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कोरोना के बाद बाढ़ की आफत, 100 प्राइमरी स्कूलों में नहीं शुरू हो सकी पढ़ाई

जिले के प्राथमिक और निजी सेक्टर के स्कूलों में, कक्षा एक से लेकर पांचवी तक के बच्चों की कक्षाएं शुरू हुईं. यहां बाढ़ की वजह से करीब 100 स्कूल नहीं खुल पाए.

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Published : Sep 1, 2021, 7:21 PM IST

Updated : Sep 2, 2021, 10:56 AM IST

गोरखपुर: बुधवार को प्रदेश भर के प्राथमिक और निजी सेक्टर के स्कूलों में, कक्षा एक से लेकर पांचवी तक के बच्चों की कक्षाएं शुरू हो गयीं. सरकार के निर्देश पर कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए पढ़ाई के लिए गोरखपुर के बच्चे भी अपने स्कूल पहुंचें. स्कूलों में भी कोविड-19 से बचाव के जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए गए. गोरखपुर की बात करें तो यहां करीब 100 स्कूल ऐसे थे, जो बाढ़ की वजह से नहीं खुल पाए. वहीं तमाम स्कूलों में बच्चे बिना कॉपी-किताब और मास्क के ही पढ़ने चले आये थे.

पब्लिक स्कूलों की तर्ज पर प्राथमिक स्कूलों में भी पढ़ने आने वाले बच्चों के अभिभावकों से सहमति पत्र लिया गया. कक्षा में फर्नीचर, स्टेशनरी, मास्क और सैनिटाइजेशन पर जोर देने की बात कही जा रही थी, लेकिन तमाम स्कूलों में इसका पालन होता नहीं दिखा. तमाम स्कूलों में अभी तक शिक्षा विभाग किताबें तक नहीं उपलब्ध करा पाया है.

गोरखपुर के स्कूल में पहुंची ईटीवी भारत की टीम

फर्नीचर की कमी के कारण बच्चों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना कठिन दिखा. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ते नजर आए. स्कूल पहुंचकर बच्चे बेहद खुश दिखे और उनके अभिभावक भी. शिक्षा और संसाधन के अभाव में जो बच्चे ऑनलाइन घर पर नहीं पढ़ पा रहे थे. उन्हें स्कूल आकर बहुत अच्छा लगा. शहरी क्षेत्र के बच्चों को मिड डे मील अक्षय पात्र संस्था की तरफ से दिया गया तो ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में पहले दिन यह व्यवस्था धराशायी मिली.

जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी आरके सिंह की मानें तो उन्होंने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों और निजी स्कूलों को साफ सफाई के साथ सैनिटाइजेशन के बाद ही स्कूल के संचालन कि अनुमति दी थी. इसकी निगरानी के लिए उन्होंने खुद कई स्कूलों का भ्रमण किया. जिले में दो हजार आठ सौ से ज्यादा स्कूल हैं. कई स्कूलों में शिक्षक भी नहीं पहुंच रहे हैं. बीएसए ने इनका वेतन रोकने का आदेश दिया.

स्कूल में पढ़ते बच्चे
स्कूल में पढ़ते बच्चे

ये भी पढ़ें- 'UP चुनाव से पहले होगी किसी बड़े हिंदू नेता की हत्या'

वहीं पब्लिक स्कूलों की बात करें तो ये स्कूल मार्च में अपने यहां एडमिशन की प्रक्रिया पूरी कर चुके थे. यहां बच्चों के पास कॉपी-किताब थीं और वह घर पर ऑनलाइन भी पढ़ रहे थे. कई प्राथमिक स्कूल के बच्चों के घर अगर स्मार्ट फोन था तो अभिभावक ऑनलाइन पढ़ाने में सक्षम नहीं थे. वह अपने बच्चे को पढ़ाना भी चाहते तो स्कूल बंद था. ऐसे में बंदी के बाद जब स्कूल खुला तो बच्चे और अभिभावक सभी खुश हुए.

गोरखपुर: बुधवार को प्रदेश भर के प्राथमिक और निजी सेक्टर के स्कूलों में, कक्षा एक से लेकर पांचवी तक के बच्चों की कक्षाएं शुरू हो गयीं. सरकार के निर्देश पर कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए पढ़ाई के लिए गोरखपुर के बच्चे भी अपने स्कूल पहुंचें. स्कूलों में भी कोविड-19 से बचाव के जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए गए. गोरखपुर की बात करें तो यहां करीब 100 स्कूल ऐसे थे, जो बाढ़ की वजह से नहीं खुल पाए. वहीं तमाम स्कूलों में बच्चे बिना कॉपी-किताब और मास्क के ही पढ़ने चले आये थे.

पब्लिक स्कूलों की तर्ज पर प्राथमिक स्कूलों में भी पढ़ने आने वाले बच्चों के अभिभावकों से सहमति पत्र लिया गया. कक्षा में फर्नीचर, स्टेशनरी, मास्क और सैनिटाइजेशन पर जोर देने की बात कही जा रही थी, लेकिन तमाम स्कूलों में इसका पालन होता नहीं दिखा. तमाम स्कूलों में अभी तक शिक्षा विभाग किताबें तक नहीं उपलब्ध करा पाया है.

गोरखपुर के स्कूल में पहुंची ईटीवी भारत की टीम

फर्नीचर की कमी के कारण बच्चों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना कठिन दिखा. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ते नजर आए. स्कूल पहुंचकर बच्चे बेहद खुश दिखे और उनके अभिभावक भी. शिक्षा और संसाधन के अभाव में जो बच्चे ऑनलाइन घर पर नहीं पढ़ पा रहे थे. उन्हें स्कूल आकर बहुत अच्छा लगा. शहरी क्षेत्र के बच्चों को मिड डे मील अक्षय पात्र संस्था की तरफ से दिया गया तो ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में पहले दिन यह व्यवस्था धराशायी मिली.

जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी आरके सिंह की मानें तो उन्होंने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों और निजी स्कूलों को साफ सफाई के साथ सैनिटाइजेशन के बाद ही स्कूल के संचालन कि अनुमति दी थी. इसकी निगरानी के लिए उन्होंने खुद कई स्कूलों का भ्रमण किया. जिले में दो हजार आठ सौ से ज्यादा स्कूल हैं. कई स्कूलों में शिक्षक भी नहीं पहुंच रहे हैं. बीएसए ने इनका वेतन रोकने का आदेश दिया.

स्कूल में पढ़ते बच्चे
स्कूल में पढ़ते बच्चे

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वहीं पब्लिक स्कूलों की बात करें तो ये स्कूल मार्च में अपने यहां एडमिशन की प्रक्रिया पूरी कर चुके थे. यहां बच्चों के पास कॉपी-किताब थीं और वह घर पर ऑनलाइन भी पढ़ रहे थे. कई प्राथमिक स्कूल के बच्चों के घर अगर स्मार्ट फोन था तो अभिभावक ऑनलाइन पढ़ाने में सक्षम नहीं थे. वह अपने बच्चे को पढ़ाना भी चाहते तो स्कूल बंद था. ऐसे में बंदी के बाद जब स्कूल खुला तो बच्चे और अभिभावक सभी खुश हुए.

Last Updated : Sep 2, 2021, 10:56 AM IST
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