गोरखपुर: देश के कई राज्यों में टिड्डी दल फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. टिड्डी दल की वजह से किसान परेशान हैं. किसान दिन-रात खेतों में पहरा दे रहे हैं. टिड्डियों के दल को भगाने के लिये किसान थालियां पीटने के साथ-साथ आवाजें भी लगा रहे हैं. जिले के उत्तर-पश्चिम ग्रामीण इलाकों में टिड्डियों ने आतंक मचा रखा है. कौड़िया और मीरपुर के किसानों में दहशत है. किसानों का कहना है कि टिड्डियों के आने की वजह से उन्हें डर बना हुआ है. किसान दिन-रात खेतों में ही रहते हैं.
किसान आवाज लगाकर टिड्डियों को भगाने की कोशिश करते हैं. टिड्डी दल ने मक्के की फसल को खासा नुकसान पहुंचाया है. प्रशासन की ओर से भी कोई मदद नहीं मिल रही है. किसान बारी-बारी से दिन-रात जगकर खेतों की रखवाली कर रहे हैं. खेतों में धान की रोपाई का कार्य जारी है. जिन किसानों ने धान की रोपाई की है, उन खेतों की रखवाली के लिए किसान दिन-रात पहरा दे रहे हैं. इसके साथ ही आम के बाग और सब्जी की खेती करने वाले किसान टिड्डियों के आक्रमण को विफल करने के लिए समूह बनाकर खेत में थाली, ढोल और ड्रम बजाकर उनको भगाने में जुटे हैं.
दहशत में हैं किसान
किसानों की मानें तो एक किलोमीटर लंबे टिड्डियों के दल को खेतों के ऊपर मंडराता देखकर ही उनके हाथ-पांव फूलने लगते हैं. किसान हवा के रुख के साथ-साथ टिड्डी दल को भगाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं. चन्दीपुर, मुहम्मदपुर, हगनाटोला, खलंगाटोला, करीमनगर, हरनामपुर, रमवापुर, भौरावारी, मछलीगांव, बलुआ, सोनौरा समेत कैम्पियरगंज के दर्जनों गांवों में टिड्डियों का दल आसमान में मंडरा रहा है. टिड्डी दल ने पेड़-पौधे और सब्जी की फसलों को भी नुकसान पहुंचाया है. यही वजह है कि किसान दहशत में हैं.
एसडीएम सदर गौरव सिंह सोगरवाल ने बताया कि सूचना मिलते ही आपदा विभाग की तरफ से सभी आपदा मित्रों बीडीओ और प्रगतिशील किसानों से संपर्क कर उन्हें टिड्डियों के हमले से बचाव के लिए तैयार किया गया है. पहले भी किसानों को ऐसे हमले से निपटने के लिए प्रेरित किया गया था. फायर बिग्रेड की टीम भी दवा का छिड़काव करने के लिए तैयार है. फिलहाल किसी बड़े नुकसान की जानकारी नहीं मिली है.