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गोरखपुर: चौरी-चौरा तहसील के कई गांवों बाढ़ का खतरा, ग्रामीणों में आक्रोश

गोरखपुर के ग्रामीण इलाकों में बाढ़ का खतरा लगातार बना हुआ है. ग्रामीणों का कहना है कि विभागीय लापरवाही के कारण बोल्डर का काम अधूरा पड़ा हुआ है. जबकि, इसके लिए सरकार ने फंड पहले ही जारी कर दिया था.

ग्रामीण इलाकों में बाढ़ का खतरा
ग्रामीण इलाकों में बाढ़ का खतरा
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Published : Jun 21, 2021, 10:26 AM IST

Updated : Jun 21, 2021, 11:20 AM IST

गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले में इन दिनों लोगों को बाढ़ के खतरे का डर सता रहा है. इसकी वजह विभागीय लापरवाही है. करोड़ों का फंड मिलने के बाद भी जिले के चौरी-चौरा तहसील के ब्रह्मपुर ब्लॉक के जयरामकोल गांव के पास नदी किनारे बोल्डर लगाने का कार्य अधूरा है. ऐसे में इस गांव के आसपास के आधा दर्जन गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. इसके अलावा भारी बरसात से कई जगहों पर कटाव और होल्स बन गए हैं. इससे 52 गांव के लोग बाढ़ की आशंका से डरे हुए हैं.

आपको बता दें कि चौरी चौरा तहसील क्षेत्र के ब्रह्मपुर ब्लॉक से होकर गुजरने वाली नदियों के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. सरकार ने इस वर्ष सिंचाई विभाग के बाढ़ खण्ड विभाग को फरवरी में ही फंड दे दिया था, लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण कई जगहों पर कार्य पूरा नहीं हो पाया है, जिससे लोगों में काफी आक्रोश है.

चौरी-चौरा में बाढ़ से जान का खतरा

गोर्रा नदी के कटान को रोकने के लिए सरकार ने तीन स्थानों पर भगने, जयरामकोल, और जोगिया गांव में बोल्डर बिछाने के लिए फंड जारी किया था. लेकिन, अभी तक सिर्फ भगने में ही कार्य पूरा हो पाया है. जयरामकोल और जोगिया गांव में काम अभी भी अधूरा है. उधर, बरसात के कारण नदियां उफान पर हैं. जिसकी वजह से कटान शुरू हो गया है, जिससे इलाके की जनता परेशान है.

ग्रामीण इलाकों में बाढ़ का खतरा
ग्रामीण इलाकों में बाढ़ का खतरा

इसके आलावा राप्ती नदी पर बरही, सरार, तमठा में संतोषजनक कार्य न होने से जनता परेशान है. क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति ऐसी है कि नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. गांवो में लोग डर रहे हैं. उनको डर सता रहा है कि वे अगली सुबह सही से देख पाएंगे कि नही.

इसे भी पढ़ें:सराहनीय: भूतपर्व सैनिकों ने संभाली संक्रमितों के शवों के अंत्येष्टि की जिम्मेदारी

गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले में इन दिनों लोगों को बाढ़ के खतरे का डर सता रहा है. इसकी वजह विभागीय लापरवाही है. करोड़ों का फंड मिलने के बाद भी जिले के चौरी-चौरा तहसील के ब्रह्मपुर ब्लॉक के जयरामकोल गांव के पास नदी किनारे बोल्डर लगाने का कार्य अधूरा है. ऐसे में इस गांव के आसपास के आधा दर्जन गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. इसके अलावा भारी बरसात से कई जगहों पर कटाव और होल्स बन गए हैं. इससे 52 गांव के लोग बाढ़ की आशंका से डरे हुए हैं.

आपको बता दें कि चौरी चौरा तहसील क्षेत्र के ब्रह्मपुर ब्लॉक से होकर गुजरने वाली नदियों के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. सरकार ने इस वर्ष सिंचाई विभाग के बाढ़ खण्ड विभाग को फरवरी में ही फंड दे दिया था, लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण कई जगहों पर कार्य पूरा नहीं हो पाया है, जिससे लोगों में काफी आक्रोश है.

चौरी-चौरा में बाढ़ से जान का खतरा

गोर्रा नदी के कटान को रोकने के लिए सरकार ने तीन स्थानों पर भगने, जयरामकोल, और जोगिया गांव में बोल्डर बिछाने के लिए फंड जारी किया था. लेकिन, अभी तक सिर्फ भगने में ही कार्य पूरा हो पाया है. जयरामकोल और जोगिया गांव में काम अभी भी अधूरा है. उधर, बरसात के कारण नदियां उफान पर हैं. जिसकी वजह से कटान शुरू हो गया है, जिससे इलाके की जनता परेशान है.

ग्रामीण इलाकों में बाढ़ का खतरा
ग्रामीण इलाकों में बाढ़ का खतरा

इसके आलावा राप्ती नदी पर बरही, सरार, तमठा में संतोषजनक कार्य न होने से जनता परेशान है. क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति ऐसी है कि नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. गांवो में लोग डर रहे हैं. उनको डर सता रहा है कि वे अगली सुबह सही से देख पाएंगे कि नही.

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Last Updated : Jun 21, 2021, 11:20 AM IST
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