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बीआरडी में कैंसर और किडनी का इलाज हुआ मुश्किल, संविदा पर तैनात डॉक्टरों की सेवाएं खत्म

बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर (BRD Medical College Gorakhpur) में ऑन्कोलॉजी और नेफ्रोलॉजी विभाग खाली हो चुका है. करीब एक माह से इसके मरीजों को मेडिकल कॉलेज में इलाज की सुविधा नहीं मिल रही है. मरीज निराश होकर वापस लौट रहे हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 25, 2023, 5:49 PM IST



गोरखपुर: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक बनाकर प्रदेश सरकार पूर्वांचल के लोगों को हृदय, किडनी, न्यूरो, कैंसर जैसी बड़ी बीमारियों में बड़े डॉक्टर से इलाज देने की सुविधा शुरू की थी. लेकिन, अब संविदा पर तैनात किए गए इन डॉक्टर की संविदा समाप्त हुई उनकी सेवा भी खत्म हो गई. ऐसे में ऑन्कोलॉजी (कैंसर) और नेफ्रोलॉजी (किडनी) विभाग खाली हो चुका है. करीब एक माह से इसके मरीजों को मेडिकल कॉलेज में इलाज की सुविधा नहीं मिल रही है. कुछ ऐसे भी मरीज है जो दूर-दराज से आते हैं और निराश होकर वापस लौटते हैं.मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर गणेश प्रसाद ने कहा है कि नए डॉक्टरों की भर्ती की प्रक्रिया को अपनाया जा रहा है.

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बीआरडी में ऑन्कोलॉजी और नेफ्रोलॉजी विभाग में डॉक्टर नही.

सितंबर माह के अंत तक मिलेगें डॉक्टर: बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर गणेश कुमार ने कहा है कि जिन डॉक्टरों का अनुबंध अवधि पूरा हो गया है वह चले गए हैं. उम्मीद है कि सितंबर माह के अंत तक काउंसलिंग होगी. इसके बाद ऑन्कोलॉजी और नेफ्रोलॉजी को भी नए डॉक्टर मिल जाएंगे. उन्होंने कहा कि इससे कुछ मरीजों को तकलीफ हो रही होगी, जिसका खेद है. जिन्हें तकलीफ हो रही है उनके निदान के लिए डॉक्टरों की तैनाती की पहल की जा रही है.

इन विभागों में डॉक्टरों की कमीः सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में न्यूरोलॉजी, न्यूरो सर्जरी, कार्डियोलॉजी, यूरोलॉजी और गैस्ट्रोएंटरोलॉजी से जुड़े डॉक्टर बैठते हैं. जिसमें, न्यूरोलॉजी में दो डॉक्टर रोहित आनंद और राकेश कुमार मरीजों की देखभाल करते हैं. यह दोनों सप्ताह में तीन-तीन दिन बैठते हैं. इन डॉक्टरों की तैनाती ऐसा नहीं है कि हफ्ते के सातों दिन लगातार होती हो. यह स्थिति न्यूरो सर्जरी विभाग में भी है. जहां डॉ. अनिद्य और डॉ त्रिपुरारी पांडेय भी तीन-तीन दिन सेवा देते हैं. कार्डियोलॉजी में डॉ. कुणाल सिंह, डॉ. धीरज कुमार गौरव, डॉ. मेराज उल हक और डॉ. विवेक यह चार डॉक्टर हैं. लेकिन, यह भी कुल मिलाकर 6 दिन ही बैठते हैं. यूरोलॉजी डिपार्टमेंट डॉ. दानिश के भरोसे चलता है और यह भी सप्ताह में सिर्फ सोमवार और मंगलवार को ही बैठते हैं.

