गोरखपुर: विजयादशमी के पर्व पर गोरखनाथ मंदिर से निकलने वाली भव्य शोभायात्रा का बड़ा ही ऐतिहासिक महत्व है. 4 दशकों से गोरखनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर की अगुवाई में निकलने वाली शोभायात्रा करीब तीन किलोमीटर की यात्रा तय करके मानसरोवर मंदिर पहुंचती है. मौजूदा समय में गोरक्ष पीठाधीश्वर के रूप में सीएम योगी इसकी अगुवाई करते हैं. वो मानसरोवर मंदिर में भगवान शिव की आराधना पूजा करते हैं. इसके बाद रामलीला परिसर में वर्षों पुरानी रामलीला में राजाराम का राज्याभिषेक करते हैं.
यह क्षण अपने आप में बहुत ही अलौकिक और ऐतिहासिक होता है. इसे देखने के लिए सिर्फ स्थानीय ही नहीं बल्कि आसपास के कई जिलों से लोग इकट्ठा होते हैं. यह शोभायात्रा नवरात्र दशमी के दिन शाम 4 बजे से निकलती है. इसके पहले गोरखनाथ मंदिर में सीएम योगी आदित्यनाथ श्रीनाथ जी का पूरे विधि विधान से पूजन करते हैं. इसके बाद 1 बजे से 3 बजे तक तिलकोत्सव कार्यक्रम में शामिल होने के बाद रथ पर सवार होकर बैंड बाजे की धुन पर उनका काफिला आगे बढ़ता है. इसकी सुरक्षा इससे जुड़े हुए श्रद्धालु और पुलिस प्रशासन के लोग करते हैं.
गोरखनाथ मंदिर के कार्यालय सचिव द्वारिका तिवारी ने बताया कि नवरात्रि पर विशेष अनुष्ठान और पूजा-पाठ की परंपरा है. इसका निर्वहन गोरक्षपीठ के महंत के करते हैं. 2 साल तक कोरोना काल की वजह से आयोजन धूमधाम के साथ नहीं हो सके हैं. ऐसे में इस बार भव्य शोभायात्रा का आयोजन होगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 2 अक्टूबर को अष्टमी के दिन गोरखनाथ मंदिर में रहेंगे. वो शाम को निशा पूजा करेंगे.
4 अक्टूबर को नवमी और विजयादशमी एक ही दिन पड़ रही है. ऐसे में सुबह मुख्यमंत्री कन्या पूजन करेंगे. दोपहर 3 बजे के करीब हर वर्ष की तरह मंदिर से शोभयात्रा निकलेगी. मुख्यमंत्री रथ पर सवार होकर मानसरोवर मंदिर पहुंचेंगे. मंदिर के पुजारी डॉ. अरविंद चतुर्वेदी ने बताया कि यहां पर पूजा-पाठ और रुद्राभिषेक के बाद योगी रामलीला मैदान पहुंचेंगे और वहां पर भगवान श्रीराम का राजतिलक करेंगे.
शोभायात्रा के रूट पर सुरक्षा को देखते हुए पुलिसबल के साथ एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई गोरखनाथ मंदिर पहुंचें थे. यहां पर ड्रोन कैमरे से गोरखनाथ मंदिर के 4 से 5 किलोमीटर के दायरे में सभी घरों की छतों को मॉनीटर किया गया है. घरों की छतों से ईंट-पत्थर समेत ऐसी सामग्री को हटाने के लिए मकान मालिकों को नोटिस दिया गया है. उन्होंने बताया कि 2.7 किलोमीटर की गोरखनाथ मंदिर से रामलीला मैदान की दूरी है. जिसकी पूरी निगरानी जमीन से आसमान तक रहेगी. इस शोभा यात्रा की खास बात यह है कि इसके स्वागत में मुस्लिम समाज भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेता है. मुस्लिम भाई शोभायात्रा पर फूल बरसाते हैं. जुलूस में शामिल युवा अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन भी करते हैं.
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