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गोरखपुर: नगर निगम में शामिल होने वाली ग्राम पंचायतों का भविष्य अधर में - गोरखपुर के गांव नगर निगम में

यूपी के गोरखपुर जिले की 46 ग्राम पंचायतों को इसी महीने नगर निगम की सीमा में शामिल होना था, लेकिन शासन की लापरवाही के चलते इनका भविष्य अधर में फंस गया है. नगर आयुक्त का कहना है कि अभी उन्हें शासन से इसके संबंध में कोई लिखित आदेश नहीं मिला है. इसके चलते नगर निगम में शामिल करना उचित नहीं हैं.

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Published : Oct 9, 2020, 5:14 PM IST

गोरखपुरः जिले की 46 ग्राम पंचायतों को इसी साल नगर निगम और नगर पंचायत की सीमा में शामिल करने की घोषणा हुई थी. इसके साथ ही इन ग्राम पंचायतों में उपलब्ध धनराशि से जरूरी विकास कार्यों को पूर्ण करने के लिए अंतिम तिथि 30 सितंबर निर्धारित की गई थी. अक्टूबर माह से इन्हें शासन की घोषणा के मुताबिक नगर निगम की सीमा में शामिल होना माना जा रहा है, लेकिन पंचायत राज विभाग और नगर निगम के उच्चाधिकारियों में इसको लेकर कशमश जारी है. इससे इन ग्राम पंचायतों में विकास और स्वच्छ्ता के कार्य प्रभावित हो रहे हैं.

इन 46 ग्राम पंचायतों के नगर निगम में शामिल होने के संबंध में जिला पंचायत राज अधिकारी हिमांशु शेखर ठाकुर से जब ईटीवी भारत ने बात की तो उन्होंने विभागीय शासनादेश का हवाला देते हुए इन्हें नगर निगम में शामिल होने की बात कही. साथ ही यह भी कहा कि जब तक नगर निगम इन ग्राम पंचायतों में साफ-सफाई की व्यवस्था नहीं संभालता, उनके विभाग के सफाईकर्मी काम करते रहेंगे. ग्राम पंचायत के सेक्रेटरी और विकास से जुड़े अधिकारियों से वहां काम नहीं लिया जाएगा, क्योंकि ग्राम पंचायतों का खाता शासन ने सीज कर दिया है. वहीं कुछ ग्राम पंचायतों में इस आदेश के बाद सफाईकर्मियों की मनमानी भी जारी है. वह काम पर नहीं आ रहे हैं, जिससे गांव में स्वच्छता अभियान को नुकसान पहुंच रहा है.

निगम अधिकारी को लिखित आदेश का इंतजार
इस संबंध में नगर निगम के नगर आयुक्त अंजनी कुमार सिंह से ईटीवी भारत ने बात की तो उन्होंने ऑन कैमरा बोलने से मना किया. उन्होंने बताया कि 46 ग्राम पंचायतों के नगर निगम सीमा में शामिल होने की सूचना उनके पास है, लेकिन कोई लिखित आदेश उनके कार्यालय को अभी प्राप्त नहीं हुआ है. जब तक पंचायत राज विभाग इन ग्राम पंचायतों को नगर विकास विभाग के साथ हस्तांतरण की कार्यवाही पूरी नहीं कर लेता, तब तक इन ग्राम पंचायतों को नगर निगम की सीमा में शामिल या स्वीकार करना उचित नहीं है. नगर आयुक्त की बातों पर गौर किया जाए तो कहीं न कहीं इस निर्णय में शासन स्तर से चूक हो रही है, जिससे इन ग्राम पंचायतों का भविष्य अधर में फंस गया है.

यह ग्राम पंचायतें नगर निगम में हुई हैं शामिल
चरगांवा ब्लॉक की नूरुद्दीन चक, मुंडेरा, हरसेवकपुर नंबर- दो, गुलरिहा, करमहा, जंगल हकीम नंबर-दो, जंगल तिकोनिया नंबर 1, जंगल बहादुर अली. इसी प्रकार भटहट ब्लॉक की सनराइच उर्फ बड़ागांव और ताज पिपरा. खोराबार ब्लॉक की जंगल सिकरी, भरवालिया बुजुर्ग, बड़गो, झरवा, सेमरा देवी प्रसाद, गायघाट बुजुर्ग, सिकतौर और कजाकपुर और खोराबार. पिपराइच ब्लॉक में रिठिया, मुंडेरी गढ़वा, सिधावल, हरखापुर समेत 46 ग्राम पंचायतें नगर निगम और नगर पंचायत का हिस्सा बनी हैं.

