गोरखपुर: लॉकडाउन के कारण मुंबई, हैदराबाद, दिल्ली और देश के अन्य राज्यों से पैदल और साइकिल से ही लोग जिले में पहुंच रहे हैं. यहां पहुंचने के बाद मेडिकल टीम सभी की जांच कर रही है. इसके बाद यह सभी आगे का सफर तय कर अपने-अपने गांव पहुंच रहे हैं.
मजदूरों ने बयां किया दर्द
मजदूर सफर का दर्द बयां करने से खुद को रोक नहीं पा रहे हैं. इन लोगों का कहना है कि रास्ते में अगर कोई गाड़ी मिल गई, तो उनसे मदद मांगी ली और मदद नहीं मिली, तो पैदल ही आगे बढ़ लिए. किसी दिन खाना मिला तो कभी भूखे भी सोना पड़ा. इसके बावजूद सभी अपने लड़खड़ाते कदमों से आगे बढ़ते रहे.
बारी-बारी से चलाई साइकिल
जनपद लौटने वाले बांकेलाल बताते हैं कि जब खाने के लाले पड़ने लगे, तो उन्होंने वापस लौटने का फैसला किया. एक साइकिल खरीदी और गांव पहुंचने की उम्मीद में चाचा-भतीजा बारी-बारी से एक ही साइकिल को चला कर 900 किलोमीटर से अधिक की यात्रा कर 11 दिन बाद गोरखपुर पहुंचे हैं.
परेशानियों का सामना
बांकेलाल बताते हैं कि रास्ते में उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. उन्हें नहीं मालूम है कि इस तरह से हालात बिगड़ जाएंगे और लॉकडाउन इतना लंबा खिंच जाएगा. फिर बताते हैं कि 11 दिन साइकिल से लंबा सफर करने के दौरान कई दिन उन्हें भूखे पेट ही रहना पड़ा है.
वहीं, जिला चिकित्सालय के डॉक्टर संतलाल ने बताया कि यहां पहुंचने वाले मजदूरों की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है. इसके साथ ही सभी को सख्त हिदायत दी गई है. वह अपने घरों में 14 दिन क्वारंटाइन रहें.