गोरखपुर: कोरोना महामारी के समय जब तमाम लोग अपनों की मदद करने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं तो वहीं गोरखपुर में पूर्व पार्षदों के संगठन ने अपने एक पूर्व साथी की मौत के बाद अद्भुत मिसाल पेश की है. पूर्व पार्षद रहे हरीश चंद्र निषाद की मौत पिछले दिनों कोरोना के चलते हो गई थी. इसी बीच उनकी बेटी की शादी भी तय थी जो 7 मई को होनी है. पिता की मौत के बाद बेटी के विवाह को लेकर संशय हो गया था. वहीं कई तरह के ऐसे खर्चे थे, जिसके लिए पैसों का जुगाड़ करना भी कठिन था. ऐसे में अपने साथी की मौत से दुखी पूर्व पार्षदों के संगठन ने आपसी सहयोग से बिटिया के विवाह के लिए नगद 31 हजार रुपये की मदद परिवार को पहुंचाई. इसके अलावा रसोई गैस के डबल सिलेंडर का कनेक्शन और तमाम घरेलू सामान देकर दुख की इस घड़ी में परिवार के साथी बने. उन्होंने आगामी 7 मई को अपनी अगुवाई में बिटिया का विवाह भी संपन्न कराने का संकल्प लिया.
बिटिया के विवाह को सम्पन्न कराने में जुटा पूर्व पार्षद एकता मंच
पूर्व पार्षद एकता मंच के पदाधिकारियों और सदस्यों ने संगठन के संरक्षक सुरेन्द्र जायसवाल और अध्यक्ष शिवाजी शुक्ल के नेतृत्व में अपने साथी के घर पहुंचकर यह सहयोग दिया. इस दौरान इन लोगों ने अपनी सेहत की भी परवाह नहीं की. इनमें से कई ऐसे पूर्व पार्षद थे, जो शुगर और बीपी के मरीज थे, फिर भी वह मदद को निकल पड़े थे. पहाड़ की तरह हमेशा दुखद परिस्थितियों में साथ खड़े रहने वाले प्रमुख महासचिव शशांक शेखर त्रिपाठी, महासचिव श्रवण कुमार पाण्डेय, प्रज्ञा गैस एजेंसी के मालिक रविश तिवारी समेत कई अन्य साथियों ने इस मदद के साथ परिवार का हौसला बनाए रखा. उन्होंने कहा कि विवाह की रस्म भी निभाई जाएगी और कोविड प्रोटोकॉल के तहत विवाह भी सम्पन्न होगा.
दुःख की घड़ी में सहारा बन रहा पूर्व पार्षद एकता मंच
शहर में पूर्व पार्षद एकता मंच का गठन करीब 4 माह पहले हुआ. इन्होंने अपने पूर्व साथी को जिंदगी मौत से जूझते देखकर 1 लाख 11 हजार की मदद पहुंचाई थी. इसके बाद यह संगठन अपने उन सभी साथियों के लिए तत्पर नजर आ रहा है, जो पूर्व पार्षद रहे हैं. जिनकी आमदनी का कोई खास सहारा नहीं है, लेकिन वह फिर भी सामाजिक जीवन जीते हुए अपने परिवार के भरण-पोषण में लगे हुए हैं. पूर्व पार्षद एकता मंच के संरक्षक सुरेंद्र जायसवाल ने कहा कि यह संगठन अपने साथियों की जो भी मदद संभव होगा वह हर हाल में करेगा. इसमें जात-पात और राजनीतिक दल का भेदभाव नहीं देखा जाएगा.
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