में लोहे के अलावा अन्य धातु का भी उपयोग किया गया है, जो इसे विशेष बनाता है. इसे बनाने के दौरान खास बात यह होगी कि महाप्रसाद एक ही बर्तन में एक साथ बनाया जाएगा. प्रसाद को बनाने और वितरित करने के लिए परिवार के डेढ़ सौ से ज्यादा लोगों की टीम भी मौजूद रहेगी.
देशभर में ऐसा चौथा और अब तक का सबसे बड़ा आयोजन
प्रवीन कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि देश भर में अब तक का ऐसा यह चौथा आयोजन होगा. इसके पहले सर्वप्रथम 995 किलो खिचड़ी प्रख्यात शेफ संजीव कपूर के नेतृत्व में बाबा रामदेव की उपस्थिति में हरिद्वार में बनाई गई थी. दूसरी बार 1995 किलो हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के सत्ता संभालने के बाद बनी थी. तीसरी बार 3000 किलो नागपुर में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की उपस्थिति में बनाई गई थी. चौथी बार खिचड़ी का महाप्रसाद गुरु गोरखनाथ बाबा के महाभोग के रूप में तैयार की जाएगी, जो रिकॉर्ड 3100 किलो से भी ज्यादा का होगा. इस महाप्रसाद को बनाने में 10 कुंतल चावल के अलावा, 3 कुंतल उड़द की दाल, गोभी, मटर,आलू, रिफाइंड, देसी घी और मसालों का भी इस्तेमाल किया जाएगा. इसके लिए किसी संस्था या व्यापारी संगठन का सहयोग नहीं लिया जा रहा है, यह आयोजन आमजन के प्रयास से संपन्न होगा
खिचड़ी चढ़ाने का मकर संक्रांति पर विशेष महत्व
गोरखपुर में गुरु गोरखनाथ बाबा और गोरखनाथ मंदिर के प्रति लोगों की अपार श्रद्धा है. दूरदराज से हजारों की संख्या में लोग प्रति दिन दर्शन करने के लिए आते हैं. प्रतिवर्ष मकर संक्रांति पर्व के दिन मंदिर का महत्व और बढ़ जाता है. जहां गुरु गोरक्षनाथ बाबा (Gorakshanath Baba) के प्रिय भोजन खिचड़ी को महाप्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि गुरु गोरक्षनाथ बाबा इसे प्रतिदिन स्वयं बनाया करते थे. चावल और उड़द की दाल से तैयार होने वाली इस विशेष खिचड़ी को चढ़ाने और बाबा को भोग लगाने के लिए लाखों की संख्या में देश-विदेश से लोग यहां पहुंचते हैं. यह परंपरा सालों से बदस्तूर जारी है. मकर संक्रांति से लेकर एक महीने तक मेले का आयोजन होता है. मेले के संचालन और देखरेख की जिम्मेदारी सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) खुद संभालते हैं. वर्षों से यहां खिचड़ी चढ़ाने नेपाल के राजशाही परिवार के लोग आते रहे हैं.