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आनंदी बेन पटेल ने कहा, 'विवाह करने का निर्णय बच्चों पर ही छोड़ दें अभिभावक' - राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल बुधवार को गोरखपुर विश्वविद्यालय के 38वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंची थी. राज्यपाल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अभिभावकों को बच्चों को अच्छे संस्कार देने चाहिए. विवाह करने का निर्णय बच्चों पर ही छोड़ देना चाहिए.

गोरखपुर विश्वविद्यालय के 38वें दीक्षांत समारोह.
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Published : Oct 23, 2019, 6:17 PM IST

गोरखपुर: प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बुधवार को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के 38वें दीक्षांत समारोह के मंच से समाज को बड़ा संदेश देने का काम किया. राज्यपाल ने समारोह के दौरान गोल्ड मेडल हासिल करने वाले बेटे- बेटियों से अपेक्षा किया कि वह अपने इस डिग्री की सार्थकता को साबित करें.

गोरखपुर में बोली राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

महामहिम राज्यपाल ने कहा कि आपलोग समाज के अंदर व्याप्त तरह-तरह की कुरीतियों को दूर करने का भी माध्यम बनें, जिससे समाज आप लोगों का अनुकरण करें. उन्होंने बड़े साफ लफ्जों मे कहा कि गोल्ड मेडल घर ले जाकर शोभा बढ़ाने के लिए ही न प्रयोग करें. इससे यह भी सीख लें कि अपने विवाह में न तो गोल्ड की मांग करेंगे और न ही दहेज की. राज्यपाल ने कहा कि इस तरह की कुरीतियों को शिक्षित समाज ही आगे आकर समाप्त कर सकता है.

ये भी पढ़ें:-- मायावती ने यूपी की कानून व्यवस्था पर खड़े किए सवाल, कहा- धूमिल हो रही राज्य की छवि

महामहिम के अभिभाषण की मुख्य बातें
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने लगभग आधे घंटे के भाषण में जो कुछ भी बोला वह समाज में व्याप्त तरह-तरह की कुरीतियों को दूर करने पर केंद्रित था. उन्होंने कहा कि बाल विवाह जैसा शब्द सुनकर ही उनका मन कांप जाता था. कई घटनाएं भी उनके सामने ऐसी आई जिससे वह सिहर गईं. उन्होंने कहा कि राजनैतिक जीवन के साथ सामाजिक क्षेत्र में भी कार्य करने का जो उनका अनुभव है वह यही कहता है कि किसी भी अभिभावकों अपने बेटी-बेटों को अच्छा संस्कार और अच्छी शिक्षा देने की कोशिश करनी चाहिए. विवाह करने का निर्णय बच्चों पर ही छोड़ देना चाहिए.

छात्र-छात्राओं को किया सम्मानित
गोरखपुर विश्वविद्यालय के इस 38वें दीक्षांत समारोह में करीब डेढ़ सौ प्रतिभाओं को कुलाधिपति के हाथों सम्मानित होने का अवसर प्राप्त हुआ. इसमें 70% से ज्यादा बेटियों ने शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में टॉप रैंक हासिल करते हुए कई-कई गोल्ड मेडल हासिल किए. विज्ञान और गणित जैसे विषयों में भी बेटियों ने बाजी मारी तो कानून की डिग्री में भी उन्होंने लड़कों को पछाड़ा. यही वजह थी कि जब राज्यपाल बच्चों को सम्मान देने के बाद अपना संबोधन कर रही थी तो उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति को इस बात के लिए बोला कि वह एक ऐसे छात्र का चयन करें जिसका शोध का विषय यह हो कि 'आखिर बेटियां, बेटों से हर क्षेत्र में आगे क्यों निकल रही है'.

गोरखपुर: प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बुधवार को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के 38वें दीक्षांत समारोह के मंच से समाज को बड़ा संदेश देने का काम किया. राज्यपाल ने समारोह के दौरान गोल्ड मेडल हासिल करने वाले बेटे- बेटियों से अपेक्षा किया कि वह अपने इस डिग्री की सार्थकता को साबित करें.

गोरखपुर में बोली राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

महामहिम राज्यपाल ने कहा कि आपलोग समाज के अंदर व्याप्त तरह-तरह की कुरीतियों को दूर करने का भी माध्यम बनें, जिससे समाज आप लोगों का अनुकरण करें. उन्होंने बड़े साफ लफ्जों मे कहा कि गोल्ड मेडल घर ले जाकर शोभा बढ़ाने के लिए ही न प्रयोग करें. इससे यह भी सीख लें कि अपने विवाह में न तो गोल्ड की मांग करेंगे और न ही दहेज की. राज्यपाल ने कहा कि इस तरह की कुरीतियों को शिक्षित समाज ही आगे आकर समाप्त कर सकता है.