गोरखपुरः जिले की 46 ग्राम पंचायतों को इसी साल नगर निगम और नगर पंचायत की सीमा में शामिल करने की घोषणा हुई थी. इसके साथ ही इन ग्राम पंचायतों में उपलब्ध धनराशि से जरूरी विकास कार्यों को पूर्ण करने के लिए अंतिम तिथि 30 सितंबर निर्धारित की गई थी. अक्टूबर माह से इन्हें शासन की घोषणा के मुताबिक नगर निगम की सीमा में शामिल होना माना जा रहा है, लेकिन पंचायत राज विभाग और नगर निगम के उच्चाधिकारियों में इसको लेकर कशमश जारी है. इससे इन ग्राम पंचायतों में विकास और स्वच्छ्ता के कार्य प्रभावित हो रहे हैं.

इन 46 ग्राम पंचायतों के नगर निगम में शामिल होने के संबंध में जिला पंचायत राज अधिकारी हिमांशु शेखर ठाकुर से जब ईटीवी भारत ने बात की तो उन्होंने विभागीय शासनादेश का हवाला देते हुए इन्हें नगर निगम में शामिल होने की बात कही. साथ ही यह भी कहा कि जब तक नगर निगम इन ग्राम पंचायतों में साफ-सफाई की व्यवस्था नहीं संभालता, उनके विभाग के सफाईकर्मी काम करते रहेंगे. ग्राम पंचायत के सेक्रेटरी और विकास से जुड़े अधिकारियों से वहां काम नहीं लिया जाएगा, क्योंकि ग्राम पंचायतों का खाता शासन ने सीज कर दिया है. वहीं कुछ ग्राम पंचायतों में इस आदेश के बाद सफाईकर्मियों की मनमानी भी जारी है. वह काम पर नहीं आ रहे हैं, जिससे गांव में स्वच्छता अभियान को नुकसान पहुंच रहा है.

निगम अधिकारी को लिखित आदेश का इंतजार
इस संबंध में नगर निगम के नगर आयुक्त अंजनी कुमार सिंह से ईटीवी भारत ने बात की तो उन्होंने ऑन कैमरा बोलने से मना किया. उन्होंने बताया कि 46 ग्राम पंचायतों के नगर निगम सीमा में शामिल होने की सूचना उनके पास है, लेकिन कोई लिखित आदेश उनके कार्यालय को अभी प्राप्त नहीं हुआ है. जब तक पंचायत राज विभाग इन ग्राम पंचायतों को नगर विकास विभाग के साथ हस्तांतरण की कार्यवाही पूरी नहीं कर लेता, तब तक इन ग्राम पंचायतों को नगर निगम की सीमा में शामिल या स्वीकार करना उचित नहीं है. नगर आयुक्त की बातों पर गौर किया जाए तो कहीं न कहीं इस निर्णय में शासन स्तर से चूक हो रही है, जिससे इन ग्राम पंचायतों का भविष्य अधर में फंस गया है.

यह ग्राम पंचायतें नगर निगम में हुई हैं शामिल
चरगांवा ब्लॉक की नूरुद्दीन चक, मुंडेरा, हरसेवकपुर नंबर- दो, गुलरिहा, करमहा, जंगल हकीम नंबर-दो, जंगल तिकोनिया नंबर 1, जंगल बहादुर अली. इसी प्रकार भटहट ब्लॉक की सनराइच उर्फ बड़ागांव और ताज पिपरा. खोराबार ब्लॉक की जंगल सिकरी, भरवालिया बुजुर्ग, बड़गो, झरवा, सेमरा देवी प्रसाद, गायघाट बुजुर्ग, सिकतौर और कजाकपुर और खोराबार. पिपराइच ब्लॉक में रिठिया, मुंडेरी गढ़वा, सिधावल, हरखापुर समेत 46 ग्राम पंचायतें नगर निगम और नगर पंचायत का हिस्सा बनी हैं.

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