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कोरोना से बचाव में होम्योपैथ की दवाएं भी कारगर

कोरोना संक्रमण से बचाव में होम्योपैथ की दवाएं भी बेहद ही कारगर साबित हो रही है. ऐसे में आप डॉक्टर्स की सलाह पर इन दवाओं का उपयोग कर खुद को कोरोना के खतरे से बचा सकते हैं.

होम्योपैथी दवाएं
होम्योपैथी दवाएं
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Published : May 17, 2021, 3:55 PM IST

गोरखपुर: कोरोना महामारी के संक्रमण से बचाव में होम्योपैथ की भी कई दवाएं बेहद ही कारगर साबित हो रही हैं. ऐसे में कोरोना संक्रमित मरीज और सामान्य लोग डॉक्टर की सलाह पर इन दवाओं का उपयोग कर सकते हैं.

डॉ वीके उपाध्याय
डॉ वीके उपाध्याय

जीवन रक्षक और इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार
गोरखपुर के राजकीय होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. वीके उपाध्याय के मुताबिक होम आइसोलेशन वाले कोरोना मरीज इन दवाओं का उपयोग करें और बचाव के सभी जरूरी उपायों को अपनाएं तो उन्हें काफी फायदा होगा. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि होम्योपैथ की तमाम ऐसी दवाएं हैं जो इस महामारी में न सिर्फ जीवन रक्षक साबित हो रही हैं, बल्कि इम्यूनिटी बढ़ाने में भी मददगार हो रही हैं. डॉ. वीके उपाध्याय ने कहा कि किसी व्यक्ति को सर्दी, बुखार या कोविड-19 का कोई भी लक्षण दिखता है तो जांच के साथ ही सबसे पहले खुद को घर में 7 दिनों तक आइसोलेट कर ले और दवाओं का सेवन शुरू कर दे.

'आयुष मंत्रालय ने भी दी है होम्योपैथी अपनाने की सलाह'
डॉ. वीके उपाध्याय ने कहा कि कोरोना संक्रमित सैकड़ों मरीजों का सफल इलाज होम्योपैथी की दवाइयों से किया जा रहा है. कोरोना की पहली लहर के समय में भी होम्योपैथी की महत्वपूर्ण दवाओं ने लोगों की जान बचाई थी और दूसरी लहर में भी ये दवाइयां काफी हद तक कारगर सिद्ध हो रहींं हैं. ऐसे में काफी लोगों ने होम्योपैथ की तरफ अपना रुख किया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आयुष मंत्रालय ने पिछली बार भी आम लोगों में इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए होम्योपैथी की दवाइयों का नि:शुल्क वितरण कराया था. ऐसे में जिन लोगों ने इन दवाइयों का नियमित सेवन किया, वह इस जानलेवा संक्रमण से बचे रहें.

'एलोपैथिक दवाइयों से होता है साइड इफेक्ट'

डॉ. उपाध्याय ने कहा कि लोग तमाम एलोपैथिक दवाइयों का लोग सेवन कर रहे हैं. इसका दुष्प्रभाव भी लोगों के शरीर पर पड़ रहा है. ऐसे में लोगों को होम्योपैथ की तरफ भी अपना रुख करना चाहिए. आयुष मंत्रालय ने इसे विश्वसनीय बताया है. होम्योपैथ की दवाइयों के सेवन से लोग इस महामारी से दो-दो हाथ कर अपनी जिंदगी बचा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब होम्योपैथी की दवाएं हों तो कोरोना से डरने की कोई बात नहीं है.

इन दवाओं के सेवन से जीत जाएंगे कोरोना की जंग
डॉ. उपाध्याय ने बताया कि जब ऑक्सीजन की कमी से सांस की परेशानी महसूस होने लगे तो लोगों को होम्योपैथी की दवा एस्पीडोस्पर्मा क्यू की 10 से 15 बूंद, बट्टा ओरिएंटलिस क्यू की 10 से 15 बूंद का सेवन कर ऑक्सीजन लेवल को बढ़ा सकते हैं. इमरजेंसी के अनुसार आप आधे घंटे से 2 घंटे के अंतराल पर इसे लेते रहें. इससे सांस लेने की समस्या से आराम मिल जाएगा. इसके साथ ही अगर सीने में जकड़न हो तो आप सेनेगा क्यू भी ले सकते हैं. इसके अलावा आर्सेनिक एल्बम थर्टी, कैम्फोरा वन थाउजेंड, एस्पीडोस्पर्मा क्यू , सेनेगा क्यू, वैनेडियम थर्टी, चिरैता क्यू प्लस, ओसीमम सेंक्टम क्यू, चायना या सिनकोना जैसी दवाएं होम आइसोलेशन में रह रहे संक्रमितों के लिए रामबाण साबित हो रहीं हैं. ऐसे में इन दवाइयों को चिकित्सकीय सलाह के अनुसार यदि समय से लिया जाए तो हम इस वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की दूसरी लहर पर भी जीत हासिल कर सकते हैं.

