गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में प्रशासन जिस तालाब की जमीन को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम और वेटरनरी कॉलेज के लिए अधिग्रहित करने में जुटा हुआ है, उसकी पैमाइश में ही यह बात निकलकर सामने आई है कि करीब 400 लोग ऐसे हैं जो 512 एकड़ के तालाब के एक बड़े हिस्से की जमीन का बैनामा अपने नाम करा रखे हैं. ऐसे लोग जिन राजस्व कर्मियों की मिलीभगत से लैंडयूज चेंज कर बैनामा लेने में सफल हुए हैं, वह अब प्रशासन के रडार पर हैं. 400 कास्तकारों की मदद करने में 15 राजस्व कर्मियों के नाम भी सामने आ चुके हैं, जिनके खिलाफ कभी भी पुलिस बड़ी कार्रवाई कर सकती है.
गोरखपुर के राजस्व कर्मियों ने कैसे किया फर्जीवाड़ाः गोरखपुर में फर्जीवाडे़ का यह खेल बेलीपार थाना क्षेत्र स्थित तालाब नदोर के साथ हुआ है, जिसका क्षेत्रफल करीब 512 एकड़ है. इसमें 5 एकड़ तालाब और 12 एकड़ नवीन परती भूमि है. इसी भूमि को स्थानीय लोगों ने राजस्व विभाग के कर्मचारियों की मदद से अपने नाम दर्ज कर लिया था. इस जमीन पर यह लोग बरसों से काबिज थे. करीब 2 वर्ष पहले जिलाधिकारी को इस बात की जानकारी मिली थी.
राजस्व अधिकारी और एडीएम ने की संयुक्त जांचः उन्होंने मुख्य राजस्व अधिकारी और एडीएम प्रशासन से संयुक्त जांच कराई थी. लेकिन, इस बीच जब प्रदेश की योगी सरकार ने गोरखपुर- वाराणसी रोड पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम और वेटरनरी कॉलेज खोले जाने को लेकर, प्रशासन को भूमि उपलब्ध कराने के लिए निर्देश दिया तो, पूर्व में चल रही इस जांच में तेजी लाई गई. अधिकारियों को इन योजनाओं के लिए यह जमीन भी उपयुक्त दिखाई दी, तो जांच की गई.
तीन महीने पहले दर्ज हुआ था मुकदमाः गहनता से पड़ताल हुई और जमीन पर कब्जा जमाए काश्तकारों और उन्हें मदद पहुंचाने वाले सरकारी कर्मचारियों के विरुद्ध, कूट रचित दस्तावेज तैयार कर जालसाजी करने का मुकदमा बेलीपार थाने में करीब तीन माह पहले दर्ज किया गया था. मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस इस मामले में अपनी जांच भी तेजी के साथ करने में जुट गई. इस पर करीब 400 से अधिक काश्तकारों का नाम मिला जिन्होंने जालसाजी की थी.
कर्मचारियों पर कार्रवाई तयः मौजूदा समय में ऐसे काश्तकारों का नाम मुकदमे में शामिल करने की तैयारी चल रही है. जालसाजी में मददगार बने कर्मचारियों पर भी कार्रवाई तय मानी जा रही है. इस मामले में जिलाधिकारी कृष्णा करुनेश के स्तर से धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं, तो एसपी साउथ अरुण कुमार सिंह ने कहा है कि नदोर गांव में स्थित नवीन परती और तालाब की भूमि पर कब्जा करने वालों के जो नाम सामने आए हैं, उसमें विवेचना चल रही है. साक्ष्य के आधार पर निश्चित रूप से आरोपितों के विरुद्ध कार्रवाई होगी और सरकारी जमीन को मुक्त कराया जाएगा.
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