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2.5 लाख लेकर डी फार्मा का दे दिया फर्जी सर्टिफिकेट, आरोपी गिरफ्तार

गोरखपुर में पुलिस ने डी फार्मा का फर्जी सर्टिफिकेट देने वाले जालसाज को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए आरोपी की पहचान मूल रूप से बस्ती निवासी आशीष पुरी के रूप में हुई.

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शाहपुर थाना पुलिस
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Published : Oct 31, 2022, 10:46 PM IST

गोरखपुरः शाहपुर थाना पुलिस ने 2.5 लाख रुपये लेकर विवेकानंद यूनिवर्सिटी सागर मध्यप्रदेश से डी फार्मा का फर्जी सर्टिफिकेट देने वाले जालसाज को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया. पकड़े गए आरोपी की पहचान मूल रूप से बस्ती निवासी आशीष पुरी के रूप में हुई. आशीष किराए पर पादरी बाजार के शताब्दीपुरम कॉलोनी में रहता है. वह गांधी गली व बशारत पुर में फोकस हैविट कंसलटेंसी फर्म चलाता है. उसके खिलाफ चिलुआताल के संदीप श्रीवास्तव ने 30 अप्रैल 2022 को केस दर्ज कराया था.

एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर व एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्रोई ने बताया कि आरोपी ने संदीप को 2018-2019 सत्र की फर्जी डिग्री व मार्कशीट असली बताकर दी थी. शक होने पर जब पीड़ित मध्यप्रदेश के सागर यूनिवर्सिटी गया, तो असलियत पता चला. पुलिस के अनुसार संदीप 2020 में डी फार्मा में रेगुलर एडमिशन लेना चाहता था. इस दौरान उसकी मुलाकात कंसल्टेंसी चलाने वाले आशीष से हुई.

आशीष ने कहा कि वह उसका एडमिशन करा देगा. एडमिशन कराने के लिए उसने कई बार में 2.5 लाख रुपये ले लिया और कहा कि एडमिशन हो गया है. पढ़ने नहीं जाना होगा बस उसे परीक्षा देने जाना होगा. इस बीच कोरोना काल आ गया. कोरोना में आशीष ने बताया कि अब परीक्षा भी नहीं होगी. सीधे मार्कशीट व प्रमाणपत्र मिलेगा. नवंबर 2020 को आशीष ने पीड़ित संदीप को सत्र 2018-19 का प्रमाण पत्र व मार्कशीट दे दिया, जबकि पहली बार उसकी बात 2020 में हुई थी. संदेह हुआ तो संदीप मध्यप्रदेश के सागर यूनिवर्सिटी पहुंचा. पता चला कि डिग्री वहां की नहीं है, यह फर्जी है.

संदीप ने पैसा मांगा तो आशीष व उसके भाई आदित्य ने धमकी दी. इसके बाद संदीप ने शाहपुर थाने में अप्रैल 2022 में केस दर्ज कराया. पुलिस के अनुसार जालसाज ने संदीप के अलावा दो अन्य लोगों से भी पैसे लेकर फर्जी मार्कशीट व प्रमाण पत्र दिए हैं, जिसकी जांच की जा रही है.

पढ़ेंः व्यापारी के मुनीम को बदमाशों ने मारी गोली, 4 लाख 77 हजार लूटकर फरार

गोरखपुरः शाहपुर थाना पुलिस ने 2.5 लाख रुपये लेकर विवेकानंद यूनिवर्सिटी सागर मध्यप्रदेश से डी फार्मा का फर्जी सर्टिफिकेट देने वाले जालसाज को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया. पकड़े गए आरोपी की पहचान मूल रूप से बस्ती निवासी आशीष पुरी के रूप में हुई. आशीष किराए पर पादरी बाजार के शताब्दीपुरम कॉलोनी में रहता है. वह गांधी गली व बशारत पुर में फोकस हैविट कंसलटेंसी फर्म चलाता है. उसके खिलाफ चिलुआताल के संदीप श्रीवास्तव ने 30 अप्रैल 2022 को केस दर्ज कराया था.

एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर व एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्रोई ने बताया कि आरोपी ने संदीप को 2018-2019 सत्र की फर्जी डिग्री व मार्कशीट असली बताकर दी थी. शक होने पर जब पीड़ित मध्यप्रदेश के सागर यूनिवर्सिटी गया, तो असलियत पता चला. पुलिस के अनुसार संदीप 2020 में डी फार्मा में रेगुलर एडमिशन लेना चाहता था. इस दौरान उसकी मुलाकात कंसल्टेंसी चलाने वाले आशीष से हुई.

आशीष ने कहा कि वह उसका एडमिशन करा देगा. एडमिशन कराने के लिए उसने कई बार में 2.5 लाख रुपये ले लिया और कहा कि एडमिशन हो गया है. पढ़ने नहीं जाना होगा बस उसे परीक्षा देने जाना होगा. इस बीच कोरोना काल आ गया. कोरोना में आशीष ने बताया कि अब परीक्षा भी नहीं होगी. सीधे मार्कशीट व प्रमाणपत्र मिलेगा. नवंबर 2020 को आशीष ने पीड़ित संदीप को सत्र 2018-19 का प्रमाण पत्र व मार्कशीट दे दिया, जबकि पहली बार उसकी बात 2020 में हुई थी. संदेह हुआ तो संदीप मध्यप्रदेश के सागर यूनिवर्सिटी पहुंचा. पता चला कि डिग्री वहां की नहीं है, यह फर्जी है.

संदीप ने पैसा मांगा तो आशीष व उसके भाई आदित्य ने धमकी दी. इसके बाद संदीप ने शाहपुर थाने में अप्रैल 2022 में केस दर्ज कराया. पुलिस के अनुसार जालसाज ने संदीप के अलावा दो अन्य लोगों से भी पैसे लेकर फर्जी मार्कशीट व प्रमाण पत्र दिए हैं, जिसकी जांच की जा रही है.

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