कानपुर: गोरखपुर में हुए मनीष गुप्ता हत्याकांड मामले (Manish Gupta murder case) में कानपुर से एक जांच कमेटी की टीम गोरखपुर के उस होटल में पहुंची, जहां व्यापारी मनीष की हत्या की गई थी. होटल के जिस कमरे में मनीष की हत्या की गई थी, उस कमरे में कानपुर और गोरखपुर पुलिस गहनता से जांच कर रही है. इसका एक वीडियो सामने आया है. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच होटल के कमरे की फोरेंसिक जांच की गई, जिसमें कानपुर पुलिस को भी शामिल किया गया.
बता दें कि कानपुर के बर्रा निवासी मनीष गुप्ता अपने दोस्त प्रदीप सिंह और हरवीर सिंह के साथ गोरखपुर घूमने आया था. सिकरीगंज का चंदन सैनी से तीनों की पुरानी दोस्ती थी. उसने ही कृष्णा पैलेस में अपने नाम पर कमरा बुक कराया था. सोमवार की रात पुलिस चेकिंग करने के लिए पहुंची थी. आरोप है कि इस दौरान पुलिसकर्मियों ने मनीष गुप्ता की जमकर पिटाई कर दी. इसके बाद मनीष की गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई थी.
मनीष की मौत के बाद सीएम योगी के हस्तक्षेप के बाद रामगढ़ताल थाना के 6 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. वहीं, यूपी सरकार ने मनीष गुप्ता की पत्नी को सरकारी नौकरी दे दी है. साथ ही परिवार को 40 लाख रुपये की आर्थिक मदद की है. राज्य सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने के लिए सिफारिश भी की है.
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कानपुर व्यापारी मनीष गुप्ता मौत मामले की जांच के लिए गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) शनिवार को कानपुर से गोरखपुर पहुंची थी और जांच की थी. अपर पुलिस आयुक्त कानपुर आनंद कुमार तिवारी के नेतृत्व में एसआईटी ने मनीष गुप्ता होटल के जिस कमरे में अपने दोस्तों के साथ ठहरे थे, उसकी जांच-पड़ताल की थी. वहीं आज कानपुर पुलिस की टीम मामले में जांच करने होटल कृष्णा पैलेस पहुंची. इसके बाद जांच-पड़ताल शुरू की.
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सबूत मिटाने की कोशिश किसने की और क्यों की?
वारदात जिस कृष्णा होटल में हुई, वह पॉश इलाके में होने के साथ ही रामगढ़ताल से करीब 300 मीटर ही दूरी पर है. मनीष गुप्ता की पत्नी का आरोप है कि होटल के जिस कमरे में घटना हुई वहां से क्राइम सीन को पूरी तरह से साफ कर दिया गया है. कमरे में से खून के धब्बे मिटाए जा चुके हैं. अब सवाल है कि जब जांच अभी जारी है तो यह हरकत क्यों की गई और किसने की.