ये भी पढ़ें:-- मायावती ने यूपी की कानून व्यवस्था पर खड़े किए सवाल, कहा- धूमिल हो रही राज्य की छवि

महामहिम के अभिभाषण की मुख्य बातें
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने लगभग आधे घंटे के भाषण में जो कुछ भी बोला वह समाज में व्याप्त तरह-तरह की कुरीतियों को दूर करने पर केंद्रित था. उन्होंने कहा कि बाल विवाह जैसा शब्द सुनकर ही उनका मन कांप जाता था. कई घटनाएं भी उनके सामने ऐसी आई जिससे वह सिहर गईं. उन्होंने कहा कि राजनैतिक जीवन के साथ सामाजिक क्षेत्र में भी कार्य करने का जो उनका अनुभव है वह यही कहता है कि किसी भी अभिभावकों अपने बेटी-बेटों को अच्छा संस्कार और अच्छी शिक्षा देने की कोशिश करनी चाहिए. विवाह करने का निर्णय बच्चों पर ही छोड़ देना चाहिए.

छात्र-छात्राओं को किया सम्मानित
गोरखपुर विश्वविद्यालय के इस 38वें दीक्षांत समारोह में करीब डेढ़ सौ प्रतिभाओं को कुलाधिपति के हाथों सम्मानित होने का अवसर प्राप्त हुआ. इसमें 70% से ज्यादा बेटियों ने शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में टॉप रैंक हासिल करते हुए कई-कई गोल्ड मेडल हासिल किए. विज्ञान और गणित जैसे विषयों में भी बेटियों ने बाजी मारी तो कानून की डिग्री में भी उन्होंने लड़कों को पछाड़ा. यही वजह थी कि जब राज्यपाल बच्चों को सम्मान देने के बाद अपना संबोधन कर रही थी तो उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति को इस बात के लिए बोला कि वह एक ऐसे छात्र का चयन करें जिसका शोध का विषय यह हो कि 'आखिर बेटियां, बेटों से हर क्षेत्र में आगे क्यों निकल रही है'.

Intro:गोरखपुर। प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बुधवार को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के 38वें दीक्षांत समारोह के मंच से समाज को बड़ा संदेश देने का काम किया। उन्होंने समारोह के दौरान गोल्ड मेडल हासिल करने वाले बेटे- बेटियों से अपेक्षा किया वह अपने इस डिग्री की सार्थकता को साबित करें, साथ ही समाज के अंदर व्याप्त तरह-तरह की कुरीतियों को दूर करने का भी माध्यम बनें। जिससे समाज आप लोगों का अनुकरण करें। उन्होंने बड़े साफ लफ्जो मे कहा कि गोल्ड मेडल घर ले जाकर शोभा बढ़ाने के लिए ही ना प्रयोग करें इससे यह भी सीख लें कि अपने विवाह में न तो गोल्ड की मांग करेंगे और न ही दहेज की। राज्यपाल ने कहा कि इस तरह की कुरीतियों को शिक्षित समाज ही आगे आकर समाप्त कर सकता है।

बाइट--आनंदी बेन पटेल, राज्यपाल, यूपी(मंच से बोलते)

नोट--कम्प्लीट पैकेज, वॉइस ओवर और पीटीसी अटैच है।


Body:प्रतिभा को सम्मान और शिक्षा के क्षेत्र में बड़े संदेश देने के इस मंच से राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने लगभग आधे घंटे के भाषण में जो कुछ भी बोला वह समाज में व्याप्त तरह-तरह की कुरीतियों को दूर करने पर केंद्रित था। उन्होंने कहा कि बाल विवाह जैसा शब्द सुनकर ही उनका मन कांप जाता था। कई घटनाएं भी उनके सामने ऐसी आई जिससे वह सिहर गई। उन्होंने कहा कि राजनैतिक जीवन के साथ सामाजिक क्षेत्र में भी कार्य करने का जो उनका अनुभव है वह यही कहता है कि किसी भी अभिभावकों अपने बेटी-बेटों को अच्छा संस्कार और अच्छी शिक्षा देने की कोशिश करनी चाहिए, विवाह करने का निर्णय बच्चों पर ही छोड़ देना चाहिए। उन्होंने अपने इस विचार पर सभागार में मौजूद लोगों से जब समर्थन चाहा तो तालियों की गड़गड़ाहट से सभागार गूंज उठा।

बाइट--आनंदी बेन पटेल, राज्यपाल(मंच से बोलते)


Conclusion:गोरखपुर विश्वविद्यालय के इस 38वें दीक्षांत समारोह में करीब डेढ़ सौ प्रतिभाओं को कुलाधिपति के हाथों सम्मानित होने का अवसर प्राप्त हुआ। इसमें 70% से ज्यादा बेटियों ने शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में टॉप रैंक हासिल करते हुए कई-कई गोल्ड मेडल हासिल किए। विज्ञान और गणित जैसे विषयों में भी बेटियों ने बाजी मारी तो कानून की डिग्री में भी उन्होंने लड़कों को पछाड़ा। यही वजह था कि जब राज्यपाल बच्चों को सम्मान देने के बाद अपना संबोधन कर रही थी तो उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति को इस बात के लिए बोला कि वह एक ऐसे छात्र का चयन करें जिसका शोध का विषय है यह हो कि कि 'आखिर बेटियां, बेटों से हर क्षेत्र में आगे क्यों निकल रही है'।

क्लोजिंग पीटीसी
मुकेश पाण्डेय
Etv भारत, गोरखपुर
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