गोरखपुर: भाई- बहन के अटूट प्रेम के पर्व रक्षाबंधन पर बाजार में तरह-तरह की डिजाइनर राखियां बिक रही हैं. रक्षाबंधन का यह पर्व भाइयों की कलाई पर बधने वाले धागे से सुरक्षा का भी संदेश देता है. लेकिन, ईटीवी भारत आप दर्शकों के लिए एक अद्भुत राखी की खबर लेकर आया है. अयोध्या में बन रहे भगवान राम के भव्य मंदिर में स्थापित होने वाली भगवान राम की प्रतिमा को पूरी तरह से सुरक्षित करने के उद्देश्य से इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट यानी कि आईटीएम के छात्र-छात्राओं द्वारा तैयार की गई है.
सिक्योरिटी का उल्लंघन होते ही बजने लगेगा अलार्मः पूरी तरह से रेडियो फ्रीक्वेंसी पर आधारित छात्रों कि यह राखी बहुत ही आधुनिक बनी है. जो देखने में भी बहुत खूबसूरत है. इस शोध को मूर्त रूप देने में तीन हजार का खर्च और चार से पांच दिन की मेहनत लगी है. लेकिन, इसके पीछे की सोच और उद्देश्य इन छात्रों की बहुत ही अद्भुत है. जिसमें यह राखी भगवान राम की प्रतिमा के पास स्थापित होगी. इसका सेंसर मंदिर के प्रतिबंधित एरिया में लगाया जाएगा, जो भी इसका उल्लंघन करेगा वह सिक्योरिटी की पकड़ में आ जाएगा. क्योंकि सेंसर के दायरे में आने के साथ ही भगवान राम के पास रखी गई अलार्म युक्त राखी बजने लगेगी. सिक्योरिटी और मंदिर से जुड़े हुए लोग इसपर अलर्ट हो जाएंगे और सुरक्षा में कोई चूक नहीं होगी. बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन के तीन छात्र अमित श्रीवास्तव, मुश्कान शेख और अपूर्वा राय, ने भाई बहन के प्रेम और रक्षा के प्रतीक पर्व रक्षाबंधन पर इसे तैयार किया है. यह अपना मॉडल अयोध्या पहुंचाकर मंदिर निर्माण ट्रस्ट से जुड़े चंपत राय को भेंट भी करने वाले हैं. जिससे भगवान राम के लिए बनाई गई राखी भगवान राम की सुरक्षा के लिए उपयोग में आए.
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राखी रेडियो फ्रीक्वेंसी पर काम करेगीः छात्रा अपूर्वा राय ने कहा कि इसमें लगी हुई डिवाइस की क्षमता बढ़ाने पर इसका कवरेज एरिया बढ़ जाएगा. उन्होंने जितनी क्षमता इसमें डाली है उसके हिसाब से करीब 1 किलोमीटर के दायरे में यह काम करेगा. इन्होंने अपना यह प्रोजेक्ट कॉलेज इन्नोवेशन सेंटर में तैयार किया है, जिसमें गाइड की भूमिका सहायक आचार्य विनीत राय ने निभाई है. विनीत राय ने ईटीवी भारत को बताया कि पूरी तरह से यह राखी रेडियो फ्रीक्वेंसी पर काम करेगी. छात्रों ने बताया कि इस राखी के दो पार्ट हैं. पहला कवच राखी जो मंदिर में भगवान श्री राम के पास होगा और राखी का दूसरा पार्ट जो वायरलेस टेक्नोलॉजी से लैस एक ऑब्जेक्ट सेंसर के रुप में है. यह ऑब्जेकट सेंसर मंदिर के प्रतिबंधित क्षेत्रो में लगाया जा सकता है. राखी और ऑब्जेकट सेंसर, वायरलेस टेक्नोलॉजी की सहायता से एक दूसरे से जुड़े होते है. जैसे हीं मंदिर परिसर के प्रतिबंधित क्षेत्र में कोई कहीं से भी अंदर आने का प्रयास करता है, तो ऑब्जेक्ट सेंसर के रेंज में आते ही भगवान राम के पास रखें गये (कवच राखी) में तेज अलार्म बज उठेगा. जिससे वहां मौजूद मंदिर के पुजारी और सुरक्षा कर्मी समय रहते सतर्क हों सकतें है.
3 हजार में बनाया राखी कवचः आईटीएम कॉलेज के निदेशक डॉ. एन.के. सिंह ने बताया कि हमारे कॉलेज में इन्नोवेशन सेंटर है. जिसमे छात्र अपने नए - नए आईडिया इन्नोवेशन के क्षेत्र काम करतें है. आज के यही छात्र कल के देश के भविष्य हैं. छात्रों के ऐसे प्रयास और लगन की कॉलेज प्रशासन सराहना करता है. कवच राखी बनाने में तीन हजार रुपये का खर्च आया है. राखी को बनाने में छात्रों ने, अलार्म, वाइब्रेटर मोटर, ऑब्जेक्ट सेंसर, रेशमी धागा, बॉक्स, बटन सेल 3 वोल्ट, रिले 5 वोल्ट, इत्यादि का उपयोग किया है. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से यह हमारे इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए गौरव का विषय है कि, हमारे शोध केंद्र से जुड़कर छात्र अद्भुत शोध कार्य को अंजाम दे रहे हैं.
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