गोरखपुर: जनपद के खोराबार थाने का कार्यभार देख रहे एसएसआई संजय सिंह के नेतृत्व में पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर दयाशंकर निषाद को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही न्यायालय में पेश किया जहा से उसे जेल भेज दिया गया. बता दें कि आरोपी दयाशंकर कई बार पुलिस टीम पर हमला भी कर चुका है. उसके खिलाफ कोर्ट से एनबीडब्ल्यू जारी हुआ था.
खोरबार एसएसआई संजय सिंह ने बताया कि दयाशंकर के खिलाफ एनबीडब्लू था और ऑपरेशन शिकंजा के तहत उसे गिरफ्तार किया गया है. यह पुलिस पार्टी पर हमले के बाद सुर्खियों में आया था. वर्ष 2012 में एक अपराध के मामले में दयाशंकर के घर दबिश देने गए तत्कालीन थानेदार पीके सिंह और उनकी टीम पर दयाशंकर, दिलीप, नंगा, हरिप्रसा और कृष्णचंद ने प्राण घातक हमला किया था. थानेदार पीके सिंह को मरणासन्न कर दिए वह छह माह तक कोमा में रहे. साथ ही कई पुलिस कर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए. उन्होंने कहा कि दयाशंकर निषाद के खिलाफ गोरखपुर के कैंट , खोराबार , चौरी चौरा , कुशीनगर के कसया , रामकोला आदि थानों में 7 गुंडा ऐक्ट के तहत 15 से ज्यादा केस दर्ज है. वह थाने का हिस्ट्रीशीटर है.
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एसएसआई ने बताया कि खोराबार गांव का रहने वाले दयाशंकर पुलिस विभाग में था. पुलिस में रहते हुए महराजगंज , कुशीनगर में खूब तस्करी किया और इस दौरान खूब धन अर्जित किया. कुशीनगर में ड्यूटी के दौरान उसके हाईस्कूल के प्रमाण पत्र विभाग को फर्जी मिला. इस दौरान दयाशंकर बीमारी का हवाला देकर रिटायरमेन्ट ले लिया और खोराबार में जमीन के कारोबार में कदम रखा. यहां उसने दर्जनों लोगों से फर्जी तरीके से जमीन अपने नाम लिखवा ली. आज भी उसके अगले बगल बाहरी लोग जमीन तो ले लिए लेकिन किसी ने अपना आशियाना नहीं बना पाया. दयाशंकर ने एक बार जमीन विवाद में खोरबार के रामपुर से युवक का दिनदहाड़े अपहरण कर लिया था. उसकी पिटाई कर देर शाम खोराबार थाने के गेट पर फेंक कर फरार हो गया था. बाद में पुलिस ने केस दर्ज कर उसे जेल भिजवाया था. दयाशंकर चौरीचौरा से कांग्रेस के टिकट पर एक बार विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था.