उन्होंने कहा कि आयुष मंत्रालय आर्सेनिक एल्बम थर्टी दवा बंटवा रहा है. डॉ. वीके उपाध्याय ने बताया कि वह कोरोना की दूसरी लहर में 200 से अधिक होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना संक्रमितों का इलाज वीडियो कॉलिंग के माध्यम से कर रहे हैं. सभी संक्रमित सुरक्षित व सेहतमंद महसूस कर रहे हैं.

गोरखपुर: कोरोना महामारी के संक्रमण से बचाव में होम्योपैथ की भी कई दवाएं बेहद ही कारगर साबित हो रही हैं. ऐसे में कोरोना संक्रमित मरीज और सामान्य लोग डॉक्टर की सलाह पर इन दवाओं का उपयोग कर सकते हैं.

डॉ वीके उपाध्याय
डॉ वीके उपाध्याय

जीवन रक्षक और इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार
गोरखपुर के राजकीय होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. वीके उपाध्याय के मुताबिक होम आइसोलेशन वाले कोरोना मरीज इन दवाओं का उपयोग करें और बचाव के सभी जरूरी उपायों को अपनाएं तो उन्हें काफी फायदा होगा. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि होम्योपैथ की तमाम ऐसी दवाएं हैं जो इस महामारी में न सिर्फ जीवन रक्षक साबित हो रही हैं, बल्कि इम्यूनिटी बढ़ाने में भी मददगार हो रही हैं. डॉ. वीके उपाध्याय ने कहा कि किसी व्यक्ति को सर्दी, बुखार या कोविड-19 का कोई भी लक्षण दिखता है तो जांच के साथ ही सबसे पहले खुद को घर में 7 दिनों तक आइसोलेट कर ले और दवाओं का सेवन शुरू कर दे.

'आयुष मंत्रालय ने भी दी है होम्योपैथी अपनाने की सलाह'
डॉ. वीके उपाध्याय ने कहा कि कोरोना संक्रमित सैकड़ों मरीजों का सफल इलाज होम्योपैथी की दवाइयों से किया जा रहा है. कोरोना की पहली लहर के समय में भी होम्योपैथी की महत्वपूर्ण दवाओं ने लोगों की जान बचाई थी और दूसरी लहर में भी ये दवाइयां काफी हद तक कारगर सिद्ध हो रहींं हैं. ऐसे में काफी लोगों ने होम्योपैथ की तरफ अपना रुख किया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आयुष मंत्रालय ने पिछली बार भी आम लोगों में इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए होम्योपैथी की दवाइयों का नि:शुल्क वितरण कराया था. ऐसे में जिन लोगों ने इन दवाइयों का नियमित सेवन किया, वह इस जानलेवा संक्रमण से बचे रहें.

'एलोपैथिक दवाइयों से होता है साइड इफेक्ट'

डॉ. उपाध्याय ने कहा कि लोग तमाम एलोपैथिक दवाइयों का लोग सेवन कर रहे हैं. इसका दुष्प्रभाव भी लोगों के शरीर पर पड़ रहा है. ऐसे में लोगों को होम्योपैथ की तरफ भी अपना रुख करना चाहिए. आयुष मंत्रालय ने इसे विश्वसनीय बताया है. होम्योपैथ की दवाइयों के सेवन से लोग इस महामारी से दो-दो हाथ कर अपनी जिंदगी बचा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब होम्योपैथी की दवाएं हों तो कोरोना से डरने की कोई बात नहीं है.

इन दवाओं के सेवन से जीत जाएंगे कोरोना की जंग
डॉ. उपाध्याय ने बताया कि जब ऑक्सीजन की कमी से सांस की परेशानी महसूस होने लगे तो लोगों को होम्योपैथी की दवा एस्पीडोस्पर्मा क्यू की 10 से 15 बूंद, बट्टा ओरिएंटलिस क्यू की 10 से 15 बूंद का सेवन कर ऑक्सीजन लेवल को बढ़ा सकते हैं. इमरजेंसी के अनुसार आप आधे घंटे से 2 घंटे के अंतराल पर इसे लेते रहें. इससे सांस लेने की समस्या से आराम मिल जाएगा. इसके साथ ही अगर सीने में जकड़न हो तो आप सेनेगा क्यू भी ले सकते हैं. इसके अलावा आर्सेनिक एल्बम थर्टी, कैम्फोरा वन थाउजेंड, एस्पीडोस्पर्मा क्यू , सेनेगा क्यू, वैनेडियम थर्टी, चिरैता क्यू प्लस, ओसीमम सेंक्टम क्यू, चायना या सिनकोना जैसी दवाएं होम आइसोलेशन में रह रहे संक्रमितों के लिए रामबाण साबित हो रहीं हैं. ऐसे में इन दवाइयों को चिकित्सकीय सलाह के अनुसार यदि समय से लिया जाए तो हम इस वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की दूसरी लहर पर भी जीत हासिल कर सकते हैं.

उन्होंने कहा कि आयुष मंत्रालय आर्सेनिक एल्बम थर्टी दवा बंटवा रहा है. डॉ. वीके उपाध्याय ने बताया कि वह कोरोना की दूसरी लहर में 200 से अधिक होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना संक्रमितों का इलाज वीडियो कॉलिंग के माध्यम से कर रहे हैं. सभी संक्रमित सुरक्षित व सेहतमंद महसूस कर रहे हैं.

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