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गोरखपुर में ले सकेंगे कश्मीर के शिकारा का आनंद, क्रूज भी चलाने की तैयारी - Dal Lake Shikara

गोरखपुर नगर निगम (Gorakhpur Municipal Corporation) की देखरेख में राप्ती नदी में नाव चलेंगी, क्रूज भी तीन महीने में बनकर हो जाएगा तैयार, इसके बाद लोग इसका भी आनंद ले सकेंगे.

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Published : Jan 11, 2023, 5:08 PM IST

गोरखपुर की राप्ती नदी में शिकारा चलने और बोटिंग की योजना के बारे में नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने जानकारी दी.

गोरखपुर: काशी समेत देश के प्रमुख शहरों की नदियों को जलमार्ग और पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनाने में जुटी प्रदेश सरकार, गोरखपुर में राप्ती नदी (Gorakhpur Rapti River) में भी इसकी शुरुआत करने में जुट गई है. योगी सरकार (Yogi Government) यहां की प्रमुख झील रामगढ़ ताल में बोटिंग और वाटर स्पोर्ट्स के कार्यक्रम शुरू करने बाद, राप्ती नदी के रामघाट और राजघाट के करीब पांच किलोमीटर की परिधि में बोटिंग शुरू करने जा रही है. यहां पर कश्मीर की डल झील (Kashmir Dal Lake) के शिकारा की तर्ज पर नाव चलाई जाएंगी.

नगर निगम गोरखपुर की देखरेख में चलेंगी नाव
इसके साथ ही नदी से सटे गांव और कस्बे के लोगों को जलमार्ग उपलब्ध कराने की योजना भी बहुत जल्द मूर्त रूप ले लेगी. जिसका संचालन नगर निगम गोरखपुर (Gorakhpur Municipal Corporation) की देखरेख में होगा. बोटिंग की स्वीकृति के बाद जलमार्ग की भी स्वीकृति मिलने की उम्मीद है. इससे पहले राम घाट और गुरु गोरखनाथ घाट के निर्माण का दायरा बढ़ाने में निगम जुट गया है, जिसका प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है. सीएम योगी (CM Yogi Adityanath) रामगढ़ ताल से सीसी प्लेन चलाने की घोषणा पहले ही कर चुके हैं.

क्रूज तीन महीने में पानी में उतरेगा
यहां बोटिंग से लेकर शिकारा और अन्य नाव का लोग आनंद उठा सकेंगे. क्रूज भी बनकर तैयार हो रहा है, जो 3 महीने के भीतर रामगढ़ ताल में पर्यटकों के आकर्षण का विशेष केंद्र होगा. ऐसे में यहां के जल स्रोतों का विभिन्न दृष्टिकोण से उपयोग करने में प्राधिकरण और नगर निगम जुटा हुआ है. राप्ती नदी में बोटिंग समेत अन्य सुविधाओं के विस्तार की संभावना करीब एक साल पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) को तब नजर आई थी जब, उन्होंने राम घाट और गुरु गोरखनाथ घाट का लोकार्पण करने के बाद, नदी में स्टीमर से भ्रमण किया था.

बोटिंग के लिए कंपनी से हुआ करार
नगर आयुक्त अविनाश सिंह के अनुसार कार्य योजना पर बल देना प्रारंभ कर दिया गया है. दोनों तटों को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए जरूरी सुविधाओं को यहां स्थापित किया गया है. बोटिंग कराने वाली एक कंपनी से करार तय होने के बाद राप्ती नदी में इसकी शुरुआत करा दी गई है. जहां पर्यटकों का आना शुरू हो गया है. उन्होंने ईटीवी भारत को बताया कि करीब साढ़े तीन से 5 किलोमीटर के दायरे में बोटिंग और बड़ी नाव को यानी शिकारा ले जाने का प्रयास होगा. बोटिंग की शुरुआत शहर के निवर्तमान मेयर सीताराम जयसवाल और उप सभापति ऋषि मोहन वर्मा के साथ हुई थी.

मोटर बोट और स्ट्रीमर का भी इंतजाम होगा
नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने बताया कि राप्ती नदी में काशी के तर्ज पर ही नहीं अयोध्या, मथुरा और जिस प्रकार कश्मीर की डल झील में शिकारा नाव चलती है वैसे ही, नाव को चलाने का प्रावधान किया जा रहा है. इसके लिए जरूरी उपायों को जहां नदी क्षेत्र में विकसित किया जाएगा. मोटर बोट, स्ट्रीमर और नाव के लाने का भी इंतजाम किया जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप ही इन योजनाओं को आगे बढ़ाया जा रहा है, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिले और आसपास के पर्यटकों के अलावा दूसरे शहरों से भी आने वाले लोगों को भरपूर आनंद मिले. उन्होंने कहा कि राप्ती नदी में जल मार्ग प्रारंभ करने में सफलता मिलती है तो यह भविष्य में करीब 60 किलोमीटर की लंबी यात्रा को पूरी कराते हुए दो से तीन जिलों को जोड़ने में सहायक हो सकेगी.

