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हिंदू नव वर्ष का गोरखपुर के 'गोकुलधाम' में हुआ भव्य स्वागत - हिंदू नव वर्ष

गोरखपुर में लोगों ने चैत्र रामनवमी के दिन शुरू होने वाले हिंदू नव वर्ष मनाया. मां भगवती की आराधना के पर्व चैत्र नवरात्रि को मनाने और उसके स्वागत के लिए सोसायटी के लोग एक साथ इकट्ठा होकर गीत-संगीत का आनंद उठाएं.

लोगों ने मनाया हिंदू नव वर्ष.
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Published : Apr 6, 2019, 9:00 PM IST

गोरखपुर : चैत्र रामनवमी के दिन से शुरू होने वाले हिंदू नव वर्ष का गोरखपुर में लोगों ने भव्य स्वागत किया. जैमिनी पैराडाइज सोसायटी में इस पर्व को पूरे रीति-रिवाज और मां दुर्गा की आराधना के साथ मनाया गया. इस सोसायटी के लोग परिसर में तारक मेहता सीरियल के 'गोकुलधाम' जैसे वातावरण को बनाने की कोशिश करते हैं. जिससे लोगों में आपसी प्रेम और सौहार्द बना रहे.

लोगों ने मनाया हिंदू नव वर्ष.

इस सोसाइटी में 350 लोगों का परिवार एक साथ रहता है. बिजनेस, व्यापार और नौकरी शुदा लोग अपनी व्यस्तताओं के बीच ऐसे क्षण और आयोजन को यहां प्रस्तुत करने की कोशिश करते हैं, जिससे परिवार का माहौल खुशनुमा बना रहे और लोगों में अपने पर्व और त्योहार का एहसास भी होता रहे.

मां भगवती की आराधना के पर्व चैत्र नवरात्रि को मनाने और उसके स्वागत के लिए सोसायटी के लोग एक साथ इकट्ठा होकर गीत-संगीत का आनंद उठाएं, तो मां के भजन गाकर देवी मां की भक्ति की. बुजुर्गों ने अपने धार्मिक विचार सभी में परोसे तो बच्चों ने भी इसमें पूरे उत्साह के साथ भाग लिया. लोगों का कहना था कि मौजूदा दौर में भी अपनी संस्कृति और परंपरा से बच्चे जुड़े रहे इसके लिए ऐसे आयोजनों का होना बेहद जरूरी है.

चैत्र नवरात्र की प्रथम तिथि को भगवान ब्रह्मा द्वारा इस सृष्टि का सृजन माना जाता है. अंगद और झूलेलाल जैसे लोगों का भी जन्मदिन इसी दिन को माना जाता है. वहीं इस दिन को शक्ति के संचार का दिन भी माना जाता है. इससे असत्य पराजित होता है .

गोरखपुर : चैत्र रामनवमी के दिन से शुरू होने वाले हिंदू नव वर्ष का गोरखपुर में लोगों ने भव्य स्वागत किया. जैमिनी पैराडाइज सोसायटी में इस पर्व को पूरे रीति-रिवाज और मां दुर्गा की आराधना के साथ मनाया गया. इस सोसायटी के लोग परिसर में तारक मेहता सीरियल के 'गोकुलधाम' जैसे वातावरण को बनाने की कोशिश करते हैं. जिससे लोगों में आपसी प्रेम और सौहार्द बना रहे.

लोगों ने मनाया हिंदू नव वर्ष.

इस सोसाइटी में 350 लोगों का परिवार एक साथ रहता है. बिजनेस, व्यापार और नौकरी शुदा लोग अपनी व्यस्तताओं के बीच ऐसे क्षण और आयोजन को यहां प्रस्तुत करने की कोशिश करते हैं, जिससे परिवार का माहौल खुशनुमा बना रहे और लोगों में अपने पर्व और त्योहार का एहसास भी होता रहे.

