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पूर्व कैबिनेट मंत्री और यूपी के बाहुबली नेता पंडित हरिशंकर तिवारी का निधन

उत्तर प्रदेश के बाहुलबली नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री पंडित हरिशंकर तिवारी का निधन हो गया. उनके निधन की खबर सुनते ही मौके पर लोगों की भीड़ इकठ्ठा हो गई. पंडित हरिशंकर तिवारी का अंतिम संस्कार कल किया जाएगा.

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पूर्व कैबिनेट मंत्री पंडित हरिशंकर तिवारी
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Published : May 16, 2023, 9:18 PM IST

Updated : May 16, 2023, 9:37 PM IST

गोरखपुरः बाहुबली नेता के रूप में अपनी पहचान कायम रखने वाले प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री पंडित हरिशंकर तिवारी का मंगलवार की शाम निधन हो गया. वह करीब नब्बे वर्ष के थे. गोरखपुर के धर्मशाला बाजार स्तिथ अपने आवास पर उन्होंने अपने जीवन के अंतिम सांस ली. राजनीति के अपराधीकरण की शुरुवात पंडित हरिशंकर तिवारी से मानी जाती है. वह जेल में रहते हुए निर्दलीय विधानसभा का चुनाव जीतने वाले पहले बाहुबली विधायक थे. इनके बाद राजनीति में तमाम अपराधियों ने सफलता हासिल की. पंडित हरिशंकर तिवारी के खाते में प्रदेश के 5 मुख्यमंत्रियों के कैबिनेट में बतौर मंत्री शामिल रहने का रिकॉर्ड दर्ज है. जिसमें कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह, राम प्रकाश गुप्ता, मायावती और जगदंबिका पाल शामिल हैं.

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बाहुबली नेता पंडित हरिशंकर तिवारी

गोरखपुर विश्वविद्यालय से लेकर लखनऊ विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति में भी हरिशंकर तिवारी का दखल रहा है. उनके तमाम शिष्य इन विश्वविद्यालयों के अध्यक्ष और महामंत्री के रूप में जाने जाते हैं. ब्राह्मणों के नेता के रूप में तिवारी की पहचान थी और यह उनके नाम के साथ भी जुड़ गया, जिससे लोग उन्हें पंडित हरिशंकर तिवारी कहा करते थे. उनका जन्म गोरखपुर जिले के बड़हलगंज कोतवाली क्षेत्र के टांडा ग्राम सभा में हुआ था. अस्सी के दशक में जब गोरखपुर के क्राइम की चर्चा न्यूयार्क के साथ होती थी तो वह दौर पंडित हरिशंकर तिवारी का था. इन्हे बड़े अपराधियों का पोषक और पालक भी कहा जाता था, लेकिन आपराधिक रिकॉर्ड के मामले में इनके खाते में बहुत बड़े अपराध दर्ज नहीं हैं, लेकिन राजनीति का इन्होंने जो जलवा अपराध से जोड़ते हुए बिखेरा उसकी धमक पूरे देश में कायम हुई.

पंडित हरिशंकर तिवारी के 2 बेटे हैं, जिनमें बड़े बेटे का नाम भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी है, जो संत कबीर नगर लोकसभा क्षेत्र से दो बार सांसद रह चुके हैं. वहीं, छोटा बेटा विनय शंकर तिवारी इनकी राजनीतिक सीट चिल्लूपार से वर्ष 2017 में बसपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे. रेलवे के ठेके में पंडित हरिशंकर तिवारी की बहुत मजबूत पकड़ रही है. इसके अलावा ठेकेदारी के विभिन्न क्षेत्रों में पंडित हरिशंकर तिवारी, उनकी टीम की धमक बनी रही. निर्दलीय विधायक बनने के बाद उन्होंने अपनी राजनीति कांग्रेस पार्टी के साथ लंबे समय तक जारी रखा. कुछ समय के लिए कांग्रेस से नाता टूटा. बाद में उन्होंने खुद लोकतांत्रिक कांग्रेस के नाम से अपनी पार्टी बनाई और उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे. उम्र के जिस पड़ाव पर उन्होंने जीवन की अंतिम सांस ली है, उस समय उनका भरा पूरा परिवार उनके साथ है. उनकी मृत्यु से पूर्वांचल के हर वर्ग में शोक की लहर है. उम्मीद की जा रही है कि उनकी शव यात्रा यात्रा में देश के नामचीन राजनीतिक हस्तियों का जमावड़ा होगा और शव यात्रा बड़ी भव्य होगी.

