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गोरखपुर: बिस्मिल के शहादत स्थल पर पहुंचे नेताजी सुभाष चन्‍द्र बोस के प्रपौत्र सोमनाथ बोस

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में नेताजी सुभाष चन्‍द्र बोस के प्रपौत्र सोमनाथ बोस शहीद पं. राम प्रसाद बिस्मिल के शहादत स्थल पर पहुंचे. उन्होंने आजादी के मायने और शहीदों के बलिदान को समझने की बात कही.

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बिस्मिल पहुंचे नेताजी सुभाष चन्‍द्र बोस के प्रपौत्र सोमनाथ बोस.
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Published : Jan 25, 2020, 3:22 AM IST

गोरखपुर: नमो सेना इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नेताजी सुभाष चन्‍द्र बोस के प्रपौत्र सोमनाथ बोस मंडलीय कारागार पहुंचे. जहां पर शहीद पं. राम प्रसाद बिस्मिल की प्रतिमा पर माल्यर्पण किया. उन्‍होंने शहीद स्‍थली पहुंच कर कहा कि यहां पर आकर वे धन्‍य हो गए हैं.

बिस्मिल के शहीद स्थल पर नेताजी के प्रपौत्र.

ये शहीद बिस्मिल की शहादत भूमि होने के साथ बाबा गोरखनाथ की तपोस्‍थली भी है. इसके साथ ही गौतम बुद्ध और संत कबीर का भी ये क्षेत्र है. सोमनाथ बोस ने कहा कि विदेशी सभ्‍यता में ज्‍यादा दिलचस्‍पी लेने वाले युवाओं को आजादी और देश के लिए कुर्बानी देने वाले शहीदों के बलिदान के मायने को समझना होगा.

नेताजी सुभाष चन्‍द्र बोस के प्रपौत्र सोमनाथ बोस
नेताजी सुभाष चन्‍द्र बोस की 123वीं जयंती के अवसर पर बृहस्पतिवार को पहुंचे थे. नेताजी सुभाष चन्‍द्र बोस के प्रपौत्र सोमनाथ बोस नमो सेना इंडिया के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष है. शुक्रवार को उन्‍होंने मंडलीय कारागार में उस स्‍थली को भी देखा जहां पर शहीद पं. राम प्रसाद बिस्मिल को फांसी दी गई थी. आजादी के मायने समझने के लिए शहीदों के बलिदान के मायने को समझना होगा.

इसे भी पढ़ें-गोरखपुर के होमगार्ड भूखे पेट नौकरी करने को मजबूर, 5 माह से नहीं मिला वेतन

देश को आजाद करने के लिए दी कुर्बानी
सोमनाथ बोस ने कहा कि युवाओं को ये जानना होगा कि आजादी के मतवालों ने देश को आजाद कराने के लिए हंसते-हंसते फांसी के फंदे को माला समझकर पहन लिया और अपने प्राणों की आहुति दे दी. उन्होंने कहा कि शहीद राम प्रसाद बिस्मिल भी ऐसे ही युवाओं में रहे हैं, जिन्‍होंने आजादी के लिए अपनी जान की कुर्बानी दे दी.

गोरखपुर: नमो सेना इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नेताजी सुभाष चन्‍द्र बोस के प्रपौत्र सोमनाथ बोस मंडलीय कारागार पहुंचे. जहां पर शहीद पं. राम प्रसाद बिस्मिल की प्रतिमा पर माल्यर्पण किया. उन्‍होंने शहीद स्‍थली पहुंच कर कहा कि यहां पर आकर वे धन्‍य हो गए हैं.

बिस्मिल के शहीद स्थल पर नेताजी के प्रपौत्र.

ये शहीद बिस्मिल की शहादत भूमि होने के साथ बाबा गोरखनाथ की तपोस्‍थली भी है. इसके साथ ही गौतम बुद्ध और संत कबीर का भी ये क्षेत्र है. सोमनाथ बोस ने कहा कि विदेशी सभ्‍यता में ज्‍यादा दिलचस्‍पी लेने वाले युवाओं को आजादी और देश के लिए कुर्बानी देने वाले शहीदों के बलिदान के मायने को समझना होगा.

