गोरखपुर: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मंगलवार को मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के आठवें दीक्षांत समारोह में पहुंची. इस दौरान छात्रों को संबोधित कर उन्होंने कहा कि बेटियां लगातार अपने अच्छे परिणाम से मान बढ़ा रही हैं. विश्वविद्यालय में भी स्वर्ण पदक पाने वालों में उन्होंने छात्रों के बराबर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है, जो शिक्षा को लेकर उनकी गंभीरता को दर्शाता है. देश में आज महिला सशक्तिकरण को लेकर इतिहास को रचे जाने की उम्मीद दिखाई दे रही है. जिसके लिए नए संसद भवन में सभी सांसद एकजुट होकर इस पक्ष में आवाज बुलंद कर रहे हैं. राज्यपाल ने कहा कि 35% का आरक्षण लोकसभा में पास हो जाने के बाद, महिलाओं को सांसद-विधायक बनने का जहां मौका मिलेगा. यह उनके सशक्तिकरण का भी बड़ा माध्यम बनेगा. उन्होंने कहा कि देश में महिलाओं की भूमिका लगातार बढ़ रही है. चंद्रयान भेजने से लेकर आदित्य एल वन उपग्रह को भेजने में भी महिलाओं की आम भूमिका रही है. ऐसे में महिलाओं की प्रतिभा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. महिला आरक्षण बिल जब पास हो जाएगा. तो यह उनके लिए एक बड़ी ताकत का काम करेगा. जिससे उनका मान सम्मान दोनों बढ़ेगा.
युवाओं के योगदान के बगैर बड़ी सफलता अधूरी: दीक्षांत समारोह के दौरान राज्यपाल ने कहा कि आज भारत नई तकनीक के मामले में भी सशक्त हो रहा है. भारत के युवाओं को अपने मन को शोध की ओर प्रेरित करना होगा. टेक्नोलॉजी का सही समय पर सही उपयोग समाज को नई दिशा देगा. आज जीवन के हर चक्र को जानने के लिए टेक्नोलॉजी उपलब्ध है. बच्चों की जन्म कुंडली से लेकर ई- पाठशाला और ई लर्निंग जैसी सुविधा उपलब्ध है. स्कॉलरशिप के लिए भी आवेदन हो सकता है. जब कोई भी अपनी नौकरी शुरू करता है तो उसे यूनिवर्सल एक्सेस नंबर की भी सुविधा मिलती है. तकनीक में भारत के बढ़ते कदम को देखते हुए दुनिया ने कहा कि भारत की 21वीं सदी होगी. स्टैंड अप इंडिया, आत्मनिर्भर भारत को आगे बढ़ाने का काम चल रहा है. भारत दुनिया की पांचवी अर्थव्यवस्था बन चुकी है. लेकिन, आज के दौर में युवाओं के योगदान के बगैर बड़ी सफलता अधूरी है.
महिलाओं के लिए परिश्रम ही एकमात्र रास्ता: राज्यपाल ने कहा कि जीवन में सफल होने के लिए परिश्रम के अलावा कोई अन्य रास्ता नहीं है. सफलता पाने के लिए सतत प्रयास करना ही सर्वश्रेष्ठ मार्ग है. स्वामी विवेकानंद जी ने इसका स्पष्ट संदेश दिया था. उठो जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए. यह जानकर खुशी हुई है कि मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कौशल विकास और सृजनात्मकता के लिए केंद्र स्थापित करने जा रहा है. मालवीय छात्र कल्याण निधि स्थापित कर रहा है. ऐसे प्रयास दूसरे विश्वविद्यालय को भी करने चाहिए. आयुष्मान आपके द्वारा अभियान का भी हिस्सा बनने के लिए विश्वविद्यालयों को आगे आना चाहिए. इसे किसी गांव तक ले जाए, जिससे लोगों को स्वास्थ्य का बेहतर लाभ मिले.
22 स्वर्ण पदक छात्र-छात्राओं में वितरित: इस दीक्षांत समारोह को बतौर मुख्य अतिथि आईटीआई के सीएमडी राजेश राय, जो मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र रहे हैं. उन्होंने भी संबोधित किया. उन्होंने कहा कि नकारात्मकता को दिमाग से निकालकर छात्रों को अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ना चाहिए. पढ़ाई के बाद नौकरी पाना ही जीवन का लक्ष्य नहीं है. नौकरी देने के लायक बनने की भी कोशिश करनी चाहिए. कभी भी किसी विषम परिस्थिति में गलत कदम नहीं उठाने चाहिए. क्योंकि देखने को मिल रहा है कि तमाम लोग हताश और निराशा में आत्महत्या जैसे कदम उठा रहे हैं. जीवन में बहुत ऐसे कार्य हैं जिसको करके बड़ा नाम और पैसा भी कमाया जा सकता है. उन्होंने विद्यार्थियों के सामने इसके कई उदाहरण भी दिये. कार्यक्रम को विशिष्ट अतीत के रूप में प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने भी संबोधित किया. इस दीक्षांत समारोह में कुल 22 स्वर्ण पदक छात्र-छात्राओं में वितरित किए गए तो 29 छात्रों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई. समारोह में कुल 1519 विद्यार्थियों को उपाधियां दी गई. इस दौरान राज्यपाल ने प्राथमिक स्कूल के बच्चों को भी सम्मानित किया और आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकत्रियों में उनके बच्चों के लिए उपयोगी सामग्री का भी वितरण किया.
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