पढ़ेंः पूर्वांचल के बड़े ब्राह्मण चेहरे सपा के साथ, बाहुबली और अधिवक्ता संगठन के लोग लगा रहे अखिलेश की जय-जयकार

गोरखपुरः बाहुबली नेता के रूप में अपनी पहचान कायम रखने वाले प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री पंडित हरिशंकर तिवारी का मंगलवार की शाम निधन हो गया. वह करीब नब्बे वर्ष के थे. गोरखपुर के धर्मशाला बाजार स्तिथ अपने आवास पर उन्होंने अपने जीवन के अंतिम सांस ली. राजनीति के अपराधीकरण की शुरुवात पंडित हरिशंकर तिवारी से मानी जाती है. वह जेल में रहते हुए निर्दलीय विधानसभा का चुनाव जीतने वाले पहले बाहुबली विधायक थे. इनके बाद राजनीति में तमाम अपराधियों ने सफलता हासिल की. पंडित हरिशंकर तिवारी के खाते में प्रदेश के 5 मुख्यमंत्रियों के कैबिनेट में बतौर मंत्री शामिल रहने का रिकॉर्ड दर्ज है. जिसमें कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह, राम प्रकाश गुप्ता, मायावती और जगदंबिका पाल शामिल हैं.

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बाहुबली नेता पंडित हरिशंकर तिवारी

गोरखपुर विश्वविद्यालय से लेकर लखनऊ विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति में भी हरिशंकर तिवारी का दखल रहा है. उनके तमाम शिष्य इन विश्वविद्यालयों के अध्यक्ष और महामंत्री के रूप में जाने जाते हैं. ब्राह्मणों के नेता के रूप में तिवारी की पहचान थी और यह उनके नाम के साथ भी जुड़ गया, जिससे लोग उन्हें पंडित हरिशंकर तिवारी कहा करते थे. उनका जन्म गोरखपुर जिले के बड़हलगंज कोतवाली क्षेत्र के टांडा ग्राम सभा में हुआ था. अस्सी के दशक में जब गोरखपुर के क्राइम की चर्चा न्यूयार्क के साथ होती थी तो वह दौर पंडित हरिशंकर तिवारी का था. इन्हे बड़े अपराधियों का पोषक और पालक भी कहा जाता था, लेकिन आपराधिक रिकॉर्ड के मामले में इनके खाते में बहुत बड़े अपराध दर्ज नहीं हैं, लेकिन राजनीति का इन्होंने जो जलवा अपराध से जोड़ते हुए बिखेरा उसकी धमक पूरे देश में कायम हुई.

पंडित हरिशंकर तिवारी के 2 बेटे हैं, जिनमें बड़े बेटे का नाम भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी है, जो संत कबीर नगर लोकसभा क्षेत्र से दो बार सांसद रह चुके हैं. वहीं, छोटा बेटा विनय शंकर तिवारी इनकी राजनीतिक सीट चिल्लूपार से वर्ष 2017 में बसपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे. रेलवे के ठेके में पंडित हरिशंकर तिवारी की बहुत मजबूत पकड़ रही है. इसके अलावा ठेकेदारी के विभिन्न क्षेत्रों में पंडित हरिशंकर तिवारी, उनकी टीम की धमक बनी रही. निर्दलीय विधायक बनने के बाद उन्होंने अपनी राजनीति कांग्रेस पार्टी के साथ लंबे समय तक जारी रखा. कुछ समय के लिए कांग्रेस से नाता टूटा. बाद में उन्होंने खुद लोकतांत्रिक कांग्रेस के नाम से अपनी पार्टी बनाई और उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे. उम्र के जिस पड़ाव पर उन्होंने जीवन की अंतिम सांस ली है, उस समय उनका भरा पूरा परिवार उनके साथ है. उनकी मृत्यु से पूर्वांचल के हर वर्ग में शोक की लहर है. उम्मीद की जा रही है कि उनकी शव यात्रा यात्रा में देश के नामचीन राजनीतिक हस्तियों का जमावड़ा होगा और शव यात्रा बड़ी भव्य होगी.

पढ़ेंः पूर्वांचल के बड़े ब्राह्मण चेहरे सपा के साथ, बाहुबली और अधिवक्ता संगठन के लोग लगा रहे अखिलेश की जय-जयकार

Last Updated : May 16, 2023, 9:37 PM IST
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