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गोरखपुर: जिला प्रशासन ने की तैयारी, अगले तीन महीनों के लिए खाद्यान्न और दूध रखा सुरक्षित - गोरखपुर प्रशासन लॉकडाउन को लेकर सतर्क

लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ा दिया गया है. ऐसे में गोरखपुर जिला प्रशासन ने जनसंख्या के हिसाब से अगले 3 महीने का खाद्यान्न और 6 महीने के दूध की व्यवस्था कर ली है.

गोरखपुर समाचार.
डीएम के विजेंद्र पांडियन.
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Published : Apr 14, 2020, 6:10 PM IST

गोरखपुर: देश में लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ा दिया गया है. जिला प्रशासन ने जिस तरह की तैयारियों को अंजाम दिया है उससे यहां के लोगों को तनिक भी चिंता करने की जरूरत नहीं है. यहां की जनसंख्या के हिसाब से अगले 3 महीने का खाद्यान्न और 6 महीने के दूध की व्यवस्था कर ली गई है. सब्जी, मछली और अंडा को भी गोदामों में सुरक्षित रख लिया गया है.

डीएम के विजेंद्र पांडियन ने कहा कि लॉकडाउन बढ़ने की संभावना के बीच जिले में कुल 22 रैक से खाद्यान्न की आपूर्ति कर गोदामों को भर लिया गया है, जो 3 महीने के लिए पर्याप्त है. दूध की खपत प्रतिदिन एक लाख लीटर की है, लेकिन जो बचा उससे पाउडर बना लिया गया है. 6 महीने तक दूध की आपूर्ति भी सुनिश्चित कर ली गई है. साथ ही सब्जी, अंडा और मछली को भी कोल्ड स्टोरेज में सुरक्षित करा दिया गया है. उन्होंने बताया कि बुखार, सर्दी से लेकर तमाम तरह की गंभीर बीमारियों से निपटने के लिए दवाएं मंगवाकर रख ली गईं हैं. जिन राज्यों में भी ऐसे मालवाहक वाहन फंसे थे, उनसे संपर्क स्थापित कर उन्हें जिले में प्रवेश दिलाया गया है.

जिलाधिकारी ने बताया कि 15 अप्रैल से 8.50 लाख लोगों को पांच-पांच किलो नि:शुल्क चावल और 23 अप्रैल से 1 किलो दाल मिलेगी, जिसमें पंजीकृत मनरेगा मजदूर, नगर निगम में पंजीकृत ठेला-खोमचा वाले शामिल हैं. उन्होंने कहा कि इस दौरान कम्युनिटी किचन भी चलते रहेंगे, जिससे बेसहारा दैनिक श्रमिकों, रिक्शा और ठेले वालों को खाने की दिक्कत नहीं होगी. साथ ही होम डिलीवरी के लिए ऑनलाइन पोर्टल चलते रहेंगे, जिससे ग्राहक सुविधा अनुसार अपना सामान घर तक मंगा सकेंगे.

गोरखपुर: देश में लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ा दिया गया है. जिला प्रशासन ने जिस तरह की तैयारियों को अंजाम दिया है उससे यहां के लोगों को तनिक भी चिंता करने की जरूरत नहीं है. यहां की जनसंख्या के हिसाब से अगले 3 महीने का खाद्यान्न और 6 महीने के दूध की व्यवस्था कर ली गई है. सब्जी, मछली और अंडा को भी गोदामों में सुरक्षित रख लिया गया है.

डीएम के विजेंद्र पांडियन ने कहा कि लॉकडाउन बढ़ने की संभावना के बीच जिले में कुल 22 रैक से खाद्यान्न की आपूर्ति कर गोदामों को भर लिया गया है, जो 3 महीने के लिए पर्याप्त है. दूध की खपत प्रतिदिन एक लाख लीटर की है, लेकिन जो बचा उससे पाउडर बना लिया गया है. 6 महीने तक दूध की आपूर्ति भी सुनिश्चित कर ली गई है. साथ ही सब्जी, अंडा और मछली को भी कोल्ड स्टोरेज में सुरक्षित करा दिया गया है. उन्होंने बताया कि बुखार, सर्दी से लेकर तमाम तरह की गंभीर बीमारियों से निपटने के लिए दवाएं मंगवाकर रख ली गईं हैं. जिन राज्यों में भी ऐसे मालवाहक वाहन फंसे थे, उनसे संपर्क स्थापित कर उन्हें जिले में प्रवेश दिलाया गया है.

जिलाधिकारी ने बताया कि 15 अप्रैल से 8.50 लाख लोगों को पांच-पांच किलो नि:शुल्क चावल और 23 अप्रैल से 1 किलो दाल मिलेगी, जिसमें पंजीकृत मनरेगा मजदूर, नगर निगम में पंजीकृत ठेला-खोमचा वाले शामिल हैं. उन्होंने कहा कि इस दौरान कम्युनिटी किचन भी चलते रहेंगे, जिससे बेसहारा दैनिक श्रमिकों, रिक्शा और ठेले वालों को खाने की दिक्कत नहीं होगी. साथ ही होम डिलीवरी के लिए ऑनलाइन पोर्टल चलते रहेंगे, जिससे ग्राहक सुविधा अनुसार अपना सामान घर तक मंगा सकेंगे.

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