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Shiva Blind Stick नेत्रहीनों को दिखाएगी रास्ता, इस मामूली कीमत पर होगी उपलब्ध

इंस्‍टीट्यूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी एण्‍ड मैनेजमेंट गीडा (Institute of Technology and Management Gida) की चार छात्राओं ने एक ऐसी स्टिक बनाई है, जो नेत्रहीनों को रास्ता दिखाएगी. नेत्रहीन व्यक्तियों को अब किसी के सहारे की जरूरत नहीं होगी. वो किस बाजार या कॉम्पलेक्स में हैं या उनके पास कौन सा मंदिर हैं. मंदिर में कौन से भगवान की मूर्ति रखी हुई हैं. ये स्टिक उनको इसकी बिल्कुल सटीक सूचना देगी. देखिए ये स्पेशल रिपोर्ट....

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Published : Feb 20, 2023, 1:51 PM IST

Updated : Feb 20, 2023, 1:58 PM IST

Shiva blind stick के बारे में बताती छात्राएं

गोरखपुरः नेत्रहीन व्यक्तियों की मदद के लिए गोरखपुर के आईटीएम इंजीनियर कॉलेज की चार छात्राओं ने एक अनोखा आविष्कार किया है. आंखों की रोशनी गंवा चुके लोग को उनके गंतव्य तक पहुंचाने में मदद के लिए एक ऐसी छड़ी बनायी गयी है, जो उन्हें उनके पास की चीजों के बारे एक दम सटीक और सही जानकारी देगी. मंदिर, काम्प्लेक्स और भीड़-भाड़ वाले इलाकों के बारे में भी ये स्टिक इनको सूचित करेगी. अब नेत्रहीनों को किसी के सहारे या मदद की जरूरत नहीं होगी. ये स्टिक ही इनका सहारा और आंखों का तारा बनेगी, जिसका नाम है 'शिवा ब्लाइंड स्टिक'.

600 से 700 रुपये में होगी उपलब्धः इस स्टिक को आईटीएम (इंस्‍टीट्यूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी एण्‍ड मैनेजमेंट) गीडा की चार छात्रा अंकिता, अंजलि, अंशिका और अनामिका ने बनाया है. इनके ग्रुप को फोर 'ए' प्रोजेक्ट भी कहा जाता हैं. इनमें तीन छात्राएं बीटेक और एक एमबीए प्रथम वर्ष की छात्रा है. छात्राओं ने बताया कि इस स्टिक को उन्होंने महज एक सप्‍ताह में बनाया है. इसको बनाने में 2500 रुपये की लागत आई है, लेकिन बाजार में यह स्टिक केवल 600 से 700 रुपये की कीमत में उपलब्ध हो जाएगी. नेत्रहीन इसे आसानी से खरीद पाएंगे.

नेत्रहीनों को देगी सटीक जानकारीः छात्रों ने बताया कि यह स्टिक नेत्रहीनों को धार्मिक स्‍थलों, शॉपिंग माल, दुकानों, पार्क, बाजार और अन्‍य किसी भी स्‍थान पर पहुंचने और उसके बारे में जानकारी देगा. साथ ही वह जिस मंदिर से गुजर रहे हैं या फिर जिस मंदिर के पास खड़े हैं. वो किसका मंदिर है या उसमें किसकी मूर्ति रखी हुई है ये भी बताएगा. चारों छात्राओं ने इस डिवाइस को असिस्‍टेंट प्रोफेसर विनीत राय के निर्देशन में तैयार किया है.

रेडियो सिग्नल करेगा ट्रांसमीटः शिवा ब्लाइंड स्टिक रेडियो सिग्नल पर काम करती है. स्टिक में एक रिसीवर होता है, जो वॉइस सर्किट से जुड़ा होता हैं. इस सर्किट का एक ट्रांसमीटर होता हैं. इसमें धार्मिक स्थलों, मेडिकल शॉप, हॉस्पिटल की जानकारी ट्रांसमीटर चिप में इंस्टॉल कर सकतें हैं. नेत्रहीन व्यक्ति जब स्टिक में लगे बटन को दबाएगा, तो उस एरिया में ट्रांसमीटर को एक रेडियो सिग्नल मिलेगा. इससे छड़ी में लगे ईयर फोन में आवाज के माध्यम से ये पता चलेगा कि उनके नजदीक क्या है. जैसे, धार्मिक स्‍थल, हॉस्पिटल, स्कूल, मेडिकल शॉप या अन्‍य कोई और जगह. शिवा ब्लाइंड स्टिक बनाने के लिए एक सेल्फी स्टिक, ट्रांसमीटर, रिसिवर, रिले 5 वोल्ट, वॉइस रिकॉर्डिंग चिप, 9 वोल्ट बैटरी, स्पीकर को इस्तेमाल किया गया है.

सीएम को भी देंगे आविष्कार की जानकारीः आईटीएम के असिस्‍टेंट प्रोफेसर विनीत राय ने बताया कि नेत्रहीनों के लिए यह लेटेस्‍ट टेक्‍नॉलॉजी से बना है. सेल्‍फी स्टिक को आधार बनाकर इसे तैयार किया गया है. उन्‍होंने बताया कि ये स्टिक जिसके बारे में ऑडियो रिकार्डिंग डिवाइस में अपलोड की जाएगी, उसके बारे में जानकारी देगी. वे इसके बारे में मुख्‍यमंत्री को भी अवगत कराएंगे. आईटीएम के निदेशक एनके सिंह ने बताया कि इसे आगे और डेवलप किया जाएगा. नेत्रहीनों के लिए ये स्टिक काफी लाभकारी होगी.

