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गोरखपुर: मानदेय घटाने से अनुदेशकों में आक्रोश, नियुक्ति पत्र जलाकर किया विरोध प्रदर्शन

अनुदेशकों ने जिले में योगी सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया. दरअसल मानदेय कम किए जाने के बाद से ही अनुदेशक नाराज हैं. अनुदेशकों का आरोप है कि सरकार ने मानदेय को बढ़ाने के बजाय घटा दिया है.

जानकारी देते अनुदेशक.
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Published : Jul 3, 2019, 1:07 PM IST

गोरखपुर: प्राथमिक विद्यालय के अनुदेशक शिक्षकों ने पांच माह से मानदेय न मिलने पर और मानदेय कम किए जाने को लेकर योगी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. सैकड़ों की संख्या में अनुदेशक शिक्षक बुधवार को बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचे. यहां पर उन्होंने नियुक्ति पत्र और अंक पत्र की छाया प्रति जलाकर योगी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

विरोध प्रदर्शन कर जानकारी देते अनुदेशक.

जानें क्या है अनुदेशक शिक्षकों का आरोप

  • अनुदेशक शिक्षकों का आरोप है कि 8,470 रुपये मासिक मानदेय को घटाकर प्रदेश सरकार ने 7,000 रुपये कर दिया है.
  • सरकार ने चुनाव के समय अनुदेशकों को 17,000 रुपये मानदेय देने की बात कही थी.
  • सरकार बनते ही मूल मानदेय को बढ़ाने के बजाय सरकार ने घटा दिया है.
  • योगी सरकार के इस फैसले ने अनुदेशकों को भुखमरी के कगार पर ला दिया है.

फैसले के खिलाफ अनुदेशकों का प्रदर्शन
बेसिक शिक्षा विभाग के उच्च प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत 31,000 अनुदेशकों का मानदेय 8,470 रुपये से घटाकर 7,000 रुपये मासिक कर दिया गया है. परिषदीय अनुदेशक कल्याण एसोसिएशन उत्तर प्रदेश गोरखपुर के जिलाध्यक्ष रनंजय सिंह के नेतृत्व में 536 अनुदेशकों ने अपने नियुक्ति पत्र और अंक पत्र की छाया प्रति को बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा.

17 मार्च 2017 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हम लोगों का वेतन 17,000 रुपये मासिक किए जाने आदेश दिया था, लेकिन सरकार ने हमारे वेतन में बढ़ोतरी करने के बजाय मूल वेतन को ही घटा दिया है. सरकार के इस निर्णय से अनुदेशकों में काफी आक्रोश है. सरकार ने चुनाव से पहले अनुदेशकों से वादा किया था कि उनके मानदेय को बढ़ाया जाएगा, लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद मूल वेतन को भी कम करने का काम योगी सरकार ने किया है.
-रनंजय सिंह, जिलाध्यक्ष, परिषदीय अनुदेशक कल्याण एसोसिएशन, उत्तर प्रदेश

हम लोगों को पिछले पांच माह से मानदेय नहीं मिला है. अब सरकार ने हमारे मूल मानदेय को कम करके 7,000 रुपये कर दिया है. हम लोगों के बच्चे भी पढ़ने लिखने वाले हैं. हम लोगों का परिवार कैसे चलेगा, यह सरकार को यह सोचना चाहिए और अपना निर्णय को वापस लेते हुए हमारे मानदेय को बढ़ाकर 17,000 रुपये मासिक कर देना चाहिए.
-चांदनी सिंह, अनुदेशक


गोरखपुर: प्राथमिक विद्यालय के अनुदेशक शिक्षकों ने पांच माह से मानदेय न मिलने पर और मानदेय कम किए जाने को लेकर योगी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. सैकड़ों की संख्या में अनुदेशक शिक्षक बुधवार को बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचे. यहां पर उन्होंने नियुक्ति पत्र और अंक पत्र की छाया प्रति जलाकर योगी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

विरोध प्रदर्शन कर जानकारी देते अनुदेशक.

जानें क्या है अनुदेशक शिक्षकों का आरोप

  • अनुदेशक शिक्षकों का आरोप है कि 8,470 रुपये मासिक मानदेय को घटाकर प्रदेश सरकार ने 7,000 रुपये कर दिया है.
  • सरकार ने चुनाव के समय अनुदेशकों को 17,000 रुपये मानदेय देने की बात कही थी.
  • सरकार बनते ही मूल मानदेय को बढ़ाने के बजाय सरकार ने घटा दिया है.
  • योगी सरकार के इस फैसले ने अनुदेशकों को भुखमरी के कगार पर ला दिया है.

फैसले के खिलाफ अनुदेशकों का प्रदर्शन
बेसिक शिक्षा विभाग के उच्च प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत 31,000 अनुदेशकों का मानदेय 8,470 रुपये से घटाकर 7,000 रुपये मासिक कर दिया गया है. परिषदीय अनुदेशक कल्याण एसोसिएशन उत्तर प्रदेश गोरखपुर के जिलाध्यक्ष रनंजय सिंह के नेतृत्व में 536 अनुदेशकों ने अपने नियुक्ति पत्र और अंक पत्र की छाया प्रति को बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा.