इसे भी पढ़े-केजीएमयू के चिकित्सकों ने किया पहला लिविंग डोनेशन ट्रांसप्लांट, दूसरे की तैयारी शुरू

डॉक्टर की निरंतर उपलब्धता नहींः प्राचार्य डॉक्टर गणेश कुमार ने बताया कि गैस्ट्रोएंटरोलॉजी में डॉक्टर शिवम वर्मा सिर्फ सोमवार और बुधवार को मरीजों को देखते हैं. ठाकुर प्रसाद सिंह गुरुवार और शुक्रवार को बैठते हैं. ऐसे में यह कह सकते हैं कि सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक को विशेष ब्लॉक बनाकर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन चला तो रहा है, लेकिन मरीजों की सुविधा के लिए अभी डॉक्टर की निरंतर उपलब्धता यहां नहीं है. जुलाई और अगस्त 2021 में सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक को डॉक्टर मिलने शुरू हुए थे. जिसमें, ऑन्कोलॉजी विभाग में डॉ. विजय सिंह और नेफ्रोलॉजी में डॉ. अविनाश रेड्डी आए थे. इनका अनुबंध 2 वर्षों के लिए हुआ था, जो इस वर्ष 2023 में अगस्त में पूरा हो गया.

गौरतलब है कि जब से बीआरडी मेडिकल कॉलेज के इस ब्लॉक में सेवा शुरू हुई तो रोगियों को राहत मिलने लगी. लेकिन, एक माह से किडनी और कैंसर रोग की ओपीडी बंद होने से जो मरीज यहां से इलाज कराते थे उन्हें असुविधा हो रही है. ऐसे में वह फिर बाहर इलाज करने के लिए मजबूर हैं. यही हाल न्यूरोलॉजी विभाग का था. जहां से डॉ. सुमित, डॉ. आकाश और डॉ. नागेंद्र वर्मा चले गए उनकी जगह डॉ. रोहित, डॉ. राकेश हैं. न्यूरो सर्जरी से डॉक्टर सतीश नायक और डॉक्टर आशुतोष डॉ. नवनीत काला भी चले गए. स्पेशलिटी ब्लॉक में अगर डॉक्टरों की स्थाई तैनाती नहीं होती है तो, इस तरह का संक्रमण इस महत्वपूर्ण विभाग में देखने को मिलेगा, जो मरीज के स्थाई इलाज के लिए बेहतर नहीं कहा जा सकता है.

यह भी पढ़े-योगी सरकार में गोरखपुर की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह बदहाल, मनमानी पर उतारू हैं प्राइवेट अस्पताल : लल्लू



गोरखपुर: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक बनाकर प्रदेश सरकार पूर्वांचल के लोगों को हृदय, किडनी, न्यूरो, कैंसर जैसी बड़ी बीमारियों में बड़े डॉक्टर से इलाज देने की सुविधा शुरू की थी. लेकिन, अब संविदा पर तैनात किए गए इन डॉक्टर की संविदा समाप्त हुई उनकी सेवा भी खत्म हो गई. ऐसे में ऑन्कोलॉजी (कैंसर) और नेफ्रोलॉजी (किडनी) विभाग खाली हो चुका है. करीब एक माह से इसके मरीजों को मेडिकल कॉलेज में इलाज की सुविधा नहीं मिल रही है. कुछ ऐसे भी मरीज है जो दूर-दराज से आते हैं और निराश होकर वापस लौटते हैं.मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर गणेश प्रसाद ने कहा है कि नए डॉक्टरों की भर्ती की प्रक्रिया को अपनाया जा रहा है.

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बीआरडी में ऑन्कोलॉजी और नेफ्रोलॉजी विभाग में डॉक्टर नही.

सितंबर माह के अंत तक मिलेगें डॉक्टर: बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर गणेश कुमार ने कहा है कि जिन डॉक्टरों का अनुबंध अवधि पूरा हो गया है वह चले गए हैं. उम्मीद है कि सितंबर माह के अंत तक काउंसलिंग होगी. इसके बाद ऑन्कोलॉजी और नेफ्रोलॉजी को भी नए डॉक्टर मिल जाएंगे. उन्होंने कहा कि इससे कुछ मरीजों को तकलीफ हो रही होगी, जिसका खेद है. जिन्हें तकलीफ हो रही है उनके निदान के लिए डॉक्टरों की तैनाती की पहल की जा रही है.