नेताजी सुभाष चन्‍द्र बोस के प्रपौत्र सोमनाथ बोस
नेताजी सुभाष चन्‍द्र बोस की 123वीं जयंती के अवसर पर बृहस्पतिवार को पहुंचे थे. नेताजी सुभाष चन्‍द्र बोस के प्रपौत्र सोमनाथ बोस नमो सेना इंडिया के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष है. शुक्रवार को उन्‍होंने मंडलीय कारागार में उस स्‍थली को भी देखा जहां पर शहीद पं. राम प्रसाद बिस्मिल को फांसी दी गई थी. आजादी के मायने समझने के लिए शहीदों के बलिदान के मायने को समझना होगा.

इसे भी पढ़ें-गोरखपुर के होमगार्ड भूखे पेट नौकरी करने को मजबूर, 5 माह से नहीं मिला वेतन

देश को आजाद करने के लिए दी कुर्बानी
सोमनाथ बोस ने कहा कि युवाओं को ये जानना होगा कि आजादी के मतवालों ने देश को आजाद कराने के लिए हंसते-हंसते फांसी के फंदे को माला समझकर पहन लिया और अपने प्राणों की आहुति दे दी. उन्होंने कहा कि शहीद राम प्रसाद बिस्मिल भी ऐसे ही युवाओं में रहे हैं, जिन्‍होंने आजादी के लिए अपनी जान की कुर्बानी दे दी.

Intro:गोरखपुर। नमो सेना इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष व नेताजी सुभाष चन्‍द्र बोस के प्रपौत्र सोमनाथ बोस ने गोरखपुर के मंडलीय कारागार में पहुंचकर शहीद पं. राम प्रसाद बिस्मिल की प्रतिमा पर शीश झुकाकर नमन करते हुए माल्यर्पण किया। उन्‍होंने शहीद स्‍थली पहुंचकर कहा कि यहां पर आकर वे धन्‍य हो गए. क्‍योंकि ये शहीद बिस्मिल की शहादत भूमि होने के साथ बाबा गोरखनाथ की तपोस्‍थली भी है. इसके साथ ही गौतम बुद्ध और संतकबीर का भी ये क्षेत्र है. उन्‍होंने कहा कि विदेशी सभ्‍यता में ज्‍यादा दिलचस्‍पी लेने वाले युवाओं को आजादी और देश के लिए कुर्बानी देने वाले शहीदों के बलिदान के मायने को समझना होगा.

Body:नेताजी सुभाष चन्‍द्र बोस की 123वीं जयंती के अवसर पर बृहसप्तवार को गोरखपुर पहुंचे थे। नेताजी सुभाष चन्‍द्र बोस के प्रपौत्र सोमनाथ बोस नमो सेना इंडिया के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष हैं. आज उन्‍होंने मंडलीय कारागार में उस स्‍थली को भी देखा जहां पर शहीद पं. राम प्रसाद बिस्मिल को फांसी दी गई थी. आजादी के मतवाले शहीद बिस्मिल की आज का युवा ज्‍यादा दिलचस्‍पी ले रहा है. उन्‍हें आजादी के मायने समझने के लिए शहीदों के बलिदान के मायने को समझना होगा.

उन्‍होंने कहा कि युवाओं को ये जानना होगा कि आजादी के मतवालों ने देश को आजाद कराने के लिए किस तरह से हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूमने के बाद उसे गले की माला समझकर पहन लिया और अपने प्राणों की आहुति दे दी. सोमनाथ बोस ने कहा कि शहीद राम प्रसाद बिस्मिल भी ऐसे ही युवाओं में रहे हैं जिन्‍होंने आजादी के लिए अपनी जान की कुर्बानी दे दी. वे हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर झूल गए.

लेकिन अंग्रेजों के सामने सिर गर्व से ऊंचा रखा. आज हम कितने खुश हैं. युवाओं को साइंस और तकनीक को अपनाना चाहिए. लेकिन, अपने संस्‍कार और मूल आधार के साथ सनातन सं‍स्‍कृति को नहीं भूलना चाहिए. स्‍वामी विवेकानंद ने कहा था. यही हमारी विचारधारा भी होनी चाहिए. उन्‍होंने कहा कि बहुत सुंदर नगरी है. बाबा गोरक्षनाथ के दर्शन किए. बाबा गोरखनाथ की धरती के साथ गौतम बुद्ध और संतकबीर की स्‍थली है. यहां पर आकर धन्‍य महसूस कर रहा हूं.

बाईट - सोमनाथ बोस, नमो सेना इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष व नेताजी के प्रपौत्र



निखिलेश प्रताप
गोरखपुर
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