गोरखपुर: व्यक्ति हो या संस्थाएं सब अपने-अपने ढंग से 2020 का स्वागत कर रहे हैं. धार्मिक पुस्तकों की छपाई का सबसे बड़ा केंद्र गोरखपुर का 'गीता प्रेस' भी इस अवसर पर अपने पाठकों को कुछ नए अंदाज में भगवद गीता और कल्याण जैसी पत्रिका पढ़ने के लिए उपलब्ध करा रहा है.
भगवत गीता की लाखों पुस्तकें छापने वाली यह संस्था पहली बार 2020 में इस पुस्तक को पूरी तरह से कलरफुल 4 रंगों में छापने जा रही है. इस भगवत गीता में चित्रों की भरमार होगी जो छंद और दोहे के भाव को पृष्ठों पर प्रस्तुत करती हुई नजर आएंगी. जनवरी में इसका प्रकाशन गीता प्रेस का लक्ष्य है.
विपणन प्रबंधक ने दी जानकारी
गीता प्रेस के विपणन प्रबंधक लालमणि तिवारी के अनुसार, इस पुस्तक का लेआउट पूरी तरह बनकर तैयार है. उन्होंने छापे जाने वाली गीता के कलेवर को ईटीवी भारत के सामने प्रस्तुत भी किया और उसको दिखाते हुए बताया कि गीता के संस्कृत में लिखे हुए श्लोक का हिंदी में भावपूर्ण वर्णन किया गया रहेगा. साथ ही चित्र भी पृष्ठ पर मौजूद होगा, जिससे पाठक को पुस्तक पढ़ने के साथ आनंद प्राप्त होगा.
छंद और दोहों पर विशेष प्रबंधन
उन्होंने कहा कि कलरफुल भगवत गीता में चित्रों के अलावा इसके छंद और दोहों पर भी एक विशेष समझ प्रबंधन ने दिखाया है. प्रत्येक श्लोक को चार भागों में और 4 रंगों में बांट कर छापा गया है. जहां-जहां कॉमा या पूर्ण विराम लगे हैं, उसके पहले के शब्दों को अलग-अलग रंगों में प्रस्तुत किया गया है, जिससे पाठक ढंग से पढ़ता जाएगा, रुकता जाएगा और शब्द के सार को समझता भी जायेगा.
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उन्होंने कहा कि गीता प्रेस के लिए हर दिन नए साल जैसा है, क्योंकि यह संस्था अपने पाठकों को पढ़ने लायक पुस्तकों को उनके सामने प्रस्तुत करने के लिए कुछ न कुछ हर दिन सोचती रहती है, जिससे पाठकों का कल्याण हो और समाज को इसके माध्यम से लाभ हो. लालमणि तिवारी का मानना है कि गीता के ज्ञान के लिए गीता के पाठकों को यह पुस्तक बेहद लाभ पहुंचाएगी.