यह भी पढ़ेंः Gorakhpur में मकर संक्रांति पर गोरखनाथ बाबा को लगेगा खास भोग, 3100 किलो का होगा खिचड़ी महाप्रसाद

गोरखपुर की राप्ती नदी में शिकारा चलने और बोटिंग की योजना के बारे में नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने जानकारी दी.

गोरखपुर: काशी समेत देश के प्रमुख शहरों की नदियों को जलमार्ग और पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनाने में जुटी प्रदेश सरकार, गोरखपुर में राप्ती नदी (Gorakhpur Rapti River) में भी इसकी शुरुआत करने में जुट गई है. योगी सरकार (Yogi Government) यहां की प्रमुख झील रामगढ़ ताल में बोटिंग और वाटर स्पोर्ट्स के कार्यक्रम शुरू करने बाद, राप्ती नदी के रामघाट और राजघाट के करीब पांच किलोमीटर की परिधि में बोटिंग शुरू करने जा रही है. यहां पर कश्मीर की डल झील (Kashmir Dal Lake) के शिकारा की तर्ज पर नाव चलाई जाएंगी.

नगर निगम गोरखपुर की देखरेख में चलेंगी नाव
इसके साथ ही नदी से सटे गांव और कस्बे के लोगों को जलमार्ग उपलब्ध कराने की योजना भी बहुत जल्द मूर्त रूप ले लेगी. जिसका संचालन नगर निगम गोरखपुर (Gorakhpur Municipal Corporation) की देखरेख में होगा. बोटिंग की स्वीकृति के बाद जलमार्ग की भी स्वीकृति मिलने की उम्मीद है. इससे पहले राम घाट और गुरु गोरखनाथ घाट के निर्माण का दायरा बढ़ाने में निगम जुट गया है, जिसका प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है. सीएम योगी (CM Yogi Adityanath) रामगढ़ ताल से सीसी प्लेन चलाने की घोषणा पहले ही कर चुके हैं.

क्रूज तीन महीने में पानी में उतरेगा
यहां बोटिंग से लेकर शिकारा और अन्य नाव का लोग आनंद उठा सकेंगे. क्रूज भी बनकर तैयार हो रहा है, जो 3 महीने के भीतर रामगढ़ ताल में पर्यटकों के आकर्षण का विशेष केंद्र होगा. ऐसे में यहां के जल स्रोतों का विभिन्न दृष्टिकोण से उपयोग करने में प्राधिकरण और नगर निगम जुटा हुआ है. राप्ती नदी में बोटिंग समेत अन्य सुविधाओं के विस्तार की संभावना करीब एक साल पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) को तब नजर आई थी जब, उन्होंने राम घाट और गुरु गोरखनाथ घाट का लोकार्पण करने के बाद, नदी में स्टीमर से भ्रमण किया था.

बोटिंग के लिए कंपनी से हुआ करार
नगर आयुक्त अविनाश सिंह के अनुसार कार्य योजना पर बल देना प्रारंभ कर दिया गया है. दोनों तटों को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए जरूरी सुविधाओं को यहां स्थापित किया गया है. बोटिंग कराने वाली एक कंपनी से करार तय होने के बाद राप्ती नदी में इसकी शुरुआत करा दी गई है. जहां पर्यटकों का आना शुरू हो गया है. उन्होंने ईटीवी भारत को बताया कि करीब साढ़े तीन से 5 किलोमीटर के दायरे में बोटिंग और बड़ी नाव को यानी शिकारा ले जाने का प्रयास होगा. बोटिंग की शुरुआत शहर के निवर्तमान मेयर सीताराम जयसवाल और उप सभापति ऋषि मोहन वर्मा के साथ हुई थी.

मोटर बोट और स्ट्रीमर का भी इंतजाम होगा
नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने बताया कि राप्ती नदी में काशी के तर्ज पर ही नहीं अयोध्या, मथुरा और जिस प्रकार कश्मीर की डल झील में शिकारा नाव चलती है वैसे ही, नाव को चलाने का प्रावधान किया जा रहा है. इसके लिए जरूरी उपायों को जहां नदी क्षेत्र में विकसित किया जाएगा. मोटर बोट, स्ट्रीमर और नाव के लाने का भी इंतजाम किया जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप ही इन योजनाओं को आगे बढ़ाया जा रहा है, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिले और आसपास के पर्यटकों के अलावा दूसरे शहरों से भी आने वाले लोगों को भरपूर आनंद मिले. उन्होंने कहा कि राप्ती नदी में जल मार्ग प्रारंभ करने में सफलता मिलती है तो यह भविष्य में करीब 60 किलोमीटर की लंबी यात्रा को पूरी कराते हुए दो से तीन जिलों को जोड़ने में सहायक हो सकेगी.

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