गोरखपुर: कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए प्रदेश सरकार ने 55 घंटे के लॉकडाउन की घोषणा की है. जिले में भी इसका असर देखने को मिल रहा है. इस दौरान शहर से लेकर देहात तक सड़कों पर ठीक वैसा ही सन्नाटा पसरा दिख रहा है जैसा कि लॉकडाउन के पहले चरण में देखा गया था. सड़क पर वही लोग दिखाई दिए, जिन्हें दवा, डॉक्टर की परामर्श या फिर इमरजेंसी में निकलना पड़ा. इस दौरान जो पेट्रोल पंप भी खुले दिखाई दिए, वहां पर भी भीड़ नजर नहीं आई.
शहर के टाउनहॉल चौक, रेलवे स्टेशन के करीब और कलेक्ट्रेट के पास भी लोगों की आवाजाही देखने को नहीं मिली. सड़कों पर सरकारी गाड़ियां ज्यादा संख्या में दौड़ती नजर आईं. पुलिस के जवान हर चौराहे पर मुस्तैदी से खड़े होकर आने जाने वाली गाड़ियों की चेकिंग करते देखे गए. इस दौरान बिना परमिशन के लोगों को आने-जाने से रोका जा रहा था.
शहर का टाउनहॉल चौराहा पर महात्मा गांधी की प्रतिमा है. इसके आसपास आए दिन कोई न कोई धरना प्रदर्शन होता रहता है. इसी चौराहे से ही होकर भालोटीया दवा मंडी में लोग प्रवेश करते हैं, लेकिन 3 दिनों के लॉकडाउन के पहले दिन ही इस स्थान पर आवाजाही देखने को नहीं मिली. जिला अस्पताल हो या नगर निगम इन सभी रूट्स को जाने के लिए टाउनहॉल चौराहे का लोग अधिकतम उपयोग करते हैं.
वीकेंड होने का लॉकडाउन को मिलेगा लाभ
हालांकि, सेकंड सैटरडे होने का भी लॉकडाउन को लाभ मिला है. आज के दिन सभी सरकारी दफ्तर बंद रहते हैं और लोगों का निकलना वैसे भी कम रहता है. शनिवार और रविवार को अवकाश होने की वजह से लोगों का कोरोना के समय में निकलना कम हो गया है. देखा जाए तो 55 घंटे का यह लॉकडाउन फिलहाल सफल होता ही नजर आ रहा है, लेकिन गोरखपुर में मरीजों की तादाद लगातार बढ़ रही है. शहर के तीन थाना क्षेत्रों राजघाट, तिवारीपुर और कोतवाली में सबसे अधिक मरीज मिले हैं. इन क्षेत्रों में लॉकडाउन की अवधि 18 जुलाई तक बढ़ा दी गई है और इसे पूरी तरह से सील कर दिया गया है.
परिवहन विभाग का काम अव्यवस्थित
विभिन्न ट्रेनों से गोरखपुर पहुंचने वाले यात्रियों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. परिवहन विभाग की अव्यवस्था के चलते लोगों का घर पहुंचना भी मुश्किल हो गया है. कई घंटे इंतजार करने के बाद भी लोगों को बसें नहीं मिलीं. इस मजबूरी में लोग घरों की ओर पैदल ही निकल पड़े हैं. इसके अलावा दुबई से लखनऊ आया 40 यात्रियों का दल गोरखपुर पहुंचा, लेकिन बस स्टैंड पर उनके लिए भी कोई इंतजाम नहीं किया गया था. इन यात्रियों को देवरिया जाना था. काफी देर अधिकारियों से नोकझोंक हुई फिर भी कोई हल नहीं निकला.
लॉकडाउन में फंसे यात्री परेशान
लॉकडाउन जारी करने के 24 घंटे पहले सरकार ने इसकी सूचना सार्वजनिक की थी और जरूरी सुविधाओं को मुहैया कराने की भी बात कही थी. लेकिन बस स्टेशन पर अव्यवस्था देखी गई. इससे साफ जाहिर हुआ कि परिवहन निगम के अधिकारियों ने बाहर से आने वाले यात्रियों को लेकर अपनी तैयारिया पूर्ण नहीं की थीं. कई ट्रेनों का गोरखपर आखिरी स्टेशन था, लेकिन उसमें बिहार के भी यात्री थे जो रोडवेज बसों से बिहार जाते. लेकिन परिवहन विभाग की अव्यवस्था के चलते बिहार जाने वाले यात्री भी फंस गए.