मां भगवती की आराधना के पर्व चैत्र नवरात्रि को मनाने और उसके स्वागत के लिए सोसायटी के लोग एक साथ इकट्ठा होकर गीत-संगीत का आनंद उठाएं, तो मां के भजन गाकर देवी मां की भक्ति की. बुजुर्गों ने अपने धार्मिक विचार सभी में परोसे तो बच्चों ने भी इसमें पूरे उत्साह के साथ भाग लिया. लोगों का कहना था कि मौजूदा दौर में भी अपनी संस्कृति और परंपरा से बच्चे जुड़े रहे इसके लिए ऐसे आयोजनों का होना बेहद जरूरी है.

चैत्र नवरात्र की प्रथम तिथि को भगवान ब्रह्मा द्वारा इस सृष्टि का सृजन माना जाता है. अंगद और झूलेलाल जैसे लोगों का भी जन्मदिन इसी दिन को माना जाता है. वहीं इस दिन को शक्ति के संचार का दिन भी माना जाता है. इससे असत्य पराजित होता है .

Intro:गोरखपुर। चैत्र रामनवमी के दिन से शुरू होने वाले हिंदू नव वर्ष का गोरखपुर में भी लोगों ने भव्य स्वागत किया। जैमिनी पैराडाइज सोसायटी में इस पर्व को पूरे रीति रिवाज, माँ दुर्गा की आराधना के साथ मनाया गया तो सोसायटी को इस अवसर पर भगवा ध्वज से भी सजाया गया था। इस सोसायटी के लोग परिसर में तारक मेहता सीरियल के 'गोकुलधाम' जैसे वातावरण को बनाने की कोशिश करते हैं। जिससे लोगों में आपसी प्रेम और सौहार्द तो बढ़े ही, हिंदू रीति रिवाज और परंपरा को भी बूढ़े बुजुर्गों और बच्चों के बीच मनाकर अपने इतिहास और परंपरा को जीवित रखा जाए।


Body:इस सोसाइटी में करीब साढे तीन सौ लोगों का परिवार एक साथ रहता है। बिजनेस, व्यापार और नौकरी शुदा लोग अपनी व्यस्तताओं के बीच ऐसे क्षण और आयोजन को यहां प्रस्तुत करने की कोशिश करते हैं जिससे परिवार का माहौल खुशनुमा बना रहे और लोगों में अपने पर्व और त्योहार का एहसास भी होता रहे। मां भगवती की आराधना के पर्व चैत्र नवरात्रि को मनाने और उसके स्वागत के लिए सोसायटी के लोग एक साथ इकट्ठा होकर गीत संगीत का आनंद उठाएं तो मां के भजन गाकर देवी मां की भक्ति की। बुजुर्गों ने अपने धार्मिक विचार सभी में परोसे तो बच्चों ने भी इसमें पूरे उत्साह के साथ भाग लिया। लोगों का कहना था कि मौजूदा दौर में भी अपनी संस्कृति और परंपरा से बच्चे जुड़े रहे इसके लिए ऐसे आयोजनों का होना बेहद जरूरी है।

बाइट--दिनेश मोदी, कार्यक्रम आयोजक
बाइट-संजय जुमनानी, स्थानीय नागरिक
बाइट-डॉ अजय राय, स्थानीय


Conclusion:चैत्र नवरात्र की प्रथम तिथि को भगवान ब्रह्मा द्वारा इस सृष्टि का सृजन माना जाता है तो अंगद और झूलेलाल जैसे लोगों का भी जन्मदिन इसी दिन को माना जाता है। वहीं इस दिन को शक्ति के संचार का दिन भी माना जाता है। इससे असत्य पराजित होता है तो माँ भगवती का नवो रूप समाज को विभिन्न प्रकार से मार्गदर्शन देता है। कार्यक्रम के सहभागी लोगों का मानना था कि मौजूदा दौर में अपने हिन्दू परंपरा और त्योहार को जीवंत बनाये रखने की बेहद जरूरत है। शिक्षा भी अंग्रेजियत हो गई है तो लोगों में समय का अभाव हो गया है ऐसे में एक स्थान पर ऐसे आयोजन कई तरह से लाभकारी सिद्ध होंगे।

मुकेश पाण्डेय
Etv भारत, गोरखपुर
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