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तीन लाख की आबादी के लिए आफत बना सीवर लाइन का अधूरा निर्माण, कार्यदाई संस्था पर उठ रहे सवाल

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 19, 2023, 7:15 PM IST

गोरखपुर में सीवर लाइन का अधूरा निर्माण (Incomplete construction of sewer line) जनता के लिए परेशानी का कारण बन रहा है. इससे कार्यदाई संस्था पर कई सवाल उठ रहे हैं.

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गोरखपुर: महानगर के 23 वार्डों के करीब तीन लाख लोग सीवर लाइन के अधूरे निर्माण से परेशानी झेल रहे हैं. सीवर लाइन की सुविधा हर किसी को मिले यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता का विषय है. लेकिन, उनके विजन को कार्यदाई संस्था पलीता लगा रही है. स्वीकृति के बाद जिन वार्डों में यह कार्य प्रारंभ हुआ है. जल निगम ने जगह-जगह खुदाई कर आधा अधूरा काम कर छोड़ दिया है. जो कि लोगों के लिए परेशानी का कारण बन रहा है. इसकी वजह से सड़के भी टूट गई हैं. जहां सीवर का पाइप डाला गया है, उस मोहल्ले की सड़क ठीक नहीं की जा रही. जिले के प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना भी इस कमी को जल्दी दूर करने का आदेश देते हैं. लेकिन, समस्या जस की तस है. यही वजह है कि शास्त्रीनगर मोहल्ले में लोग तभी खुदाई करने को तैयार हैं, जब उन्हे कम्प्लीट निर्माण की गारंटी कार्यदाई संस्था देगी.

विभिन्न मोहल्लों में कुछ हिस्सों में यह सीवर लाइन बीच सड़क में या कहीं पर किनारे के हिस्से में तोड़कर डाली गई है. वैवाहिक सीजन में यह कई मोहल्लों में बड़ी परेशानी पैदा कर रही है. बीमारी की हालत में लोगों के लिए भी यह समस्या का कारण बन रही है. शास्त्री नगर की 72 वर्षीय हेमलता कहती हैं कि उनके घर के सामने की सड़क सीसी रोड थी. उसको बीच में खोदकर सीवर लाइन बनाने में पूरी सड़क क्षतिग्रस्त कर दी गई. वह बीमार हैं, डॉक्टर ने उन्हे सुबह शाम टहलने को कहा है. लेकिन, अब वह टहल नहीं पा रहीं है. यही दशा अजय सिंह, अर्जुन गुप्ता, ज्ञान प्रकाश शर्मा, एस एन पाठक समेत कई लोगों की है. बारिश हुई तो उनकी दिक्कत और बढ़ जाती है.

इसे भी पढ़े-बुलंदशहर को जलभराव से मिलेगी निजात, सीवर लाइन की खुदाई से राहगीर परेशान

इस संबंध में विभाग के अधिशासी अभियंता इंजीनियर रतन सेन सिंह ने बताया कि जल निकासी के लेवल को विभिन्न वार्डों में तय करते हुए ही खुदाई को आगे बढ़ाया जा सकता है. क्योंकि सभी मोहल्लों को एक दूसरे से कनेक्ट करते हुए ही, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए पानी को रोहिन नदी में गिराया जाएगा. कार्य में देरी इसलिए हो रही है कि भविष्य में कोई परेशानी न हो. बहुत जल्द कार्य प्रारंभ होगा और मार्च-अप्रैल तक कार्य पूर्ण करा लिया जायेगा. बारिश से पहले लोग इस सुविधा से लाभान्वित हो जाएंगे.

सीवर लाइन के लिए 561 करोड़ 34 लाख रुपये होंगे खर्च: महानगर के 23 वार्डों में 189 किलोमीटर लंबाई में सीवर लाइन बिछाई जा रही है. जिसमें सूरजकुंड मोहल्ले से अधिकारी बाग, ग्रीन सिटी, राजेंद्र नगर पश्चिमी, पूर्वी जैसे कई बड़े मोहल्ले शामिल हैं. इस परियोजना पर करीब 561 करोड़ 34 लख रुपये खर्च होंगे और वार्ड के 43963 घरों को सीवर लाइन से जोड़ा जाएगा. इसके साथ ही इन इलाकों में जल भराव और गंदा पानी सड़क पर फैलने की समस्या का भी समाधान हो जाएगा. सीवर लाइन बिछाने के साथ ही रोहिन नदी के पहले 30 मिलियन लीटर क्षमता का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण का काम चल रहा है. विकास नगर में 15 एमएलडी क्षमता का पंप बनेगा. इसकी सहायता से सीवेज को एसटीपी तक पहुंचाया जाएगा. इसके बिछ जाने से गोरखनाथ मंदिर एरिया समेत शहर के उत्तरी छोर के 23 वार्ड इस योजना से लाभान्वित हो जाएंगे.