इन विभागों में डॉक्टरों की कमीः सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में न्यूरोलॉजी, न्यूरो सर्जरी, कार्डियोलॉजी, यूरोलॉजी और गैस्ट्रोएंटरोलॉजी से जुड़े डॉक्टर बैठते हैं. जिसमें, न्यूरोलॉजी में दो डॉक्टर रोहित आनंद और राकेश कुमार मरीजों की देखभाल करते हैं. यह दोनों सप्ताह में तीन-तीन दिन बैठते हैं. इन डॉक्टरों की तैनाती ऐसा नहीं है कि हफ्ते के सातों दिन लगातार होती हो. यह स्थिति न्यूरो सर्जरी विभाग में भी है. जहां डॉ. अनिद्य और डॉ त्रिपुरारी पांडेय भी तीन-तीन दिन सेवा देते हैं. कार्डियोलॉजी में डॉ. कुणाल सिंह, डॉ. धीरज कुमार गौरव, डॉ. मेराज उल हक और डॉ. विवेक यह चार डॉक्टर हैं. लेकिन, यह भी कुल मिलाकर 6 दिन ही बैठते हैं. यूरोलॉजी डिपार्टमेंट डॉ. दानिश के भरोसे चलता है और यह भी सप्ताह में सिर्फ सोमवार और मंगलवार को ही बैठते हैं.

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डॉक्टर की निरंतर उपलब्धता नहींः प्राचार्य डॉक्टर गणेश कुमार ने बताया कि गैस्ट्रोएंटरोलॉजी में डॉक्टर शिवम वर्मा सिर्फ सोमवार और बुधवार को मरीजों को देखते हैं. ठाकुर प्रसाद सिंह गुरुवार और शुक्रवार को बैठते हैं. ऐसे में यह कह सकते हैं कि सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक को विशेष ब्लॉक बनाकर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन चला तो रहा है, लेकिन मरीजों की सुविधा के लिए अभी डॉक्टर की निरंतर उपलब्धता यहां नहीं है. जुलाई और अगस्त 2021 में सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक को डॉक्टर मिलने शुरू हुए थे. जिसमें, ऑन्कोलॉजी विभाग में डॉ. विजय सिंह और नेफ्रोलॉजी में डॉ. अविनाश रेड्डी आए थे. इनका अनुबंध 2 वर्षों के लिए हुआ था, जो इस वर्ष 2023 में अगस्त में पूरा हो गया.

गौरतलब है कि जब से बीआरडी मेडिकल कॉलेज के इस ब्लॉक में सेवा शुरू हुई तो रोगियों को राहत मिलने लगी. लेकिन, एक माह से किडनी और कैंसर रोग की ओपीडी बंद होने से जो मरीज यहां से इलाज कराते थे उन्हें असुविधा हो रही है. ऐसे में वह फिर बाहर इलाज करने के लिए मजबूर हैं. यही हाल न्यूरोलॉजी विभाग का था. जहां से डॉ. सुमित, डॉ. आकाश और डॉ. नागेंद्र वर्मा चले गए उनकी जगह डॉ. रोहित, डॉ. राकेश हैं. न्यूरो सर्जरी से डॉक्टर सतीश नायक और डॉक्टर आशुतोष डॉ. नवनीत काला भी चले गए. स्पेशलिटी ब्लॉक में अगर डॉक्टरों की स्थाई तैनाती नहीं होती है तो, इस तरह का संक्रमण इस महत्वपूर्ण विभाग में देखने को मिलेगा, जो मरीज के स्थाई इलाज के लिए बेहतर नहीं कहा जा सकता है.

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