गोरखपुर: विधान परिषद के पूर्व सभापति गणेश शंकर पाण्डेय की कोरोना रिपोर्ट को लेकर गोरखपुर में संग्राम छिड़ गया है. दरअसल, पूर्व सभापति ने शहर की तिलक पैथोलॉजी में 26 अगस्त को जांच कराया था, जिसमें उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई. वहीं लखनऊ के मेदांता और गोरखपुर के बीआरडी में रिपोर्ट निगेटिव आई. अब सभापति के बेटे ने सीएमओ से शिकायत की है.
पूर्व सभापति ने 26 अगस्त को तिलक पैथालॉजी में नमूना दिया था. उसी दिन प्रशासन के सहयोग से उन्होंने बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भी नमूना जांच के लिए भिजवाया था. 26 अगस्त को तिलक पैथालॉजी में उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई, इसके बाद 27 अगस्त को लखनऊ प्रशासन के सहयोग से सभापति को मेंदाता में भर्ती कराया गया.
इस बीच उन्होंने मेदांता में भी कोरोना टेस्ट के लिए सैंपल दिया. मेदांता और गोरखपुर दोनों ही जगह से रिपोर्ट कोरोना निगेटिव ही आई. अब गणेश शंकर पांडेय को मेदांता से डिस्चार्ज कर दिया गया है.
सभापति के बेटे ने गलत रिपोर्ट देने वाली निजी पैथोलॉजी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सीएमओ गोरखपुर से शिकायत की है. यही नहीं, उन्होंने सोशल मीडिया पर भी पैथोलॉजी की कृत्य को वायरल किया है. निजी पैथोलॉजी के खिलाफ कार्रवाई के लिए पूर्व सभापति के बेटे सक्रिय हो गए हैं. सीएमओ से की गई शिकायत के बाद फिलहाल यह मामला जांच में उलझ गया है.
निजी पैथालॉजी के संचालक डॉ. मंगलेश ने बताया कि रिपोर्ट देने में किसी तरह की कोई चूक नहीं की गई है. जिस प्रक्रिया से जांच हुई, उसमें प्राथमिक रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. वहीं पूर्व सभापति के पुत्र ने सोशल मीडिया पर इस मामले को लिखते हुए लोगों से निजी पैथालॉजी से जांच कराते समय सावधान रहने की अपील की है.