गोरखपुर: नियमों के विपरीत जमीन की प्लॉटिंग का कारोबार करने वाले कारोबारियों पर गोरखपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी काल बनकर टूट रहा है. शहर हो या जिला जहां भी प्लॉटिंग हो रही है, उसके प्रोपराइटर को रेरा का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है. नहीं तो उसे जीडीए के नियम और शर्तो का पालन करना होगा. करीब 12 से ज्यादा प्लॉटिंग करने वाले लोग इस नियम कानून में फंस चुके हैं. जीडीए ऐसे लोगों के प्रोजेक्ट पर बुलडोजर चलाने में जरा सी भी कोताही नहीं बरत रहा है. अवैध प्लॉटिंग के बाउंड्रीवाल और प्रोजेक्ट गेट को बुलडोजर ध्वस्त करने में जुट गए हैं. तो सूचीबद्ध लोगों के लिए यह कार्रवाई मुश्किल भरी हो गई है. जिन्हें कहीं से भी कोई राहत नहीं मिलने वाली है. जीडीए की इसके लिए लैंड पूलिंग योजना है, जिसको स्वीकार करना ऐसे कारोबारियों के लिए मजबूरी बन गई है. नहीं तो वह बच नहीं पाएंगे.
रेरा का रजिस्ट्रेशन होना जरुरी: गोरखपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष आनंद वर्धन सिंह ने कहा है कि शहर के विकास के लिए नई बसने वाली कॉलोनी का प्रॉपर लेआउट और डिजाइन के साथ, ड्रेनेज, सड़क और पार्क जैसी का सुविधाओं होना जरूरी है. जिससे यहां पर महंगे दाम पर जमीन खरीद कर बसने वाले लोगों को असुविधाओं का सामना न करना पड़े. उन्हें विकास के लिए प्राधिकरण और नगर निगम का चक्कर न लगाना पड़े. इसलिए नियमों को दायरे में प्लॉटिंग के कारोबार से जुड़े हुए लोगों को इससे जोड़ा जा रहा है. जो मानने को तैयार नहीं है. अवैध तरीके से बिक्री में जुटे हैं, उन्हें चिन्हित कर लिया गया है. आनंद वर्धन सिंह ने कहा कि यह कार्रवाई दीपावली से पहले पूरी की गई है. इसके बाद अब प्रोजेक्ट पर बुलडोजर भी चलना शुरू हो गया है. बेचेगा वहीं जो नियमों के तहत आएगा. उसका रेरा का रजिस्ट्रेशन हो, या फिर लैंड पूलिंग योजना से वह जुड़े हो. यही कारोबारी के बचने का कारण बनेगा. क्योंकि अपने आवास का ख्वाब देखने वाले लोगों को प्राधिकरण किसी भी ऐसे अवैध कॉलोनाइजर के द्वारा ठगने नहीं देगा.
इसे भी पढ़े-Lucknow News : लखनऊ में अवैध निर्माण के खिलाफ फिर चला बुलडोजर, जानिये कहां हुई कार्रवाई
लैंड पूलिंग योजना के जरिए प्लाटिंग वैध: उपाध्यक्ष आनंद वर्धन सिंह ने कहा कि लैंड पूलिंग योजना के जरिए प्लाटिंग को वैध किया जा सकता है. इसके लिए कम से कम 25 एकड़ भूमि होनी चाहिए, जिसे कॉलोनाइजर जीडीए के साथ सहमति के साथ लॉन्च करेगा. प्राधिकरण इसे विकसित करेगा और आवासीय भूपयोग देगा. विकसित करने के बाद 25% विकसित जमीन भू स्वामी को बिक्री के लिए दे दी जाएगी. शेष जीडीए के अधीन होगा. तभी यह कार्रवाई आगे बढ़ पाएगी. उन्होंने कहा कि जनहित में चिह्नित की गई अवैध प्लॉटिंग को ध्वस्त करने का अभियान चलाया जा रहा है. जो आगे भी चलता रहेगा. बिना लेआउट स्वीकृत करें प्लॉटिंग नहीं होने दी जाएगी.
अवैध प्लॉटिंग ध्वस्तीकरण की कार्रवाई: गोरखपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष आनंद वर्धन सिंह ने बताया कि अभी तक करीब सैकडों एकड़ क्षेत्रफल में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की गई है. 26 अवैध प्लॉटिंग चिन्हित की गई है. गोरखपुर वाराणसी मार्ग पर अभिषेक पांडेय की ओर से 35 एकड़ में की गई अवैध प्लॉटिंग बालाजी सिटी, भारत सिंह और अन्य की ओर से ताल नदौर में की गई. 40 एकड़ में सिंगापुर सिटी, संजीव सिंह और अन्य की ओर से 40 एकड़ क्षेत्रफल में विकसित की गई. वसुंधरा सिटी पर बुलडोजर चलाया गया है. यह सब कार्रवाई प्राधिकरण के अभियंताओं और राजस्व की टीम की मौजूदगी में की जा रही है. उन्होंने कहा कि इसी प्रकार मड़ापार में अभिषेक मिश्रा द्वारा विकसित की जा रही अभिप्रियम वैली, घनश्याम दास मल्ल द्वारा जंगल धूषण में ढाई सौ एकड़ में विकसित की जा रही अंबे सिटी, कृष्ण मुरारी जायसवाल ने मड़ापार में 7 एकड़ में विकसित की जा रही रामचंद्र नगर, विजय पाठक द्वारा मोतीराम अड्डा में 8 एकड़ में विकसित की जा रही न्यू बंधन सिटी, प्रकाश सिंह द्वारा करजहा में 10 एकड़ में विकसित की जा रही आयुष रेजिडेंसी समेत 26 लोगों को चिन्हित किया गया है. जो लोग प्लॉटिंग कर रहे हैं अगर वह नियमों के दायरे में खुद को नहीं लाते हैं, तो इनके प्रोजेक्ट पर बुलडोजर हर हाल में चलेगा.
यह भी पढ़े-सुशांत गोल्फ सिटी क्षेत्र में अवैध प्लाटिंग पर चला LDA का बुलडोजर, विकसित की जा रही था काॅलोनी