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गोरखपुर: जाने, कैसा है प्रदेश का पहला माॅडल क्वारंटाइन सेंटर - गोरखपुर क्वारंटाइन सेंटर

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में प्रदेश का पहला माॅडल क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है. जहां एक साथ 150 संदिग्धों को क्वारंटाइन करने की सुविधा है.

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प्रदेश का पहला माॅडल क्वारंटाइन सेंटर
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Published : Apr 14, 2020, 10:51 AM IST

गोरखपुर: जिले में प्रदेश का पहला मॉडल क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है. जहां 150 संदिग्धों को एक साथ क्वारंटाइन किया जा सकता है. इस मॉडल को अन्य जिलों में भी लागू करने के लिए शासन ने जिला प्रशासन से इसकी विस्तृत रूप रेखा मांगी है. इस मॉडल क्वारंटाइन सेंटर में लोगों को खास सुविधाएं देने के साथ ही 20 बातों को पॉइंट कर मॉडल तैयार किया गया है.

प्रदेश का पहला माॅडल क्वारंटाइन सेंटर
डाइट चार्ट से दिया जाता है माॅडल क्वारंटाइन सेंटर में खाना
जिले के सूरजकुंड स्थित सरस्वती बालिका विद्यालय को मॉडल क्वारंटाइन सेंटर के रूप में विकसित किया गया है. इसमें कोरोना संदिग्धों के साथ विदेश और अन्य राज्यों से आने वाले लोगों को क्वारंटाइन किया जा रहा है.

मौजूदा समय में सेंटर में 5 लोगों को रखा गया है. जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि डब्ल्यूएचओ की गाइड लाइन को ध्यान में रखते हुए इसे तैयार किया गया है. सेंटर में क्वारंटाइन के लिए रखे गए लोगों को डाइट चार्ट के हिसाब से खाना दिया जाता है और इनकी देखरेख के लिए डाॅक्टरों की तैनाती की गई है. इसके अलावा रोजाना इनके स्वास्थ की जांच भी की जा रही है. हालांकि अभी तक जिले में एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं मिला है.

माॅडल क्वारंटाइन सेंटर में जी जा रही ये सुविधाएं

एसडीम सदर ने बताया कि यहां रखे गए लोगों का मन लगा रहे इसके लिए समाचार पत्र, पत्रिका और मनोरंजन के लिए टीवी का प्रबंध किया गया है. यहां पर 5 लोग रखे गए हैं. इनके अंदर कोई भी लक्षण नहीं मिले हैं. इसके बाद भी सुबह और शाम डॉक्टर इनकी जांच करने के लिए आ रहे हैं. एक डेटाबेस बना रहे हैं, डिजिटल डाटा मैप भी तैयार किया जा रहा है.

ये है सरकार की गाइडलाइन

एसडीएम सदर गौरव सिंह सोगरवाल ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि डब्ल्यूएचओ और भारत सरकार की गाइडलाइन है कि जो भी लोग बाहर से आते हैं. उन्हें आइसोलेट करने के लिए क्वारंटाइन सेंटर होना चाहिए. इसके लिए लिविंग स्पेस, सैनिटाइजेशन, मेडिकल चेकअप, आईटी टूल्स के इस्तेमाल करने को लेकर कई सारी बातें हैं. भारत सरकार के आरोग्य सेतु एप को भी इंस्टॉल करा रहे हैं. इसके अलावा सीसीटीवी से निगरानी हो रही है. सुबह और शाम यहां पर सैनिटाइज किया जा रहा है.

गोरखपुर: जिले में प्रदेश का पहला मॉडल क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है. जहां 150 संदिग्धों को एक साथ क्वारंटाइन किया जा सकता है. इस मॉडल को अन्य जिलों में भी लागू करने के लिए शासन ने जिला प्रशासन से इसकी विस्तृत रूप रेखा मांगी है. इस मॉडल क्वारंटाइन सेंटर में लोगों को खास सुविधाएं देने के साथ ही 20 बातों को पॉइंट कर मॉडल तैयार किया गया है.

प्रदेश का पहला माॅडल क्वारंटाइन सेंटर
डाइट चार्ट से दिया जाता है माॅडल क्वारंटाइन सेंटर में खानाजिले के सूरजकुंड स्थित सरस्वती बालिका विद्यालय को मॉडल क्वारंटाइन सेंटर के रूप में विकसित किया गया है. इसमें कोरोना संदिग्धों के साथ विदेश और अन्य राज्यों से आने वाले लोगों को क्वारंटाइन किया जा रहा है.

मौजूदा समय में सेंटर में 5 लोगों को रखा गया है. जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि डब्ल्यूएचओ की गाइड लाइन को ध्यान में रखते हुए इसे तैयार किया गया है. सेंटर में क्वारंटाइन के लिए रखे गए लोगों को डाइट चार्ट के हिसाब से खाना दिया जाता है और इनकी देखरेख के लिए डाॅक्टरों की तैनाती की गई है. इसके अलावा रोजाना इनके स्वास्थ की जांच भी की जा रही है. हालांकि अभी तक जिले में एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं मिला है.

माॅडल क्वारंटाइन सेंटर में जी जा रही ये सुविधाएं

एसडीम सदर ने बताया कि यहां रखे गए लोगों का मन लगा रहे इसके लिए समाचार पत्र, पत्रिका और मनोरंजन के लिए टीवी का प्रबंध किया गया है. यहां पर 5 लोग रखे गए हैं. इनके अंदर कोई भी लक्षण नहीं मिले हैं. इसके बाद भी सुबह और शाम डॉक्टर इनकी जांच करने के लिए आ रहे हैं. एक डेटाबेस बना रहे हैं, डिजिटल डाटा मैप भी तैयार किया जा रहा है.

ये है सरकार की गाइडलाइन

एसडीएम सदर गौरव सिंह सोगरवाल ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि डब्ल्यूएचओ और भारत सरकार की गाइडलाइन है कि जो भी लोग बाहर से आते हैं. उन्हें आइसोलेट करने के लिए क्वारंटाइन सेंटर होना चाहिए. इसके लिए लिविंग स्पेस, सैनिटाइजेशन, मेडिकल चेकअप, आईटी टूल्स के इस्तेमाल करने को लेकर कई सारी बातें हैं. भारत सरकार के आरोग्य सेतु एप को भी इंस्टॉल करा रहे हैं. इसके अलावा सीसीटीवी से निगरानी हो रही है. सुबह और शाम यहां पर सैनिटाइज किया जा रहा है.

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