गोरखपुरः कवयित्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में करीब 20 वर्षों तक जेल की सजा काटने के बाद शुक्रवार 25 अगस्त को गोरखपुर जेल से पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि को रिहाई मिल गई है. लेकिन इसके बाद भी वह अपने घर नहीं जा सके. दोनों लंबे समय से बीमार चल रहे हैं और बीआरडी मेडिकल कॉलेज के कमरा नंबर 16 में पत्नी के साथ भर्ती हैं. इस बीच उनकी रिहाई को लेकर कई तरह की राजनीतिक अटकलें भी लगाई जाने लगी हैं.
सूत्रों की मानें तो लोकसभा 2024 के चुनाव में अमरमणि त्रिपाठी की सशरीर खुले तौर पर राजनीतिक क्षेत्र में मौजूदगी, राजनीति में नए समीकरण को बना बिगाड़ सकती है. इन्हीं अटकलें पर विराम देने के लिए अमरमणि के बेटे पूर्व विधायक अमनमणि त्रिपाठी शनिवार को मीडिया के सामने आए. उन्होंने कहा कि उनके पिता की रिहाई में जिन्हें राजनीति करनी है, वह करें, जो बोलना है बोलें. लेकिन उन्हें और उनके पूरे परिवार सहित सभी शुभचिंतकों को इस बात का इंतजार है कि वह सबसे पहले भी मेडिकल कॉलेज से स्वस्थ होकर डॉक्टर की अनुमति से घर के लिए आ जाएं. अमनमणि ने कहा कि कोशिश होगी कि पिता को सबसे पहले पूरी तरह से स्वस्थ किया जाए. क्योंकि कानूनी दांवपेच में जो उन्हें इलाज के लिए हायर सेंटर की सुविधा नहीं मिल पाई है, ऐसे में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा दिलाकर उन्हें पूरी तरह स्वस्थ बनाया जाय. 20 वर्षों से जो उनके परिवार के बीच नहीं रहने की कमी है उसको दूर करने का प्रयास किया जाएगा.
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अमनमणि ने कहा कि अमरमणि उनके पिता ही नहीं उनके मार्गदर्शक हैं. नौतनवा विधानसभा क्षेत्र के लोगों के अभिभावक की भूमिका निभाते हैं. लोग उन्हें अपने बीच पाकर ही बेहद खुशी महसूस करेंगे. जहां तक राजनीति की बात है तो, वह राजनीति तो कर ही रहे हैं. यह पिता का ही आशीर्वाद है. उन्होंने कहा कि कानून में ही एक व्यवस्था है, जिसमें 14,16 और 20 वर्षों तक जेल की सजा काटने वाले कैदियों को उनके अच्छे आचरण व्यवहार की बदौलत रिहाई का आदेश मिलता है. जो उनके पिता को मिला है. यह उनका और उनके परिवार का भी संवैधानिक अधिकार था. शासन और सरकार ने जो यह अधिकार उन्हें दिया है, इसके लिए वह पूरी व्यवस्था को बधाई देते हैं.
अमनमणि ने कहा कि उनके पिता को न्यूरो, आर्थो और स्पाइन की समस्या है और माता को मानसिक दिक्कत है. पिता को जो समस्या है उसकी वजह से उन्हे चलने और खड़े होने में दिक्कत है. डॉक्टरों की सलाह पर ही उन्हें मेडिकल कॉलेज से बाहर लाया जाएगा. डॉक्टरों ने कुछ नई दवाओं को इलाज में जोड़ा है और कहा है कि इसका रिएक्शन और असर देखने के बाद ही डिस्चार्ज करने का कोई निर्णय लिया जा सकता है. अमनमणि ने कहा कि फिलहाल पिता की रिहाई का न तो राजनीति से कोई लेना-देना है और न आने वाले 2024, 26, के किसी चुनावी माहौल से. उनकी रिहाई उनके परिवार की खुशी है. उससे भी ज्यादा उनके बेहतर स्वास्थ्य को लेकर सब की चिंता है.