17 मार्च 2017 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हम लोगों का वेतन 17,000 रुपये मासिक किए जाने आदेश दिया था, लेकिन सरकार ने हमारे वेतन में बढ़ोतरी करने के बजाय मूल वेतन को ही घटा दिया है. सरकार के इस निर्णय से अनुदेशकों में काफी आक्रोश है. सरकार ने चुनाव से पहले अनुदेशकों से वादा किया था कि उनके मानदेय को बढ़ाया जाएगा, लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद मूल वेतन को भी कम करने का काम योगी सरकार ने किया है.
-रनंजय सिंह, जिलाध्यक्ष, परिषदीय अनुदेशक कल्याण एसोसिएशन, उत्तर प्रदेश

हम लोगों को पिछले पांच माह से मानदेय नहीं मिला है. अब सरकार ने हमारे मूल मानदेय को कम करके 7,000 रुपये कर दिया है. हम लोगों के बच्चे भी पढ़ने लिखने वाले हैं. हम लोगों का परिवार कैसे चलेगा, यह सरकार को यह सोचना चाहिए और अपना निर्णय को वापस लेते हुए हमारे मानदेय को बढ़ाकर 17,000 रुपये मासिक कर देना चाहिए.
-चांदनी सिंह, अनुदेशक


Intro: गोरखपुर। प्राथमिक विद्यालय में अनुदेशकों के पद कार्य करने वाले अनुदेशक शिक्षकों को पिछले 5 माह से मानदेय न मिलने और प्रदेश सरकार द्वारा मानदेय कम किए जाने के विरोध में सैकड़ों की संख्या में अनुदेशकों ने गोरखपुर के बेसिक शिक्षा कार्यालय पर पहुंचकर नियुक्ति पत्र और अंक पत्र की छाया प्रति जलाकर प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन किया।

अनुदेशकों की मांग है कि 8470 रुपये मासिक मानदेय को घटाकर प्रदेश सरकार ने 7000 रुपये कर दिया है, इस निर्णय से अनुदेशक काफी चिंतित है। सरकार ने चुनाव के समय अनुदेशकों को 17000 रुपये मानदेय देने की बात कही थी लेकिन सरकार बनते ही मूल मानदेय को कम किये जाने के प्रदेश सरकार के फैसले ने अनुदेशकों व परिवार वालो को को भुखमरी के कगार पर ला दिया है।


Body:परिषदीय अनुदेशक कल्याण एसोसिएशन उत्तर प्रदेश जनपद गोरखपुर के तत्वाधान में बेसिक शिक्षा विभाग के उच्च प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत 31000 अनुदेशकों का मानदेय 8470 रुपए से घटाकर 7000 रुपये मासिक किये जाने के विरोध में एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष रनंजय सिंह के नेतृत्व में गोरखपुर जनपद के 536 अनुदेशकों ने अपने नियुक्ति पत्र और अंक पत्र की छाया प्रति को बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय पर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।




Conclusion:इस संबंध में परिषदीय अनुदेशक कल्याण एसोसिएशन उत्तर प्रदेश जनपद गोरखपुर के जिला अध्यक्ष रनंजय सिंह ने बताया कि 17 मार्च 2017 को इलाहाबाद हाई कोर्ट के द्वारा हम लोगों का वेतन 17000 रुपये मासिक किए जाने आदेश दिया था। जिसकी लड़ाई हम लोग पिछले 2 वर्षों से अनवरत लड़ रहे हैं, वहीं प्रदेश सरकार ने हमारे वेतन में बढ़ोतरी करने के बजाय हमारे मूल वेतन 8470 रुपए को घटाकर 7000 रुपये प्रतिमाह कर दिया। सरकार के इस निर्णय से अनुदेशकों में काफी आक्रोश है, सरकार ने चुनाव से पहले अनुदेशकों से वादा किया था कि 8470 रुपए मासिक वेतन को बढ़ाकर 17000 रुपये मासिक किया जाएगा। लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद हमारे मूल वेतन को भी कम करने का काम प्रदेश की योगी सरकार ने किया है।
अगर हमारे मानदेय को नहीं बढ़ाया गया तो हम प्रदेश सरकार से दो-दो हाथ करने के लिए तैयार है।

बाइट - रनंजय सिंह, जिला अध्यक्ष - परिषदीय अनुदेशक कल्याण एसोसिएशन उत्तर प्रदेश

वही अनुदेशक चांदनी सिंह ने बताया कि हम लोगों को पिछले 5 माह से मानदेय नहीं मिला है और सरकार ने हमारे मूल मानदेय को कम करके 7000 रुपये कर दिया है। हम लोगों के बच्चे भी पढ़ने लिखने वाले हैं, हम लोगों का परिवार कैसे चलेगा सरकार को यह सोचना चाहिए और अपना निर्णय को वापस लेते हुए हमारे मानदेय को बढ़ाकर 17000 रुपये मासिक कर देना चाहिए। आज हम लोगों ने अपने नियुक्ति पत्र पर अंक पत्र की छायाप्रति को जलाकर सरकार के निर्णय का विरोध किया है।

बाइट - चांदनी सिंह, अनुदेशक



निखिलेश प्रताप
गोरखपुर
9453623738

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