गोरखपुर : अयोध्या में निर्मित हो रहे श्रीराम मंदिर के लिए नेपाल के काली गण्डकी नदी से 6 करोड़ वर्ष पुराने 2 शालिग्राम पत्थर लाए जा रहे हैं. इन पत्थराें से भगवान श्रीराम के बाल स्वरूप और माता सीता की मूर्ति बनाई जाएगी. इन पत्थराें काे धार्मिक रीति रिवाज और सम्मान के साथ ट्रकों से लाया जा रहा है. बिहार होते हुए पत्थराें काे लेकर वाहन गोरखपुर की सीमा में मंगलवार की शाम 4 बजे प्रवेश करेंगे. गोरखनाथ मंदिर में 7 बजे के बाद इसके पहुंचने की संभावना है. रात्रि विश्राम भी गोरखनाथ मंदिर में ही होगा. मंदिर में मुख्यमंत्री और गोरक्ष पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ पत्थरों का स्वागत और पूजन करेंगे.
विश्व हिंदू परिषद, गोरक्ष प्रांत के प्रचार प्रसार प्रमुख दुर्गेश त्रिपाठी ने बताया कि अगले दिन बुधवार को सीएम योगी पूरे सम्मान और विधि-विधान के साथ इन शालिग्राम पत्थरों को अयोध्या के लिए रवाना करेंगे. इस प्रकार के शालिग्राम पत्थरों के मिलने का एक मात्र स्थान काली गण्डकी नदी है. यह नदी दामोदर कुण्ड से निकलकर गंगा नदी में मिलती है. काली गण्डकी नदी के किनारे से लिए गए इन शिलाखंडाें में एक 26 टन का और दूसरा 14 टन का है.
प्रचार प्रसार प्रमुख ने बताया कि इन पत्थराें काे निकालने से पहले काली गण्डकी नदी में क्षमा पूजा किया गया. शिला का 26 जनवरी को गलेश्वर महादेव मन्दिर में रूद्राभिषेक भी किया गया था. ये पत्थर 2 ट्रकों पर रखकर 30 जनवरी को अयोध्या के लिए रवाना हो चुके हैं. वाहन बिहार से होते हुए मंगलवार को गोपालगंज होते हुए उत्तर प्रदेश में प्रवेश करेंगे. वहां से फिर यह कुशीनगर से जगदीशपुर होते हुए गोरखपुर में शाम 4 बजे पहुंचेंगे.
गोरखपुर में प्रवेश को लेकर विहिप और अन्य कार्यकर्ताओं के अलावा आम जन में भी उत्साह का माहौल है. गोरखपुर में प्रवेश पर कुस्मही जंगल तिराहे पर पत्थराें का शानदार ढंग से स्वागत किया जाएगा. इसके बाद गौतम गुरुंग चौराहा, मोहद्दीपुर चौराहा, विश्वविद्यालय चौराहा, यातायात चौराहा, धर्मशाला बाजार, तरंग क्रॉसिंग के पास, गोरखनाथ मंदिर ओवरब्रिज के पास विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं एवं विभिन्न सामाजिक और धार्मिक संगठनों के लोगों द्वारा यात्रा का जोरदार ढंग से स्वागत किया जाएगा.
गोरखनाथ मंदिर पहुंचने के बाद शिलाओं का स्वागत और पूजन संतों के द्वारा हिंदू सेवाश्रम पर किया जाएगा. यात्रा में सम्मिलित सभी लोगों मंदिर में भोजन करेंगे और विश्राम करेंगे. अगले दिन 1 फरवरी 2023 को प्रातः यात्रा का विधि-विधान से पूजन कर गोरक्ष पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ इसे अयोध्या के लिए रवाना करेंगे.
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