यह भी पढ़े-आगरा: 271 करोड़ से बिछेगी 251 किलोमीटर लंबी सीवर लाइन


गोरखपुर: महानगर के 23 वार्डों के करीब तीन लाख लोग सीवर लाइन के अधूरे निर्माण से परेशानी झेल रहे हैं. सीवर लाइन की सुविधा हर किसी को मिले यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता का विषय है. लेकिन, उनके विजन को कार्यदाई संस्था पलीता लगा रही है. स्वीकृति के बाद जिन वार्डों में यह कार्य प्रारंभ हुआ है. जल निगम ने जगह-जगह खुदाई कर आधा अधूरा काम कर छोड़ दिया है. जो कि लोगों के लिए परेशानी का कारण बन रहा है. इसकी वजह से सड़के भी टूट गई हैं. जहां सीवर का पाइप डाला गया है, उस मोहल्ले की सड़क ठीक नहीं की जा रही. जिले के प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना भी इस कमी को जल्दी दूर करने का आदेश देते हैं. लेकिन, समस्या जस की तस है. यही वजह है कि शास्त्रीनगर मोहल्ले में लोग तभी खुदाई करने को तैयार हैं, जब उन्हे कम्प्लीट निर्माण की गारंटी कार्यदाई संस्था देगी.

विभिन्न मोहल्लों में कुछ हिस्सों में यह सीवर लाइन बीच सड़क में या कहीं पर किनारे के हिस्से में तोड़कर डाली गई है. वैवाहिक सीजन में यह कई मोहल्लों में बड़ी परेशानी पैदा कर रही है. बीमारी की हालत में लोगों के लिए भी यह समस्या का कारण बन रही है. शास्त्री नगर की 72 वर्षीय हेमलता कहती हैं कि उनके घर के सामने की सड़क सीसी रोड थी. उसको बीच में खोदकर सीवर लाइन बनाने में पूरी सड़क क्षतिग्रस्त कर दी गई. वह बीमार हैं, डॉक्टर ने उन्हे सुबह शाम टहलने को कहा है. लेकिन, अब वह टहल नहीं पा रहीं है. यही दशा अजय सिंह, अर्जुन गुप्ता, ज्ञान प्रकाश शर्मा, एस एन पाठक समेत कई लोगों की है. बारिश हुई तो उनकी दिक्कत और बढ़ जाती है.

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इस संबंध में विभाग के अधिशासी अभियंता इंजीनियर रतन सेन सिंह ने बताया कि जल निकासी के लेवल को विभिन्न वार्डों में तय करते हुए ही खुदाई को आगे बढ़ाया जा सकता है. क्योंकि सभी मोहल्लों को एक दूसरे से कनेक्ट करते हुए ही, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए पानी को रोहिन नदी में गिराया जाएगा. कार्य में देरी इसलिए हो रही है कि भविष्य में कोई परेशानी न हो. बहुत जल्द कार्य प्रारंभ होगा और मार्च-अप्रैल तक कार्य पूर्ण करा लिया जायेगा. बारिश से पहले लोग इस सुविधा से लाभान्वित हो जाएंगे.

सीवर लाइन के लिए 561 करोड़ 34 लाख रुपये होंगे खर्च: महानगर के 23 वार्डों में 189 किलोमीटर लंबाई में सीवर लाइन बिछाई जा रही है. जिसमें सूरजकुंड मोहल्ले से अधिकारी बाग, ग्रीन सिटी, राजेंद्र नगर पश्चिमी, पूर्वी जैसे कई बड़े मोहल्ले शामिल हैं. इस परियोजना पर करीब 561 करोड़ 34 लख रुपये खर्च होंगे और वार्ड के 43963 घरों को सीवर लाइन से जोड़ा जाएगा. इसके साथ ही इन इलाकों में जल भराव और गंदा पानी सड़क पर फैलने की समस्या का भी समाधान हो जाएगा. सीवर लाइन बिछाने के साथ ही रोहिन नदी के पहले 30 मिलियन लीटर क्षमता का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण का काम चल रहा है. विकास नगर में 15 एमएलडी क्षमता का पंप बनेगा. इसकी सहायता से सीवेज को एसटीपी तक पहुंचाया जाएगा. इसके बिछ जाने से गोरखनाथ मंदिर एरिया समेत शहर के उत्तरी छोर के 23 वार्ड इस योजना से लाभान्वित हो जाएंगे.

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