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श्रम विभाग की कॉलोनियों और मकानों पर अवैध कब्जे, सरकार भी हटाने में हो रही नाकाम - गोरखपुर में श्रम विभाग की कॉलोनी

योगी सरकार में प्रदेश में सभी प्रकार के अवैध कब्जों पर जहां ताबड़तोड़ बुलडोजर चलता दिखाई दे रहा है. वहीं, सरकारी संपत्तियों पर कब्जा जमाए लोगों पर सरकार की नजर नहीं पड़ रही और न ही इस पर बुलडोजर चल रहा.

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श्रम विभाग की कॉलोनी
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Published : Jun 9, 2022, 5:02 PM IST

गोरखपुरः जिले के मोहद्दीपुर क्षेत्र में बनी श्रम विभाग की कॉलोनियों में करीब 37 हजार ऐसे आवास हैं, जिस पर ऊंचे तबके के लोगों ने कब्जा जमा रखा है. इन आवासों को कोई भी सरकार कब्जे से मुक्त नहीं करा पाई. जबकि इसकी जानकारी श्रम विभाग के अधिकारियों और श्रम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष, राज्यमंत्री सुनील बराला को भी है. फिर भी किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हो रही.

गोरखपुर में श्रम विभाग की कॉलोनी शहर के मोहद्दीपुर क्षेत्र में बनी है जो काफी पुरानी है. शुरुआती दौर में इसमें लेबर विभाग के कर्मचारी रहा करते थे. लेकिन तबादले और अन्य परिस्थितियों में इसमें दूसरे लोगों ने बतौर किराएदार प्रवेश किया और मौजूदा समय में इस बिल्डिंग में उन्हीं का कब्जा है. जिसमें समाज के जागरूक लोग डॉक्टर, अधिवक्ता और राजनेता जैसे शामिल हैं. ईटीवी भारत ने जब इस कब्जे के संबंध में श्रम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष सुनील भराला से सवाल किया तो उन्होंने इसे बिना संकोच स्वीकार किया और कहा कि बीते विधानसभा के सत्र में इस बात का पत्रक मुख्यमंत्री जी के संज्ञान में लाया गया है और उम्मीद है कि बहुत जल्द इस पर कार्रवाई होगी.

श्रम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष

पढ़ेंः पार्षद के खिलाफ किसान संगठन ने दिया धरना, सरकारी जमीन कब्जा करने का लगाया आरोप

सरकारी संपत्तियों पर कब्जेदारों की यह कोई नई बात नहीं है. लेकिन सरकार आंख मूंदे बैठी रहे और बाकी जगहों पर कार्रवाई हो तो सवाल उठता है कि आखिर ऐसे कब्जेदारों की जानकारी जब सरकारों और विभाग को होती है तो वह किस सुविधा और दुविधा में इस पर कार्रवाई नहीं करते. गोरखपुर से ऐसे कब्जे को लेकर ईटीवी भारत द्वारा उठाए गए सवाल को श्रम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष सुनील भराला ने सरकार के हित का विषय बताने वाला कहा. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से सरकारी संपत्तियां कब्जेदारों और अवैध कब्जों से मुक्त हो इसकी कोशिश चल रही है. इस संदर्भ में भी बहुत जल्द नतीजे सामने आएंगे.

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गोरखपुरः जिले के मोहद्दीपुर क्षेत्र में बनी श्रम विभाग की कॉलोनियों में करीब 37 हजार ऐसे आवास हैं, जिस पर ऊंचे तबके के लोगों ने कब्जा जमा रखा है. इन आवासों को कोई भी सरकार कब्जे से मुक्त नहीं करा पाई. जबकि इसकी जानकारी श्रम विभाग के अधिकारियों और श्रम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष, राज्यमंत्री सुनील बराला को भी है. फिर भी किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हो रही.

गोरखपुर में श्रम विभाग की कॉलोनी शहर के मोहद्दीपुर क्षेत्र में बनी है जो काफी पुरानी है. शुरुआती दौर में इसमें लेबर विभाग के कर्मचारी रहा करते थे. लेकिन तबादले और अन्य परिस्थितियों में इसमें दूसरे लोगों ने बतौर किराएदार प्रवेश किया और मौजूदा समय में इस बिल्डिंग में उन्हीं का कब्जा है. जिसमें समाज के जागरूक लोग डॉक्टर, अधिवक्ता और राजनेता जैसे शामिल हैं. ईटीवी भारत ने जब इस कब्जे के संबंध में श्रम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष सुनील भराला से सवाल किया तो उन्होंने इसे बिना संकोच स्वीकार किया और कहा कि बीते विधानसभा के सत्र में इस बात का पत्रक मुख्यमंत्री जी के संज्ञान में लाया गया है और उम्मीद है कि बहुत जल्द इस पर कार्रवाई होगी.

श्रम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष

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सरकारी संपत्तियों पर कब्जेदारों की यह कोई नई बात नहीं है. लेकिन सरकार आंख मूंदे बैठी रहे और बाकी जगहों पर कार्रवाई हो तो सवाल उठता है कि आखिर ऐसे कब्जेदारों की जानकारी जब सरकारों और विभाग को होती है तो वह किस सुविधा और दुविधा में इस पर कार्रवाई नहीं करते. गोरखपुर से ऐसे कब्जे को लेकर ईटीवी भारत द्वारा उठाए गए सवाल को श्रम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष सुनील भराला ने सरकार के हित का विषय बताने वाला कहा. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से सरकारी संपत्तियां कब्जेदारों और अवैध कब्जों से मुक्त हो इसकी कोशिश चल रही है. इस संदर्भ में भी बहुत जल्द नतीजे सामने आएंगे.

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