गोरखपुर : निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और योगी कैबिनेट के मत्स्य मंत्री डॉ. संजय निषाद ने कहा है कि, आगामी लोकसभा चुनाव 2024 उनकी पार्टी अपने सिंबल पर लड़ेगी. एनडीए के साथ उसका गठबंधन जारी रहेगा. अमित शाह, पीएम मोदी और जेपी नड्डा के साथ उनकी मुलाकात का क्रम लगातार जारी है. सीटों पर तालमेल और समझौता होने के बाद निषाद पार्टी अपने चुनाव चिन्ह 'भोजन भरी थाली' पर प्रत्याशियों को मैदान में उतारेगी. मत्स्य मंत्री रविवार को गोरखपुर में सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.
स्थापना दिवस मनाएगी पार्टी : मत्स्य मंत्री डॉ. संजय निषाद ने कहा कि पार्टी का स्थापना दिवस समारोह 16 अगस्त को महायोगी मत्स्येंद्र नाथ की धरती गोरखपुर में ही मनाया जाएगा. निषाद पार्टी का गठन 16 अगस्त 2016 को हुआ था. इस दिन पार्टी स्थापना दिवस मनाएगी. यह संघर्ष का परिणाम है कि आज विधानसभा में उनके पार्टी के 11 विधायक पहुंचे हैं. बीजेपी शीर्ष नेतृत्व को मछुआ समाज के सभी लंबित मुद्दों से अवगत कराया गया है. राष्ट्रीय अध्यक्ष बीजेपी से मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम और महाराजा गुह्य राज निषाद के श्रृंगवेरपुर धाम, प्रयागराज में 52 फीट ऊंची प्रतिमा के उद्घाटन के लिए समय मांगा है. प्रदेश सरकार ने मछुआ समाज के सर्वांगीण विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. उन्होंने निषाद पार्टी अपने चुनाव चिन्ह पर आगामी लोकसभा का चुनाव लड़ेगी.
आरोपों को बताया बेबुनियाद : डॉ. संजय निषाद ने कहा कि उनके और उनके दल के ऊपर कुछ लोग गलत आरोप लगा रहे हैं. जो लोग निषाद होते हुए भी कभी बहुजन समाज पार्टी का झंडा उठाए थे, उनके आरोपों का निषाद पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ता है. निषादों को आरक्षण देने के मुद्दे पर वह आज भी कायम हैं. निषाद पार्टी से जुड़े हुए निषाद समाज को, कोई भी बहकावे में सफल नहीं होगा.
निषाद समाज को लूटने के लिए हो रहा है स्थापना समारोह : भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राज्यसभा सांसद और मछुआ प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक जयप्रकाश निषाद ने निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद पर इशारों-इशारों में हमला बोला. रविवार को मीडिया से बात करते हुए जयप्रकाश ने कहा कि निषाद बिरादरी का रहनुमा बनकर कुछ लोगों ने अपनी राजनीति और पारिवारिक दुकान चलाई है, अब वह चलने वाली नहीं है. निषाद समाज जाग गया है. 24 जुलाई को गोरखपुर में आयोजित निषाद महाकुंभ में उमड़ी भीड़, ऐसे रहनुमाओं के लिए खतरे का संकेत है, जो बिरादरी के नाम पर कुछ नहीं कर पाए. डॉ. संजय निषाद का नाम न लेते हुए जयप्रकाश ने कहा कि 16 जुलाई को निषाद पार्टी के स्थापना दिवस समारोह की तैयारी चल रही है. यह स्थापना समारोह एक परिवार का है. आरक्षण के नाम पर निषादों को आखिर कब तक ठगा जाएगा. अगर निषाद पार्टी ने आरक्षण दिला दिया होता तो निषाद पार्टी का स्थापना दिवस मनाया जाना सही माना जाता. निषाद आंदोलन और कसरवल कांड में इटावा के अखिलेश निषाद ने अपने प्राणों की आहुति दी, इस घटना की सीबीआई जांच की मांग नहीं की गई.
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