ये भी पढ़ेंः UP की जेलों में बंद टॉप-10 अपराधियों की 24 घंटे होगी निगरानी, सीएम योगी ने मांगी सूची

Shiva blind stick के बारे में बताती छात्राएं

गोरखपुरः नेत्रहीन व्यक्तियों की मदद के लिए गोरखपुर के आईटीएम इंजीनियर कॉलेज की चार छात्राओं ने एक अनोखा आविष्कार किया है. आंखों की रोशनी गंवा चुके लोग को उनके गंतव्य तक पहुंचाने में मदद के लिए एक ऐसी छड़ी बनायी गयी है, जो उन्हें उनके पास की चीजों के बारे एक दम सटीक और सही जानकारी देगी. मंदिर, काम्प्लेक्स और भीड़-भाड़ वाले इलाकों के बारे में भी ये स्टिक इनको सूचित करेगी. अब नेत्रहीनों को किसी के सहारे या मदद की जरूरत नहीं होगी. ये स्टिक ही इनका सहारा और आंखों का तारा बनेगी, जिसका नाम है 'शिवा ब्लाइंड स्टिक'.

600 से 700 रुपये में होगी उपलब्धः इस स्टिक को आईटीएम (इंस्‍टीट्यूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी एण्‍ड मैनेजमेंट) गीडा की चार छात्रा अंकिता, अंजलि, अंशिका और अनामिका ने बनाया है. इनके ग्रुप को फोर 'ए' प्रोजेक्ट भी कहा जाता हैं. इनमें तीन छात्राएं बीटेक और एक एमबीए प्रथम वर्ष की छात्रा है. छात्राओं ने बताया कि इस स्टिक को उन्होंने महज एक सप्‍ताह में बनाया है. इसको बनाने में 2500 रुपये की लागत आई है, लेकिन बाजार में यह स्टिक केवल 600 से 700 रुपये की कीमत में उपलब्ध हो जाएगी. नेत्रहीन इसे आसानी से खरीद पाएंगे.

नेत्रहीनों को देगी सटीक जानकारीः छात्रों ने बताया कि यह स्टिक नेत्रहीनों को धार्मिक स्‍थलों, शॉपिंग माल, दुकानों, पार्क, बाजार और अन्‍य किसी भी स्‍थान पर पहुंचने और उसके बारे में जानकारी देगा. साथ ही वह जिस मंदिर से गुजर रहे हैं या फिर जिस मंदिर के पास खड़े हैं. वो किसका मंदिर है या उसमें किसकी मूर्ति रखी हुई है ये भी बताएगा. चारों छात्राओं ने इस डिवाइस को असिस्‍टेंट प्रोफेसर विनीत राय के निर्देशन में तैयार किया है.

रेडियो सिग्नल करेगा ट्रांसमीटः शिवा ब्लाइंड स्टिक रेडियो सिग्नल पर काम करती है. स्टिक में एक रिसीवर होता है, जो वॉइस सर्किट से जुड़ा होता हैं. इस सर्किट का एक ट्रांसमीटर होता हैं. इसमें धार्मिक स्थलों, मेडिकल शॉप, हॉस्पिटल की जानकारी ट्रांसमीटर चिप में इंस्टॉल कर सकतें हैं. नेत्रहीन व्यक्ति जब स्टिक में लगे बटन को दबाएगा, तो उस एरिया में ट्रांसमीटर को एक रेडियो सिग्नल मिलेगा. इससे छड़ी में लगे ईयर फोन में आवाज के माध्यम से ये पता चलेगा कि उनके नजदीक क्या है. जैसे, धार्मिक स्‍थल, हॉस्पिटल, स्कूल, मेडिकल शॉप या अन्‍य कोई और जगह. शिवा ब्लाइंड स्टिक बनाने के लिए एक सेल्फी स्टिक, ट्रांसमीटर, रिसिवर, रिले 5 वोल्ट, वॉइस रिकॉर्डिंग चिप, 9 वोल्ट बैटरी, स्पीकर को इस्तेमाल किया गया है.

सीएम को भी देंगे आविष्कार की जानकारीः आईटीएम के असिस्‍टेंट प्रोफेसर विनीत राय ने बताया कि नेत्रहीनों के लिए यह लेटेस्‍ट टेक्‍नॉलॉजी से बना है. सेल्‍फी स्टिक को आधार बनाकर इसे तैयार किया गया है. उन्‍होंने बताया कि ये स्टिक जिसके बारे में ऑडियो रिकार्डिंग डिवाइस में अपलोड की जाएगी, उसके बारे में जानकारी देगी. वे इसके बारे में मुख्‍यमंत्री को भी अवगत कराएंगे. आईटीएम के निदेशक एनके सिंह ने बताया कि इसे आगे और डेवलप किया जाएगा. नेत्रहीनों के लिए ये स्टिक काफी लाभकारी होगी.

ये भी पढ़ेंः UP की जेलों में बंद टॉप-10 अपराधियों की 24 घंटे होगी निगरानी, सीएम योगी ने मांगी सूची

Last Updated : Feb 20, 2023, 1:58 PM IST
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