गोरखपुर: काशी की तर्ज पर गोरखपुर में पहली बार होली के अवसर पर "मसान की होली" खेली गई. राप्ती नदी के तट पर आयोजित इस कार्यक्रम में बनारस से आए हुए प्रदीप महाकाल ग्रुप के कलाकारों ने अपनी अद्भुत प्रस्तुति से इस कार्यक्रम को मनमोहक बना दिया. कार्यक्रम में आए हुए लोगों में खासा उत्साह रहा.
शाम 4 बजे से राप्ती नदी के तट पर लोग आने लगे थे. मसान की होली को देखने के लिए हजारों की भीड़ राप्ती नदी तट पर उमड़ पड़ी. यहां उत्सव जैसा माहौल दिखने लगा था. आयोजक मंडल इस कार्यक्रम की सफलता के लिए किए गए प्रयास की लोगों ने सराहना की. वहीं, इस कार्यक्रम में शहर के गणमान्य व्यक्तियों से लेकर विधायक और किन्नर अखाड़ा के महामंडलेश्वर कनकेश्वरी देवी भी पहुंची. मसान की होली देखने राप्ती नदी तट पर आए लोग मुरीद हो गए. इस कार्यक्रम का आयोजन गुरु गोरक्षनाथ आरती समिति के द्वारा किया गया था. इस घाट पर काशी की ही तर्ज पर आरती पूजन करने की परंपरा भी शुरू हो चुकी है. जो हर मंगलवार को होती है. होली की पूर्व संध्या राप्ती नदी के किनारे आरती से शहरवासी नहीं चूके. शहर वासियों की मौजूदगी इस बात का एहसास करा रही थी.
मसान की होली देखकर लोगों ने काशी को महसस कियाः अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव ने कहा कि गोरखपुर के लिए यह आयोजन बड़ी उपलब्धि है. जिन लोगों ने काशी की मसान की होली देखी है. वह इसको देखने के बाद खुद को काशी में होना महसूस करने लगे थे. वहीं, किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर ने इस आयोजन के जरिए सीएम योगी और उनके द्वारा राप्ती नदी तट के सुंदरीकरण का सराहना की.
उल्लेखनीय है कि जिस प्रकार वाराणसी में कलाकारों द्वारा भस्म और चिता की राख के साथ होली खेली जाती है. उसी तरह राप्ती घाट पर यहां भी अद्भुत नजारा लोगों को देखने को मिला. मसान की होली में भगवान शंकर का विधिवत पूजन पाठ किया गया. इसके बाद बनारस के प्रदीप महाकाल ग्रुप के द्वारा मसान की होली कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया. इस कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के क्षेत्रीय अध्यक्ष और विधान परिषद सदस्य डॉ. धर्मेंद्र सिंह बतौर विशिष्ट अतिथि मौजूद रहे. वहीं, पार्टी के विधायकों की उपस्थिति भी रही. इसके अलावा आरती के संरक्षक डॉ. रूप कुमार बनर्जी, अघोर पीठ न्यास से जुड़े हुए लोग, निवर्तमान महापौर सीताराम जायसवाल, व्यापारी नेता पुष्पदंत जैन समेत महिला संगठनों से जुड़ी महिलाओं की भी मौजूदगी रही. उल्लास और उमंग के वातावरण ने गोरखपुर को मसान की होली से एक नई पहचान दिला गया.