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Gorakhpur News : इंजेक्शन लगाने से 50 प्रसूताओं की हालत बिगड़ी, परिजनों के उड़े होश - गोरखपुर महिला अस्पताल में लापरवाही

गोरखपुर के जिला महिला अस्पताल में मैटरनिटी वार्ड में भर्ती करीब 50 प्रसूताओं की गुरुवार रात करीब 12 बजे अचानक तबीयत बिगड़ गई. इससे परिजनों और डाॅक्टरों में अफरातफरी मच गई. परिजनों ने अस्पताल कर्मियों पर आरोप लगाए तो सभी भाग खड़े हुए.

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Published : Jun 2, 2023, 12:32 PM IST

इंजेक्शन लगाने से 50 प्रसूताओं की हालत बिगड़ी. देखें पूरी खबर

गोरखपुर : जिला महिला अस्पताल के सौ बेड के मैटरनिटी वार्ड में गुरुवार रात करीब 12 बजे अफरातफरी मच गई. आरोप है कि अस्पतालकर्मियों की लापरवाही से 50 प्रसूता महिलाओं की जान पर बन आई. बताया जा रहा कि डिलीवरी के बाद इन प्रसूताओं को अस्पताल कर्मियों ने कोई इंजेक्शन लगाया, जिसके बाद उन्हें तेज बुखार और ठंड लगने लगी. इसके बाद भर्ती महिलाओं के परिजन भी परेशान हो उठे और अस्पताल कर्मियों पर आरोप लगाने लगे. इससे अस्पताल में हंगामा होने लगा. हंगामे की खबर मिलने पर स्थानीय कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची. हालांकि इसी बीच अस्पताल के सभी जिम्मेदार डॉक्टर और कर्मचारी नदारद हो गए. इसके बाद अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारियों से पुलिस प्रशासन के लोगों ने संपर्क किया. इसके बाद स्थिति नियंत्रण में आई.

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने दी चेतावनी.
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने दी चेतावनी.

अस्पताल में पूरी रात हंगामा होता रहा और डाॅक्टरों के न होने से माहौल बनता बिगड़ता रहा. वरिष्ठ अधिकारियों के प्रयास से प्रसूता महिलाओं को बुखार की दवा दी गई. इसके अलावा ब्लड प्रेशर की जांच की गई. इसी बीच अस्पताल में फिजीशियन को बुलाकर तैनाती की गई तो फिर धीरे-धीरे इन महिलाओं की स्थिति में सुधार होना शुरू हुआ. फिलहाल खबर लिखे जाने तक किसी की हालत चिंताजनक नहीं है और सुधार की स्थिति है.

अस्पताल में भर्ती महिलाओं और उनके परिजनों का कहना था कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही की ऐसी नौबत आई है. महिलाओं ने बताया कि जो इंजेक्शन डिलीवरी के समय लेबर रूम में दिया जाता है, शायद वहीं इंजेक्शन उनको अस्पताल के स्टाफ ने लगा दिया है. इससे उनकी हालत खराब हो गई है. इसके अलावा स्थिति बिगड़ने पर तैनात चिकित्सक डॉ. साधना पांडेय व अन्य स्टाफ वहां से भाग गया.

अस्पताल प्रबंधन के अनुसार मैटरनिटी विंग में कुल 71 प्रसूता सहित सात गर्भवती महिलाएं भर्ती थीं. सभी इंजेक्शन लगाया जा रहा था और करीब 50 को ही टीका लगा था कि एक के बाद एक महिलाओं की तबीयत बिगड़ने लगी थी. जिससे तीमारदारों में हड़कंप मच गया था. उन्होंने एक नर्स को पकड़कर एक कमरे में बंद कर दिया था. इससे डर कर अस्पताल के अन्य कर्मचारी भाग गए थे, लेकिन जब पुलिस पहुंची और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बात हुई तो अस्पताल कर्मियों ने इलाज किया.

यह भी पढ़ें : Weather Condition : पश्चिमी यूपी में गरज चमक के साथ हल्की बारिश व तेज हवाएं चलेंगी

इंजेक्शन लगाने से 50 प्रसूताओं की हालत बिगड़ी. देखें पूरी खबर

गोरखपुर : जिला महिला अस्पताल के सौ बेड के मैटरनिटी वार्ड में गुरुवार रात करीब 12 बजे अफरातफरी मच गई. आरोप है कि अस्पतालकर्मियों की लापरवाही से 50 प्रसूता महिलाओं की जान पर बन आई. बताया जा रहा कि डिलीवरी के बाद इन प्रसूताओं को अस्पताल कर्मियों ने कोई इंजेक्शन लगाया, जिसके बाद उन्हें तेज बुखार और ठंड लगने लगी. इसके बाद भर्ती महिलाओं के परिजन भी परेशान हो उठे और अस्पताल कर्मियों पर आरोप लगाने लगे. इससे अस्पताल में हंगामा होने लगा. हंगामे की खबर मिलने पर स्थानीय कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची. हालांकि इसी बीच अस्पताल के सभी जिम्मेदार डॉक्टर और कर्मचारी नदारद हो गए. इसके बाद अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारियों से पुलिस प्रशासन के लोगों ने संपर्क किया. इसके बाद स्थिति नियंत्रण में आई.

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने दी चेतावनी.
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने दी चेतावनी.

अस्पताल में पूरी रात हंगामा होता रहा और डाॅक्टरों के न होने से माहौल बनता बिगड़ता रहा. वरिष्ठ अधिकारियों के प्रयास से प्रसूता महिलाओं को बुखार की दवा दी गई. इसके अलावा ब्लड प्रेशर की जांच की गई. इसी बीच अस्पताल में फिजीशियन को बुलाकर तैनाती की गई तो फिर धीरे-धीरे इन महिलाओं की स्थिति में सुधार होना शुरू हुआ. फिलहाल खबर लिखे जाने तक किसी की हालत चिंताजनक नहीं है और सुधार की स्थिति है.

अस्पताल में भर्ती महिलाओं और उनके परिजनों का कहना था कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही की ऐसी नौबत आई है. महिलाओं ने बताया कि जो इंजेक्शन डिलीवरी के समय लेबर रूम में दिया जाता है, शायद वहीं इंजेक्शन उनको अस्पताल के स्टाफ ने लगा दिया है. इससे उनकी हालत खराब हो गई है. इसके अलावा स्थिति बिगड़ने पर तैनात चिकित्सक डॉ. साधना पांडेय व अन्य स्टाफ वहां से भाग गया.

अस्पताल प्रबंधन के अनुसार मैटरनिटी विंग में कुल 71 प्रसूता सहित सात गर्भवती महिलाएं भर्ती थीं. सभी इंजेक्शन लगाया जा रहा था और करीब 50 को ही टीका लगा था कि एक के बाद एक महिलाओं की तबीयत बिगड़ने लगी थी. जिससे तीमारदारों में हड़कंप मच गया था. उन्होंने एक नर्स को पकड़कर एक कमरे में बंद कर दिया था. इससे डर कर अस्पताल के अन्य कर्मचारी भाग गए थे, लेकिन जब पुलिस पहुंची और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बात हुई तो अस्पताल कर्मियों ने इलाज किया.

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